गुजरात विधानसभा चुनाव के मौके पर गांधीनगर के आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने एक ऐसी छिछोरी हरकत की है जिससे किसी को भी यह लग सकता है कि वो प्रधान पादरी के लायक नहीं। चुनावों को पूरा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करते हुए उन्होंने अपने नाम से एक पत्र जारी किया है जिसमें ‘राष्ट्रवादी ताकतों’ को हराने की अपील की गई है। मैकवान के पत्र से यह साफ हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के विरोधियों की साजिश में वो खुले तौर पर शामिल हो चुके हैं। लेकिन इस आर्चबिशप को खुला और करारा जवाब दिया है गोवा स्थित मीडियाकर्मी और IT Intrepreneur सैवियो रोड्रिग्स ने। Goa Chronicle में उन्होंने एक खुला पत्र लिखकर अपने मजबूत तर्कों के सहारे आर्चबिशप थॉमस मैकवान के दावों को पूरी तरह से धो डाला है। यहां हम आपसे यह भी बताना चाहेंगे कि कुछ महीने पहले तक सैवियो कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग में उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आइये एक नजर डालते हैं कि आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने किस तरह से अपनी चिट्ठी में जहर उगला है और सैवियो ने कैसे उसे अपने तथ्यों से काटकर रख दिया है।
थॉमस मैकवान ने लिखा : देश की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक संरचना खतरे में है।
सैवियो का जवाब : मैं लोकतंत्र के बारे में आपकी सोच को समझने की कोशिश कर रहा हूं। 2014 में लोकतांत्रिक तरीके से हुए चुनावों में नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को भारत की जनता ने प्रचंड बहुमत दिया था। पिछले तीन सालों में सरकार ने नोटबंदी और GST जैसे कई कठौर फैसले लिये लेकिन देश भर में मोदी के लिए अपार जनसमर्थन बना रहा। ये समर्थन धार्मिक सीमाओं से परे था। आप बताइए, क्या यह देश की लोकतांत्रिक संरचना की विफलता है? जहां तक धर्मनिरपेक्षता की बात है तो इस मामले में आप भी उसी तरह की नापसंदगी का इजहार कर रहे हैं जैसी नाराजगी एक पार्टी और उसके नेता के प्रति उनके सियासी विरोधी जाहिर करते हैं। ऐसी ही कोशिश से समाज में धर्म के आधार पर नफरत के भाव पनपते हैं।
थॉमस मैकवान ने लिखा : एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब चर्च, ईसाई संस्थाओं या उससे जुड़े लोगों पर हमले नहीं होते।
सैवियो रोड्रिग्स का जवाब : मैं गोवा में रहता हूं जहां की आबादी में करीब 27 प्रतिशत ईसाई हैं। गोवा में पिछले पांच साल से बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी पिछले तीन साल से बीजेपी की ही सरकार है। मैंने कभी भी ये नहीं देखा कि किसी ईसाई धर्मावलंबी को उसकी धार्मिक मान्यता से रोका गया हो। उनमें कभी किसी तरह का डर नहीं देखा। इतना ही नहीं जो भी समारोह होते हैं उनमें सभी धर्मों के लोग खुशी-खुशी शामिल होते हैं। अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरु, जयपुर और रायपुर देश के इन शहरों में अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि कहीं भी ईसाई होने के चलते या फिर चर्च जाने के चलते किसी पर हमला नहीं हुआ है। इसलिए मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं कि आपने ये चर्चों और ईसाइयों पर हमले की बात कहां से निकाली है। अगर किसी इक्का-दुक्का घटना की बात करें तो वो अलग बात है लेकिन वो किसी एक ही धर्म तक सीमित नहीं होती। आप हमें बताइए कुछ पादरी बच्चों से यौन शोषण के दोषी साबित हुए हैं तो क्या सभी पादरियों को उसी श्रेणी में रखा जा सकता है? वैसे गौर करें तो केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में हिंदुओं की हत्या में ही तेजी आई है। ऐसे में चर्च की ओर से लगाये गए अल्पसंख्यकों और पिछड़ों से भेदभाव के आरोप कहीं से तर्कसंगत नहीं।
थॉमस मैकवान ने लिखा: राष्ट्रवादी ताकत पूरे देश पर कब्जा करने वाले हैं।
सैवियो का जवाब: क्या आप ये कहना चाहते हैं कि किसी देश के नागरिक को राष्ट्रवादी नहीं होना चाहिए? परिभाषा पर भी जाएं तो राष्ट्रवादी का मतलब होता है वह व्यक्ति जो चाहता है कि उसका देश देश राजनीतिक रूप से स्वतंत्र बने। इसमें क्या गड़बड़ है? क्या आप ये सोचते हैं कि भारत गुलाम ही रहता तो अच्छा होता? मैं एक ईसाई हूं और मुझे राष्ट्रवादी होने पर गर्व है। मैं भारत मां का बेटा हूं। क्या यह कोई ऐसी बात है जिस पर मुझे शर्म आनी चाहिए? चर्च की ओर से जो लोग भी मोदी पर सुनियोजित हमले की साजिश में लगे हैं वो अपने इरादे में फेल होंगे। धार्मिक पक्षपात के सहारे आप वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश में लगे हैं लेकिन अल्पसंख्यकों का भरोसा भी आज प्रगति, शांति और आर्थिक कल्याण के रास्ते पर चल रहे मोदी में है।
Here is my Open Letter to Archbishop Thomas Macwan; https://t.co/Xks86R71rG
— Savio Rodrigues ?? (@PrinceArihan) November 23, 2017
YOU r a true nationalist & amidst Arch Bishop’s fear that Nationalists r taking over,I really pray they do.U have India in ur heart.U r a true follower of Jesus who,was the epitome of kindness,forgiveness & love@republic @ZeeNews @TimesNow must share ur open letter with India
— Vikas Mamgain ?? (@VikasMamgain2) November 24, 2017
Brilliant Savio. I hope this Archbishop understands what you have so beautifully said. Hats off to you. God Bless you. I hate it most when some pastor lies to the congregation that not a day passes without a christian or a church being attacked. Sad statement.
— Ramnath Kumar (@RamnathKumar1) November 24, 2017
Savio …You have nailed it perfectly without any drama or exaggerations. Great Job my friend. God Bless.!?
— Egghead (@Egghead75953770) November 24, 2017
This open letter deserves a place at the front page of all the National Dailies. Respect ????
— Instant Dharma ? (@NE007) November 24, 2017