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ये है KCR का देशप्रेम, होर्डिंग पर भारत का गलत नक्शा, पोस्टर में आधा कश्मीर गायब, देश की अखंडता का अपमान कर राष्ट्रीय राजनीति में रखेंगे कदम

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर अब भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) कर दिया है जिससे क्षेत्रीय पार्टी की जगह अपने को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पेश कर सकें। केसीआर ने यह कदम इसलिए उठाया कि वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश कर सकें। लेकिन वो कहते हैं न कि नीयत में खोट हो तो कुछ न कुछ गड़बड़ हो ही जाती है। अब भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी के लांच के लिए उन्होंने जो पोस्टर जारी किया उसमें भारत का नक्शा ही गलत हो गया। पोस्टर में आधा कश्मीर गायब था। हालांकि यह गलती थी या जानबूझकर की गई थी यह कहा नहीं जा सकता। इस बात आशंका इसलिए उठ रही है क्योंकि केसीआर की पूरी राजनीति ही हिंदू धर्म के विरोध और मुस्लिम तुष्टीकरण पर टिकी हुई है। इसीलिए उन्होंने हिंदी की जगह उर्दू को तेलंगाना में दूसरी भाषा का दर्जा दिया। ये अलग बात है कि दिखावा के लिए वह ‘महा सुदर्शन यज्ञ’ का भी आयोजन कर डालते हैं। तुष्टिकरण के मामले में केसीआर को महारत हासिल है। चाहे हिन्दुओं को खुश करने के लिए यज्ञ करना हो या फिर मुस्लिम वोटों के लिए रमजान में मुसलमानों के बीच गिफ्ट बांटने हों केसीआर का वाकई इसमें कोई जवाब नहीं है।

नई पार्टी ‘भारत राष्ट्र समिति’ लांच होते ही विवादों में घिर गई

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव की नई पार्टी ‘भारत राष्ट्र समिति’ लांच होने के बाद ही विवाद में घिर गई है। हाल ही में केसीआर ने अपनी पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) किया था, लेकिन अब BRS पर भारत का गलत नक्शा दिखाने का आरोप लगा है। तेलगांना के निजामाबाद से बीजेपी सांसद अरविंद धर्मपुरी ने ट्विटर पर पार्टी का पोस्टर शेयर किया है। जिसमें आधा कश्मीर गायब है। BRS के पोस्टर में तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव भारत के नक्शे के बीच खड़े नजर आ रहे हैं। बीजेपी सांसद का आरोप है कि KCR की पार्टी ने भारत के नक्शे को गलत दिखाया है, यह भारत के संविधान और अखंडता का अपमान है। भाजपा सांसद ने लिखा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में देश का क्षेत्र परिभाषित किया गया है। पूरा जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा है, पीओके को भारत के नक्शे से हटाकर केसीआर की पार्टी पाकिस्तान का समर्थन कर रही है। बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. पार्थसारथी ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह देश का नेता नहीं बल्कि देशद्रोही है।

केसीआर की राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा 

तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव काफी वक्त से राज्यों का दौरा करके मोदी सरकार के खिलाफ एक फ्रंट को एकजुट करने में जुटे हैं। वे कई मौकों पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। केसीआर ही नहीं उनकी बेटी और एमएलसी कविता और बेटे केटी रामाराव भी मोदी सरकार पर तीखे बयान छोड़ते रहे हैं। पीएम उम्मीदवार बनने की अपनी महत्वाकांक्षा पाले केसीआर इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का झंडा थाम रखा है। वे देश में मोदी विरोधियों का सबसे बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं। उनकी राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही हैं। वह लगातार मोदी विरोधी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं और गैर भाजपा-गैर कांग्रेस एक मोर्चा का हवाई किला बना रहे हैं। इसी सिलसिले में केसीआर पिछले हफ्ते झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे। उन्होंने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकर कर राष्ट्रीय राजनीति और विपक्षी मोर्चा पर विचार-विमर्श किया।

हिंदी की उपेक्षा, उर्दू को दिया दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा बनाने का एलान किया है। यानी सरकारी कामकाज में तेलुगू के बाद उर्दू में भी कामकाज किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री केसीआर का लंबे समय से मुस्लिमों के प्रति रुझान रहा है। लिहाजा, माना जा रहा है कि उन्होंने तुष्टिकरण की नीति पर चलते हुए उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया है। शुक्रवार (10 नवंबर) को एक सभा को संबोधित करते हुए केसीआर ने इसका एलान किया। इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि हिन्दी को दूसरी आधिकारिक भाषा होने का गौरव प्राप्त होगा मगर मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। केसीआर ने कहा था, “लंबे समय से मांग की जा रही थी कि उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा बनाई जाय। हालांकि, आंध्र प्रदेश का दृष्टिकोण तेलंगाना से अलग है। 23 जिलों में उर्दू भाषी लोग नहीं हैं, इसलिए वहां कुछ जिलों में यह लागू है और कुछ जिलों में नहीं है लेकिन हम यहां जिला स्तर पर नहीं बल्कि राज्य स्तर पर उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने का एलान करते हैं। अब पूरे तेलंगाना में उर्दू में भी कामकाज किया जा सकेगा।”

तेलंगाना में जमीन खिसकता देख मोदी विरोध पर उतरे केसीआर

केसीआर कुछ दिनों पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे हैं। राज्यसभा में जब भी विधेयकों को पास कराने की जरूरत पड़ती तो टीआरएस साथ देती रही। लेकिन इन दिनों केसीआर ने मोदी और भाजपा विरोध का झंडा उठा लिया है। इसका कारण यह है कि तेलंगाना में टीआरएस को भाजपा से जबरदस्त चुनौती मिल रही है। अब वहां टीआरएस का मुकाबला कांग्रेस के बजाय भाजपा से है। ऐसे में वे मोदी विरोधियों में सबसे आगे दिखना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे मोदी विरोधी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात और बात कर रहे हैं। 20 फरवरी को मुंबई में जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। एक दिन पहले यानी 3 मार्च को राव ने दिल्ली में मोदी का लगातार विरोध कर रहे सुब्रमण्यम स्वामी और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट से मुलाकात की। दिल्ली के बाद उन्होंने झारखंड का रूख किया।

केसीआर मतलब ‘अलीबाबा और चार चोर’

अलीबाबा 40 चोर के किस्से सब ने सुन रखे हैं। लेकिन कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए कुछ साल पहले कहा था कि राव अपने मंत्री पुत्र के. टी. रमाराव और सांसद पुत्री कविता तथा दो अन्य रिश्तेदारों के साथ राज्य को लूटने में लगे हैं। उन्होंने कहा था कि मैंने ‘अलीबाबा 40 चोर’ के बारे में सुना था। यह एक पुरानी कहानी है। यहां (तेलंगाना में) तो अलीबाबा और चार चोर हैं। उन्होंने कहा कि केसीआर गिरगिट से भी तेज रंग बदलते हैं।

BRS का मतलब बार और रेस्तरां पार्टी : वाईएसआर शर्मिला

प्रजा प्रस्थानम यात्रा के तहत मेदक जिले का दौरा कर रही वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएसआर शर्मिला ने एक बार फिर सीएम केसीआर पर हमला बोला है। शर्मिला ने सीएम केसीआर की तुलना महात्मा गांधी से किये जाने को विडंबनापूर्ण बताया गया। उन्होंने कहा कि चोर दीक्षा करने वाले अब अपनी तुलना महात्मा से कर रहे हैं। करोड़ों लोगों ने लड़ाई लड़ी, लाखों लोगों ने अपनी संपत्ति का बलिदान दिया, और सैकड़ों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। तब जाकर पृथक तेलंगाना साकार आया है। और दावा कर रहे हैं कि केवल केसीआर ही तेलंगाना लेकर आये है। शर्मिला कहा कि सीएम केसीआर एक स्वार्थी और भ्रष्ट व्यक्ति है। कालेश्वरम परियोजना केसीआर के भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है। तेलंगाना के खजाने को लूटने के बाद, अब देश में शासन करने के लिए हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर खरीद रहे हैं। आरोप गया कि जनता का करोड़ों का पैसा पार्टी पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोल्डन तेलंगाना (बंगारु तेलंगाना) कह कर बियर तेलंगाना और बार का तेलंगाना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि BRS का मतलब बार और रेस्तरां पार्टी है।

तेलंगाना में केसीआर का राजनीतिक सफ़र

साल 2014 में जब अलग तेलंगाना राज्य बना, तो वो पहले मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में उनकी पार्टी ने 119 में से 63 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2018 के अंत में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 88 सीटों पर जीत दर्ज़ की। दोनों चुनाव में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी बन कर उभरी। 2014 में कांग्रेस के पास 21 सीटें थी। वहीं 2018 में कांग्रेस के पास 19 सीटें ही रह गई। लेकिन उसके बाद से राज्य में बीजेपी तेजी से उभरती हुई नज़र आ रही है। 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 17 सीटों में से बीजेपी के पास 4 सीटें आई, कांग्रेस के पास 3 सीटें, एआईएमआईएम के खाते में 1 सीट और बाक़ी की 9 सीटों पर टीआरएस ने क़ब्ज़ा किया।

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