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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के बाद अब TMC विधायक मणिक भट्टाचार्य गिरफ्तार

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शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के बाद अब टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने माणिक भट्टाचार्य से सोमवार रात भर पूछताछ करने के बाद मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। मणिक भट्टाचार्य तृणमूल शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार होने वाले ममता बनर्जी की पार्टी के दूसरे नेता हैं। ईडी ने इसी साल 23 जुलाई को ममता सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। उस समय पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से करीब 50 करोड़ रपये कैश बरामद किए गए थे। छापे में उस समय इसके साथ ही 5 किलो से ज्यादा सोना और दस्तावेज भी मिले थे। इतनी बड़ी धनराशि कहां से आई, इसके सोर्स के बारे में पार्थ और अर्पिता कुछ भी नहीं बता पाए।

पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। जब यह कथित घोटाला हुआ था, तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। गिरफ्तार किए जाने के समय पार्थ चटर्जी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे। सीबीआई उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है। पहली बार 25 अप्रैल को और दूसरी बार 18 मई को पूछताछ की गई थी। ईडी इस घोटाले में कथित रूप में शामिल लोगों के खिलाफ धनशोधन संबंधी पहलू की जांच कर रहा है। ईडी की रडार पर और भी लोग शामिल हैं।

शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और जेल में बंद पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत देने का प्रवर्तन निदेशालय ने विरोध किया। ईडी ने अपनी चार्जशीट ममता के मंत्री पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। ईडी की टीम ने पार्थ और अर्पिता की जमानत का विरोध करते हुए 14,643 पन्नों के दस्तावेज कोर्ट में जमा किए हैं। कोर्ट में पेश इन दस्तावेजों में ईडी ने खुलासा किया है कि अर्पिता के शॉपिंग बिल का भुगतान भी पार्थ ही किया करता था। जांच एजेंसी ने आगे दावा किया कि अर्पिता और पार्थ दोनों थाइलैंड के फुकेट गए थे। एजेंसी ने दोनों की करीब 10 करोड़ रुपये की स्थाई-अस्थाई संपत्ति का ब्योरा भी कोर्ट में जमा किया है।

हाई कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘C’ और ‘D’ के कर्मचारियों व टीचरों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई कर रही है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से मनी लॉन्ड्रिंग की तफ्तीश में जुटा है। सीबीआई पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी से भी पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा उनकी बेटी स्कूल टीचर की अपनी नौकरी गंवा चुकी हैं।

एजेंसियां पता लगा रहीं कि सीएम ममता बनर्जी ने किन-किन पर अपनी ‘ममता’ लुटाई
सीएम ममता के करीबी मंत्री के बाद अब सीएम के भाइयों पर करोड़ों कमाने और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं। कोलकाता हाईकोर्ट में लगी पिटीशन में साफ-साफ कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के 2011 में सत्ता में आने के बाद से बनर्जी परिवार की संपत्ति बेहिसाब बढ़ी। सीएम ममता बनर्जी के पांच भाइयों और एक भाभी पर आय से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप लगे हैं। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को 11 नवंबर तक एफिडेविट जमा करने के आदेश दिए हैं।

ममता के मंत्री पार्थ समेत 7 मंत्रियों के खिलाफ भी पहले से करप्शन का केस
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार के कुछ मंत्रियों पर भी करप्शन के केस पहले ही लग चुके हैं। पार्थ के अलावा ममता बनर्जी की पार्टी के 19 नेताओं के खिलाफ कोलकाता के वकील इम्तियाज अहमद ने आय से ज्यादा संपत्ति का केस 2017 में ही लगा दिया था। इनमें 6 मंत्री और असेंबली स्पीकर का नाम भी शामिल है। पिछले महीने ही कोलकाता हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच कराने के आदेश दिए थे।

तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बनर्जी परिवार की संपत्ति में बेशुमार इजाफा
कोलकाता हाईकोर्ट में लगी एक नई पिटीशन में अब सीएम ममद बनर्जी का परिवार ही निशाने पर है। पिटीशन में ममता के भाइयों पर आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बनर्जी परिवार की संपत्ति में बेशुमार इजाफा होकर यह कई गुना बढ़ी है। पिटीशन में कहा गया है कि कोलकाता की हरीश चटर्जी स्ट्रीट पर ज्यादातर प्रॉपर्टी बनर्जी परिवार की हैं। ममता की भाभी कजरी बनर्जी पर कई प्रॉपर्टी मार्केट रेट से कम कीमत में खरीदने का आरोप है। भतीजे अभिषेक बनर्जी कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं।

ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पश्चिम बंगाल में स्कैम की बाढ़ आई
पिटीशन में ममता और उनके परिवार पर लगे आरोप लगे हैं कि 2011 से ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। इस दौरान शारदा स्कैम, रोज वैली स्कैम, नारदा स्कैम, पोंजी स्कैम और रिक्रूटमेंट स्कैम हुए। एक भी रिक्रूटमेंट प्रोसेस भ्रष्टाचार के बिना पूरी नहीं हुआ। इन घोटालों में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता अरेस्ट भी हुए। पॉलिटिकल लीडर्स और मीडिया ने ममता बनर्जी के फैमिली मेंबर्स की बेहिसाब संपत्ति पर खुलासे किए। गनाशक्ति नाम के बांग्ला अखबार ने दावा किया कि कोलकाता की हरीश चटर्जी स्ट्रीट पर ज्यादातर प्रॉपर्टी बनर्जी परिवार की हैं।

शारदा चिटफंड स्कैम में तृणमूल सांसद अरेस्ट, बनर्जी परिवार पर भी सवालिया निशान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिटीशन में आरोप है कि साल 2011 के बाद लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) बनीं। तीनों ही कंपनियां सीएम ममता बनर्जी के पारिवारिक सदस्य ही चलाते हैं। इसके बाद नवंबर 2013 में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद और मौजूदा जनरल सेक्रेटरी कुणाल घोष शारदा स्कैम में अरेस्ट हुए थे। तब उन्होंने कहा था कि शारदा चिटफंड का पैसा ममता बनर्जी के पास है। कोर्ट ने 28 नवंबर को कुणाल घोष को भी आने के लिए नोटिस जारी किया है।

WBHB से 63.78 लाख रुपये की मार्केट वैल्यू की प्रॉपर्टी सिर्फ 19 लाख में खरीदी
हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में कहा गया है कि त्रिनेत्र कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2019 के पहले बनी और गायब भी हो गई। कंपनी ने बैलेंस शीट फाइल नहीं की। कथित तौर पर इसके जरिए टीएमसी को 3 करोड़ रुपए का डोनेशन अलग-अलग समय में दिया गया। आरोप है कि ममता के भाई समीर बनर्जी की पत्नी कजरी बनर्जी ने 14 मई 2019 को सीएम के दबाव में वेस्ट बंगाल हाउसिंग बोर्ड (WBHB) से एक प्रॉपर्टी 19 लाख रुपए में खरीदी, लेकिन उसकी मार्केट वैल्यू 63.78 लाख रुपए थी।सीएम की भाभी कजरी बनर्जी ने चुनाव के एफिडेविट में भी कई जानकारियां छिपाईं
इतना ही नहीं सीएम बनर्जी की भाभी कजरी बनर्जी ने 2021 में वार्ड नंबर 73 से चुनाव लड़ा। उन्होंने एफिडेविट में खुद को सोशल वर्कर बताया। पति और खुद की प्रॉपर्टी 5 करोड़ रुपए बताई। सोशल वर्क करके 5 करोड़ कैसे कमाए जा सकते हैं। पिटीशन में आरोप है कि कजरी ने एफिडेविट में कई जानकारियां छिपाईं। बेटे को डिपेंडेंट बताते हुए उसके पैन नंबर का जिक्र नहीं किया, जबकि वे केए क्रिएटिव LLP की मालकिन हैं। केए क्रिएटिव के जरिए हरीश मुखर्जी रोड पर 1.30 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी गई। इसकी सही कीमत 5.19 करोड़ रुपए थी।

कोलकाता पुलिस को नहीं, सीबीआई और ईडी को इसकी जांच सौंपी जानी चाहिए
पिटिशनर के वकील का कहना है कि हमने कोर्ट में ममता बनर्जी के फैमिली मेंबर्स के जो डॉक्युमेंट्स दिखाए हैं, उनसे पता चलता है कि उनकी संपत्ति काफी ज्यादा बढ़ी है। इलेक्शन एफिडेविट में सही संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया। प्रॉपर्टी खास तौर से 2011 और 2013 के बाद बढ़ी। 2013 वह साल था, जब बंगाल में चिटफंड कंपनियों पर ताले लग रहे थे। पिटिशन में कहा गया है कि चूंकि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के होम डिपार्टमेंट और पुलिस की इंचार्ज हैं। ऐसे में कोलकाता पुलिस उनके फैमिली मेंबर्स के खिलाफ जांच करने की हिम्मत नहीं करेगी। इसलिए सीबीआई और ईडी इसकी जांच सौंपी जानी चाहिए।

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