Home नरेंद्र मोदी विशेष बीजेपी का मिशन-2024: पीएम मोदी के विजन पर युवाओं के साथ 13...

बीजेपी का मिशन-2024: पीएम मोदी के विजन पर युवाओं के साथ 13 करोड़ बुजुर्गों पर भी होगा फोकस, 2019 में हारी सीटों के लिए इस अभेद्य रणनीति से PM Modi की जीत की हैट्रिक तय

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन पर चलते हुए बीजेपी दूसरे दलों के इसीलिए दस कदम आगे रहती है, क्योंकि उसने मोदी-मंत्र सबका साथ-सबका विकास को आत्मसात कर लिया है। युवाओं की बड़ी फौज तो पीएम मोदी के चलते बीजेपी की दीवानी हो ही गई है, अब भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों को साधने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। बीजेपी का मिशन बुजुर्ग देश के लगभग 13 करोड़ बुजुर्गों (60 प्लस) का मजबूत गठबंधन बनाएगा। इस अनुभवी कड़ी के माध्यम से बीजेपी 2019 में जीती हुईं सीटों पर न सिर्फ वोट शेयर बढ़ाएगी, बल्कि नई सीटें जीतने के लिए कम पड़ रहे वोटों की खाई को पाटेगी। इसके साथ ही बीजेपी ने हारी हुई महत्वपूर्ण सीटों पर पीएम मोदी की रैलियां कराने की भी रणनीति अभी से तैयार कर ली है।युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों पर भी विशेष फोकस रखकर बनाई रणनीति
भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों ने मिशन बुजुर्ग का अभियान काफी स्टडी करने के बाद बनाया है। दरअसल, बीजेपी के थिंक टैंक ने अपने गहन आकलनों में पाया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 राज्यों के बुजुर्ग मतदाताओं का वोट पार्टी को 2014 के मुकाबले कम मिला है। यह आंकड़ा इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि 2014 के मुकाबले 2019 में बीजेपी ने ज्यादा सीटें जीती थीं। इसकी एक वजह थी पीएम मोदी के देशव्यापी आकर्षण के चलते युवाओं ने बीजेपी को खुलकर वोट दिया था। बीजेपी ने इस बार युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों पर भी विशेष फोकस रखकर रणनीति बनाई है।पहले चरण में दस राज्यों के लिए दस सूत्रीय मिशन बुजुर्ग की रूपरेखा तैयार
पहले चरण में बीजेपी ने मिशन बुजुर्ग की प्लानिंग को अंजाम देने के लिए जिन 10 प्रमुख राज्यों पर फोकस किया है, ये राज्य राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं। आंकड़ों में बात करें तो इन दस राज्यों में ही 60 साल से ज्यादा उम्र के 50 लाख से ज्यादा वोटर हैं। पहले चरण के साथ ही पूरे देश के 13 करोड़ से ज्यादा बुजुर्गों पर फोकस करने के लिए पार्टी ने दस सूत्रीय मिशन तैयार किया है। इसके माध्यम से बुजुर्गों को न सिर्फ बीजेपी से जोड़ा जाएगा, बल्कि जीत की रणनीति में उनके अनुभव को भी शामिल किया जाएगा।

मिशन बुजुर्ग के तहत इन दस बिंदुओं पर फोकस होगा…

  1. बुजुर्गों की वित्तीय समस्याओं और सेहत संबंधी सभी मामलों में मदद देगी।
  2. सरकारी दफ्तरों में बुजुर्गों के कामों के लिए कार्यकर्ताओं की टीमें बनाएगी।
  3. बुजुर्गों को रोजगार से जोड़ने का मौका भी उपलब्ध कराएगी।
  4. मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए पार्टी बुजुर्गों के संपर्क में रहेगी।
  5. बुजुर्गों को समर्पित रैलियां होंगी। जगह-जगह सम्मान समारोह होंगे।
  6. अकेले रहने वाले बुजुर्गों से संपर्क बनाकर उनकी सुरक्षा का ध्यान रखेगी।
  7. बुजुर्गों को पार्टी के विभिन्न संगठनों से जोड़ने की नई पहल करेगी।
  8. पार्टी के वरिष्ठ नेता बुजुर्गों से संवाद के कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।
  9. जन्मदिन, शादी की सालगिरह और त्योहारों पर विशेष शुभकामना संदेश देंगे।
  10. घोषणापत्र बनाने से पहले बुजुर्गों की राय ली जाएगी। बुजुर्गों के लिए विशेष मेम्बरशिप ड्राइव चलाई जाएगी।

पीएम नरेन्द्र मोदी की जीत की हेट्रिक के लिए बीजेपी के कद्दावर नेताओं की रैलियों की प्लानिंग
बीजेपी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां के तहत मिशन बुजुर्ग के अलावा और भी रणनीति बनाई हैं, ताकि विरोधी दलों को धराशायी करके जीत की हेट्रिक बनाई जा सके। इसके लिए पार्टी 2019 में हारी 144 लोकसभा सीटों पर रैलियां करने की योजना बना रही है। इनमें से 40 से ज्यादा महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी रैलियां करेंगे। बची हुई सीटों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत बड़े नेता जनसभाएं करेंगे। इस पूरी रणनीति को ‘लोकसभा प्रवास योजना फेज-2’ नाम दिया गया है।2019 में जीती हुई सीटों से साथ ही हारी हुई सीटों को जीतने के लिए भी रणनीति
भाजपा का फोकस जीती हुई सीटों पर दोबारा जीत दर्ज करने के साथ ही उन सीटों पर भी है, जहां पार्टी दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी। ऐसी ज्यादातर सीटें पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, तमिलनाडु की हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा सीटें पश्चिम बंगाल की हैं। बंगाल के बाद दक्षिण भारतीय राज्यों में ऐसी सीटों की संख्या सबसे ज्यादा है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत नहीं मिली थी। कुछ खास सीटों का जिक्र करें तो इनमें उत्तर प्रदेश की रायबरेली (सोनिया गांधी, कांग्रेस) महाराष्ट्र की बारामती (सुप्रिया सुले, राकांपा), पश्चिम बंगाल की यादवपुर (मिमी चक्रवर्ती, तृणमूल), तेलंगाना की महबूब नगर (श्रीनिवास रेड्डी, टीआरएस) और मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा (नकुल नाथ, कांग्रेस) शामिल हैं।

मिशन-2024 के लिए 40 क्लस्टर के प्रभारी होंगे कैबिनेट मंत्री, सभी में पीएम करेंगे रैली
भाजपा ने दिल्ली मुख्यालय में एक मीटिंग बुलाई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह समेत बड़े नेताओं ने उन 144 लोकसभा सीटों का एनालिसिस किया, जो 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए कुछ कठिन मानी जा रही हैं। इस बैठक में शामिल हुए 25 केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें सौंपे गए 3 से 4 लोकसभा क्षेत्रों में उनके काम को लेकर रिपोर्ट्स पेश की थीं। इसके बाद पार्टी ने लोकसभा प्रवास योजना फेज-2 तैयार की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी इनमें से जिन 40 लोकसभा सीटों पर बड़ी रैलियां करेंगे, उन्हें 40 कलस्टर में बांटा गया है। प्रधानमंत्री इन सभी 40 क्लस्टर में जनसभा करेंगे। इन कलस्टर्स के प्रभारी कैबिनेट मंत्री होंगे। बाकी बचीं 104 सीटों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पहुंचकर सभाएं करेंगे।

लोकसभा प्रवास योजना के तहत कैबिनेट मंत्री हर समुदाय के नेताओं के साथ करेंगे बैठकें
लोकसभा प्रवास योजना फेज-2 में हर कलस्टर का प्रभारी कैबिनेट मंत्री को बनाने के पीछे पार्टी की खास रणनीति है। इसके दौरान क्लस्टर के प्रभारी कैबिनेट मंत्री स्थानीय धार्मिक नेताओं, संतों और अलग-अलग समुदायों के स्थानीय नेताओं के साथ बैठकें करेंगे। स्थानीय सामुदायिक उत्सवों और रीति-रिवाजों में भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। साथ ही क्षेत्र में होने वाले अनुष्ठानों और नुक्कड़ कार्यक्रमों में भी शामिल होना होगा। इसके अलावा अपने प्रवास के दौरान क्लस्टर प्रभारी स्थानीय असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। प्रभारियों को क्षेत्र की बड़ी स्थानीय हस्तियों के साथ नियमित बैठकें करने की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। इन कार्यक्रमों के अलावा उन्हें संघ के सभी सहयोगी संगठनों के स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रभारी नेताओं के साथ बैठकें आयोजित करनी होंगी। क्लस्टर प्रभारी स्थानीय प्रभावी वोटर्स जैसे वकील, डॉक्टर, प्रोफेसर, बिजनेसमैन समेत अन्य पेशेवरों के साथ भी बैठकें करेंगे।

 

 

 

Leave a Reply