आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 74वां जन्मदिवस है और आज ही मोदी 3.O के पहले सौ दिन पूरे हो रहे हैं। अपने वादे के अनुरूप पीएम मोदी ने पहले 100 दिन में हर वर्ग के कल्याण और विकसित भारत के निर्माण के लिए करोड़ों के कार्य स्वीकृत किए हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात सरकार और केंद्र की सरकार के अगुआ के रूप में संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालते हुए जल्द ही ढाई दशक होने वाले हैं। पीएम मोदी सफलता के शिखर पर हैं और नित-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। लगातार तीसरे कार्यकाल में पीएम बनते ही वे ऐसा करने वाले देश के पहले गैर कांग्रेसी पीएम बने। आज पूरी दुनिया में पीएम मोदी एक अलग मुकाम पर है। मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक और अतुलनीय फैसलों से भारत की विजयगाथा देश ही नहीं, दुनियाभर के सामने गुंजायमान हो रही है। विश्वपटल पर भारत की विजय-पताका पूरे वेग के साथ फहर रही है। वैसे तो नरेन्द्र मोदी को सीएम और पीएम के रूप में कई कामयाबियां हासिल हुई हैं, लेकिन यहां कुछ उपलब्धियां के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इतिहास ही रच डाला। इनमें से कुछ फैसले और उपलब्धियां तो सदियों के संघर्ष के बाद मोदी राज में ही हासिल हो पाईं। यह विकसित भारत के सपने के साथ ही राष्ट्र, समाज और सबके विकास और उम्मीदों को लगातार नई ऊर्जा दे रहीं हैं। इससे दुनिया के सामने मजबूत, शक्तिशाली और दृढ़प्रतिज्ञ नए भारत की शानदार छवि बन रही है।देशवासियों ने बनाया लगातार तीसरी बार गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपलब्धियों के इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है, बल्कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। पिछले करीब-करीब दशक में नरेन्द्र मोदी पहले 13 साल गुजरात के सीएम रहे और अब 2014 से देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी के नाम कई उपलब्धियां है। स्वतंत्र भारत में वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार तीन कार्यकाल में पीएम बने हैं। भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने आमजन को संतुष्ट करने में जबर्दस्त सफलता पाई है। वो चाहे चुनावी वादों को समयसीमा के अंदर प्रभावी तरीके से पूरा करने की बात हो या फिर कोविड-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित आपदा से निपटने की। पीएम मोदी के फैसलों ने देश और देशवासियों के प्रति उनकी निष्ठा की भावना और मजबूत कर दी। विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने, कोरोना महामारी से प्रभावित वंचित तबके के करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन को उसी की भाषा में जवाब देने और श्रम एवं कृषि क्षेत्र के लंबित सुधारों को अंजाम तक पहुंचाने तक, मोदी ने कई कड़े और बड़े साहसिक कदम उठाए हैं।गुजरात मॉडल से लेकर न्यू इंडिया बनाने तक उठाए कई ऐतिहासिक कदम
आज पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर सीएम से लेकर पीएम तक, गुजरात मॉडल से लेकर न्यू इंडिया बनाने तक के उनके ऐतिहासिक कदमों पर नजर डालते हैं। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से भारत के डिप्लोमेटिक रिश्ते कई देशों से मजबूत हुए हैं। स्पेस से लेकर डिफेंस तक के सेक्टर में भारत नित-नए रिकॉर्ड बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। यही वजह है कि निर्यात में चार सौ प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। जीडीपी, विदेशी मुद्रा भंडार और भारत में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। पीएम मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट, देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग आज भारत के नाम दर्ज हो चुका है। मोदी सरकार की लगातार गर्वीली उपलब्धियों के चलते ही हर देशवासी पीएम मोदी के तीसरे टर्म को लेकर आतुर है। पीएम मोदी ने तीसरी बार पीएम बनने के बाद दोहराया है कि उनके इसी टर्म में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत की होगी।
1: काले धन और टैरर फंडिंग पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी लागू की
मोदी सरकार ने कालाधन, आतंकवाद, जाली नोट और टैरर फंडिंग के खिलाफ बड़े हथियार के रूप में नोटबंदी लागू की। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद टीवी पर आकर बताया कि आज रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बेकार हो जाएंगे। जनता को इन नोटों को बैंकों में जमा करने की पूरी छूट मिली। सरकार ने पूरा जोर डिजिटल करेंसी बढ़ाने और डिजिटल इकोनॉमी बनाने पर दिया। नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले से डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ। 2016-17 में 1013 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ था। 2017-18 में ये बढ़कर 2,070.39 करोड़ और 2018-19 में 3133.58 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ। अब 2021-22 में 7422 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है, जो पिछले साल से 33 प्रतिशत अधिक है। इससे आतंकवाद, नक्सलवाद और जाली नोट के खिलाफ भी बड़ी सफलता मिली है।
2: सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर पहली बार दुश्मन को घर में घुसकर मारा
पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत का आतंकवाद से निपटने को लेकर नजरिया एकदम बदल गया। आजादी के बाद पहले 28 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक और फिर 26 फरवरी 2019 को एयर-स्ट्राइक के वक्त भारत ने दुश्मन की सीमा में घुसकर उसे सबक सिखाया। आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघी थी। सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयरस्ट्राइक के वक्त पहली बार ऐसा हुआ जब युद्ध की स्थिति नहीं होते हुए भी आतंकी घटनाओं का जवाब देने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर आतंकियों को सबक सिखाया। इससे भारत की आंतकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर छवि मजबूत हुई। पूरी दुनिया ने महसूस किया गया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अब अपने दुश्मनों को कहीं भी जाकर खत्म कर सकता है। यही वजह रही की भारत की जनता 2019 में मोदी सरकार को और ज्यादा ताकत के साथ सत्ता में लेकर आई।
3: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का खात्मा, अब विधानसभा चुनाव की सौगात
पीएम मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और ऐतिहासिक फैसला हुआ, जिसने कांग्रेस सरकार द्वारा की गई गलतियों का खात्मा किया। मोदी सरकार ने प्रशासनिक संकल्प से जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 हटा दी। इससे राज्य को मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए। जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट गया। दरअसल, 1948 में जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत में विलय से पहले विशेषाधिकार की शर्त रखी थी और तत्कालीन सरकार ने इसे मान भी लिया। इससे जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होने के बाद भी अलग ही रहा। राज्य का अपना अलग संविधान बना। वहां भारत में लागू कुछ ही कानून लागू होते थे। बच्चों को शिक्षा का अधिकार (RTE) तक नहीं मिला था। कश्मीर में सिर्फ कश्मीरी ही जमीन खरीद सकते थे। भाजपा भी लंबे समय से धारा 370 खत्म करने की मांग कर रही थी। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद बड़ा बदलाव यह हुआ कि अब वहां केंद्र के सभी कानून लागू होते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर औपचारिक तौर पर भारत का हिस्सा बना। भारत के सभी कानून जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू हुए। मनरेगा, शिक्षा के अधिकार को भी लागू किया गया। सबसे खास बात यह कि धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा के चुनाव भी होने जा रहे हैं।4: तीन तलाक के खिलाफ कानून पारित, हज सब्सिडी भी खत्म की
पीएम मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला लिया। सरकार ने कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं से तीन बार तलाक कहकर संबंध खत्म करने की प्रथा को गैरकानूनी बना दिया। ऐसा करने वालों के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया। मुस्लिम महिलाओं के लिए गुजारा भत्ते/मुआवजे की व्यवस्था भी की। मोदी सरकार ने फरवरी 2018 में अध्यादेश जारी किया। यह बिल की शक्ल में संसद में पेश हुआ और तमाम विरोधों के बाद दोनों सदनों से दिसंबर 2018 में यह पारित हो गया। राष्ट्रपति के साइन होने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक कानून बना और इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना गया। इस कानून के लागू होने के बाद तीन तलाक के केस घटकर बमुश्किल 5% ही रह गए हैं। इसके अलावा मोदी सरकार ने हज के लिए दी जाने वाली वाली सब्सिडी भी इसी साल से खत्म कर दी। यानी 2018 के बाद से हज पर जाने वालों को पूरा खर्च खुद ही वहन शुरू हो गया। कई मुस्लिम संगठन हज सब्सिडी को खत्म कराना चाहते थे।5: एक देश, एक टैक्स लागू, जीएसटी कलेक्शन में लगातार वृद्धि
मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से पहले हर राज्य अपने अलग-अलग टैक्स वसूलता था। आधा टैक्स केंद्र सरकार को जाता है और आधा राज्यों को। वसूली केंद्र सरकार करती है। बाद में राज्यों को पैसा लौटाती है। वर्ष 2000 में वाजपेयी सरकार ने पूरे देश में एक टैक्स लागू करने के बारे में सोचा। विधेयक बनाने के लिए कमेटी भी बनाई। पर राज्यों को डर था कि उन्हें जितना रेवेन्यू मिल रहा है, उतना नहीं मिलेगा। इस वजह से मामला अटका रहा। मार्च 2011 में मनमोहन सिंह की सरकार ने इसको लागू करने की कोशिश की, लेकिन वह तो फेल ही हो गई। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार नई सोच के साथ कुछ जरूरी बदलावों के बाद संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई। अगस्त 2016 में यह विधेयक संसद ने पास किया। 12 अप्रैल 2017 को जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों को संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति मिली। यह 4 कानून हैं- सेंट्रल GST बिल, इंटिग्रेटेड GST बिल, GST (राज्यों को कम्पेंसेशन) बिल और यूनियन टेरेटरी GST बिल। तब जाकर 1 जुलाई 2017 की आधी रात से नई व्यवस्था पूरे देश में लागू हुई। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से टैक्स की विसंगति दूर हुई। अब पूरे देश में हर सामान पर एक-सा टैक्स लगता है। जीएसटी कलेक्शन में लगातार वृद्धि हो रही है।6: प्रवासियों के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीसीए) लागू किया
पीएम मोदी सरकार ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम (हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और इसाई) प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीसीए) लागू किया। पहले इन लोगों को भारत की नागरिकता पाने के लिए भारत में 11 साल रहना होता था। नागरिकता संशोधन बिल के बाद ये अवधि 11 साल से घटकर 6 साल हो गई। वैसे यह बिल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में (जनवरी 2019 में) लोकसभा से पारित कर दिया गया था। राज्यसभा में पास होने से पहले ही 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। लोकसभा भंग होने के साथ ही यह बिल भी रद्द हो गया। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार ने नए सिरे से इस बिल को पेश किया। 10 दिसंबर 2019 को ये बिल लोकसभा और 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में पास हो गया। राष्ट्रपति से हस्ताक्षर के बाद 10 जनवरी 2020 को इसे लागू कर दिया गया। इस बिल के लागू होने से कई सालों से अवैध रूप से भारत में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिकता पाने की राह आसान हुई।7: सदियों के संघर्ष के बाद जन्मस्थली पर बना भव्य-दिव्य राम मंदिर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि सदियों का इंतजार आज समाप्त हुआ है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक भी है। करोड़ों लोगों को ये विश्वास ही नहीं हो रहा कि वो अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। राम मंदिर के इस भूमिपूजन तक पहुंचने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भाजपा के लिए हमेशा से ही राम मंदिर निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। दरअसल, 1528 में अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण हुआ, जहां भगवान राम का जन्मस्थान है। मुगल शासक बाबर की शह पर ही उसके सेनापति मीर बाकी ने राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। सदियों के संघर्ष के बाद बीजेपी नेताओं की अगुवाई में 6 दिसंबर 1992 अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया। इसकी जगह इसी दिन शाम को अस्थायी मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। केंद्र की तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने कल्याण सिंह सहित अन्य राज्यों की भाजपा सरकारों को भी बरखास्त कर दिया। कोर्ट में लंबी चली पैरवी के बाद 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थल को श्रीराम जन्मभूमि माना और 2.77 एकड़ भूमि रामलला के स्वामित्व की मानी। 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। इसके बाद भव्य मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन किया। इस साल 22 जनवरी को राम लला के भव्य-दिव्य मंदिर का पीएम मोदी ने ही विधिवत शुभारंभ किया।
8: वैश्विक कोरोना महामारी के लिए वैक्सीन बनाकर 98 देशों में भी भेजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति, विजन और अनथक प्रयासों के चलते भारत ने इस दिन 200 करोड़ वैक्सीनेशन के जादुई आंकड़े को रिकार्ड समय में पार कर लिया। इसके साथ ही सरकार ने करोड़ों देशवासियों को वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सुरक्षा कवच मुहैया कराया। कोरोना के शुरुआत में जब हमारे पास वैक्सीन ही नहीं थी, तब यह लक्ष्य बेहद दुरूह नजर आता था। लेकिन महामारी के बीच में ही पीएम मोदी की देशभक्ति, दूरदृष्टि और अटल इरादों ने 135 करोड़ भारतीयों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई का विश्वास भर दिया। भारत ने न सिर्फ अपने देशवासियों को बचाया, बल्कि विश्व के 98 देशों में 200 मिलियन डोज की आपूर्ति भी की। इसके लिए भारत को विश्वभर से बधाइयां मिलीं। तेजी से चले वैक्सीनेशन अभियान का फायदा यह रहा कि तीसरी लहर ने भारत में कहर नहीं बरपाया, जबकि दूसके कई देश इसकी चपेट में आए।9: हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को बढ़ावा, केदार से काशी तक सनातन का परचम
भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की फिलॉसफी से चलती है। राम मंदिर ही नहीं, बीजेपी ने काशी से लेकर केदारनाथ तक, सोमनाथ से लेकर मथुरा तक के मंदिरों को न सिर्फ मुद्दा बनाया, बल्कि उनको भव्यता और दिव्यता भी प्रदान की। जनता के लिए तीर्थाटन योजना भी सबसे पहले भाजपा की ही राज्य सरकारों ने शुरू की। बीजेपी ने गाय और गोवंश का मुद्दा भी प्राथमिकता से लिया। केंद्र से लेकर अलग-अलग राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने पर गोहत्या रोकने की कोशिश की गई है। अटल सरकार ने गो पशु आयोग बनाया। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गोहत्या पर पूरी तरह से रोक लगा दी। 26 मई 2017 को मोदी सरकार ने पशु बाजारों में हत्या के लिए मवेशियों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी थी।
10: फार्मा सेक्टर ने दमदार निर्यात से भारत को दुनिया का सबसे सस्ता दवाखाना बनाया
भारत के फार्मा सेक्टर ने निर्यात के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया है। अगर कहा जाए कि भारत दुनिया का सस्ता दवाखाना बनने जा रहा है तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह सब हो रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जिन्होंने देश की सत्ता संभालने के बाद कहा था…”मैं देश नहीं झुकने दूंगा।” पीएम मोदी ने 2014 में देश सत्ता संभालने के बाद हर सेक्टर के विकास पर जोर दिया है और यही वजह है कि फार्मा सेक्टर ने पिछले आठ साल में निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। पिछले 8 वर्षों में इसमें करीब 10 बिलियन अमरीकी डॉलर की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसमें खास बात यह है कि कोरोना काल में विभिन्न बाधाओं के बावजूद भारतीय फार्मा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। भारतीय औषध उद्योग को वैश्विक बाजार में अग्रणी भूमिका निभाने हेतु समर्थ बनाना और आम उपभोग के लिए अच्छी गुणवत्ताओं वाले औषध उत्पादों का उचित मूल्यों पर देश के अंदर प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित करना केंद्र सरकार का अहम लक्ष्य है जिसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।
11: सेहतमंद भारत की ओर कदम, अब 70 साल से ज्यादा के वरिष्ठजन भी शामिल
आयुष्मान भारत योजना के तहत मार्च 2022 तक 17.90 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराए जा चुके हैं। 3.28 करोड़ के अधिक लोग उपचार की सुविधा ले चुके हैं। इस योजना से करीब 27300 निजी एवं सरकारी अस्पताल जुड़े हुए हैं। साथ ही इस योजना के तहत 141 ऐसे मेडिकल प्रोसीजर्स शामिल किए गए हैं, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं। अक्टूबर 2019 से सितंबर 2021 तक इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं। पीएम जय-आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 से हुई। इसके तहत 10 करोड़ 74 लाख परिवारों के 50 करोड़ के अधिक लोगों को पांच लाख रुपये-सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। मुफ्त इलाज में गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं।12: गुलामी की निशानी को मिटाकर राजपथ को बनाया कर्तव्य पथ, नेताजी की प्रतिमा का अनावरण
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘पंच प्राणों का विजन रखा है। इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है। इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आवाहन है, अपनी विरासत पर गर्व का बोध है। गुलामी के प्रतीक राजपथ का अस्तित्व समाप्त करके कर्तव्य पथ की पीएम मोदी ने शुरुआत की। इसके साथ ही जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक, निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है। इसी दिशा में गुलामी की निशानियों को मिटाकर अंडमान के द्वीपों को नेताजी बोस से जोड़कर भारतीय नाम दिए गए।13. भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल, यहां सबसे ऊंची प्रतिमा
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का ITPO कॉम्प्लेक्स भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। भारत मंडपम में लगाई गई नटराज की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 27 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वहीं इस मूर्ति का वजन लगभग 18 टन है। इस मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से अष्टधातु से बनाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण श्री राधाकृष्णण की अगुआई में शिल्प शास्त्र में लिखे गए सभी नियमों और सिद्धातों का पालन करते हुए किया गया है। इस प्रतिमा को जिस लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से बनाया गया है, उसका पालन चोल काल से किया जा रहा है। शिव नटराज की यह मूर्ति अनंत शक्ति का प्रतीक है। ईश्वर का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है।
14.चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को 41 दिन की चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हुआ था और 23 अगस्त 2023 को इसने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले चांद पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया है, और अब भारत के नाम इस उपलब्धि को हासिल करने का रिकॉर्ड हो गया है। 4 साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इस तरह इस टेक्नोलॉजी में भारत ने महारत हासिल कर ली और इसको लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है।
15. सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।
16: बेहतरीन आर्थिक नीतियों को दुनिया ने ‘मोदीनॉमिक्स’ नाम दिया
साल 2005-06 में गुजरात में रिकॉर्ड ग्रोथ रेट दर्ज हुई थी जो 15 प्रतिशत के करीब थी। इस दौरान तीन बेहतरीन ग्रोथ रेट वाले राज्यों पर ध्यान दें तो महाराष्ट्र का ग्रोथ रेट 10.75 प्रतिशत, तमिलानडु का 10.27 प्रतिशत और बिहार का 11.42 प्रतिशत था। कहा जाता है कि बिहार का ग्रोथ बेहद निचले स्तर पर था, इसलिए 11.42 प्रतिशत का ग्रोथ स्वाभाविक था। जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य लंबे समय से विकसित राज्यों में गिने जाते रहे हैं। लेकिन मोदी अपनी नीतियों से गुजरात की ग्रोथ 15 प्रतिशत तक ले गए। मोदी राज में अपनाए गए बेहतरीन आर्थिक नीति को दुनिया ‘मोदीनॉमिक्स’ के नाम से पुकारने लगी।
17: बेहतरीन कृषि नीति से फूड डेफसिट राज्य से गुजरात फूड सरप्लस स्टेट बना
नरेन्द्र मोदी का जोर कृषि के बढ़ावे पर भी उतना ही था, जितना अन्य इंडस्ट्री सहित दूसरे सेक्टर पर। कृषि को उन्नत बनाने में बीटी कॉटन (जेनेटिकली मॉडिफाइड) को अपनाने पर जोर सहित, लघु सिंचाई,चेक डैम्स और 10 हजार छोटे कृषि मशीन कृषि की पैदावार बढ़ाने में बेहद कारगर साबित हुए। खाद्य पदार्थों की पैदावार में साल 2000 की तुलना में 100 फीसदी बढ़ गई। वहीं कपास के पैदावार में 200 फीसदी का इज़ाफा हुआ। बेहतरीन कृषि नीति की वजह से साल 2000 से 2010 तक गुजरात फूड डेफसिट से फूड सरप्लस राज्य बन पाने में कामयाब हुआ। राज्य में गेहूं की पैदावार 8 मिलियन टन से बढ़कर 40 मिलियन टन तक पहुंच गई, जबकि कपास की उपज पूरे देश के 40 फीसदी आंकड़े को पार कर चुकी थी।
18: मोदी राज में पावर जनरेशन में शानदार बढ़त, पावर सरप्लस राज्य बनाने में कामयाबी
बिजली की खपत और पैदावार किसी राज्य की समृद्धि का सूचकांक होती है। मोदी के विजन के चलते दस सालों में पावर जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में गुजरात में शानदार बढ़त देखी गई। राज्य में साल 2003-04 में 9 हजार मेगावाट से बढ़कर 2013 में 23 हजार 887 मेगावाट तक पहुंच जाना बिजली की पैदावार और खपत विकास की कहानी बखूबी बयां करती है। इस दौरान मोदी सरकार ने ट्रांसमिशन लॉस पर ध्यान देकर उसको 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया और गुजरात को पावर सरप्लस राज्य बनाने में कामयाबी हासिल की।19: गांव से शहर तक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली-पानी जैसी समस्याओं से छुटकारा
गुजरात में सीएम मोदी का ध्यान आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर भी था। इसलिए शहर से लेकर गांव तक की सड़कों को मजबूत करना मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में था। सड़कों के तीन हजार रूरल प्रोजेक्ट्स इस कड़ी में पूरे किए गए जो सरकार की प्राथमिकताओं का बेहतरीन उदाहरण बने। गुजरात पावर सरप्लस स्टेट बन चुका था और बेहतरीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से एक पोर्ट से दूसरे पोर्ट पर जाना एक दिन के भीतर आसानी से संभव था। तत्कालीन मोदी सरकार ने गुजरात में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने को लेकर भी कई प्रयास किए जिनमें अहमदाबाद और गांधीनगर, सूरत और भरूच को डिवेलप करना शामिल था। इतना ही नहीं लोकल बॉडी के मजबूत फाइनेंशियल स्टेटस की वजह से शहरी आधारभूत संरचना बेहतर होती गई और गुजरात लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहा।
20: मोदी विजन…नारीशक्ति की राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका
एक शासक और व्यक्तित्व के तौर पर नरेन्द्र मोदी का हमेशा से विजन रहा है कि नारीशक्ति राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। सीएम से लेकर पीएम बनने तक उन्होंने न सिर्फ महिलाओं के उत्थान पर जोर दिया, बल्कि उनके लिए कई बेहद सफल योजनाएं भी लेकर आए। साल 2004-2005 में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्या केलवणी योजना सहित शाला प्रवेशोत्सव अभियान चलाया, जिसमें अधिकारियों और मंत्रियों को गांवों तक भेजकर ज़मीन पर उतारने का सफल प्रयास किया। मोदी सरकार ने बेटी बचाओ अभियान के लिए लिंग अनुपात पर विशेष जोर दिया। इतना ही नहीं हर स्कूल में शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की ताकि लड़कियों की शिक्षा में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके। विकास के तमाम आयाम को छूने और उसे सफल बनाकर राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में कामयाब मोदी गुजरात को विकास का पर्याय बनाने में पूरी तरह कामयाब रहे। इसलिए पिछले दो दशकों से गुजरात देश के लिए नजीर और विकास का पर्याय बन चुका है।
21. कच्छ के रण में दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट
गुजरात के कच्छ जिले के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे खावड़ा गांव में दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क बनाया जा रहा है, जिससे 30 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि 726 वर्ग किमी क्षेत्र में बना ये एनर्जी पार्क अंतरिक्ष से भी नजर आएगा। इस पार्क से लगभग 20 मिलियन यानी 2 करोड़ घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इस पार्क की नींव रखी थी। रण में बन रहा यह हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पार्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तो वहीं भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी हो जाएगा। इस साल दिसंबर तक 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा, जिसके साथ ही 14 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि दिसंबर 2026 में हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।22. देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज मुंबई में तैयार
देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाले ब्रिज की कुल लंबाई 21.8 किमी है। यह ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानि अटल सेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 4B पर सेवरी से शुरू होगा और शिवाजी नगर, जस्सी और चिरले में इंटरचेंज होगा। यह ब्रिज आने वाले दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इस ब्रिज का 16.5 किमी का हिस्सा समुद्र में से होकर गुजरता है और 5.5 किमी का हिस्सा जमीन पर से गुजरता है। यह ब्रिज 6 लेन का है, जिसमें से 3 लेन आने और 3 लेन जाने के लिए होगी। इस ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। साथ ही रोजाना 70 हजार से ज्यादा वाहन इसपर से गुजर सकेंगे। इस ब्रिज की कुल लागत 17,843 करोड़ रुपये है और इस पर निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस से लैस कैमरा लगाए गए हैं, जो वाहनों की जानकारी और उन्हें कंट्रोल करने में मदद करेंगे। इससे दो घंटे का सफर इस पुल के जरिए सिर्फ 35 मिनट में पूरा हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में मुंबई के शिवड़ी से न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी।
23. दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया के सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर में से एक है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये है और यह 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बना है। यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं जो विश्वस्तरीय हैं और दुनिया के किसी भी देश के कन्वेंशन सेंटर से टक्कर ले सकते हैं। इसमें 11000 प्रतिनिधियों से अधिक की बैठने की क्षमता है। कन्वेंशन सेंटर के साथ इसमें 15 सम्मेलन कक्ष, ग्रैंड बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष भी शामिल हैं। यह सीधा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से भी जुड़ा हुआ है और पीएम ने यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया। यह दुनिया के सबसे बड़े MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर्स में से एक है और इसके बनने के साथ ही वैश्विक स्तर पर मीटिंग, प्रदर्शनी और कन्वेंशन में अब सहायता मिलेगी।24: मोदी के सीएम रहते गुजरात ने देश के औसत से भी ज्यादा तरक्की की
गुजरात की बात करें तो साल 2000 से लेकर 2012 तक राज्य में 3 हजार रूरल रोड प्रोजेक्ट्स पूरी की गईं। वहीं 2004-05 से 2013-14 के बीच बिजली प्रत्येक इंसान की खपत के लिए 41 फीसदी ज्यादा उपलब्ध थी। नरेन्द्र मोदी के सीएम रहते गुजरात के आर्थिक तरक्की का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2000 से 2010 के बीच सर्विसेज और गुड्स के वैल्यू की वजह से जीएसडीपी 9.8 फीसदी हो गई। जबकि इस दौरान देश का आंकड़ा 7.7 फीसदी ही था। ज़ाहिर है देश के औसत आंकड़े से गुजरात कहीं आगे निकला। इसलिए राज्य के संतुलित विकास की चर्चा देश ही नहीं, दुनियाभर में होने लगी।25: मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन कराकर दुनिया का ध्यान खींचा
नरेन्द्र मोदी ने साल 2003 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन करा पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। वाइब्रेंट गुजरात के जरिए नरेन्द्र मोदी ‘ब्रांड गुजरात’ बनाने में सफल साबित हुए। साल 2003 में 76 एमओयू के जरिए 66 हजार से बढ़कर साल 2011 में 8,380 एमओयू में परिवर्तित हुआ। ज़ाहिर है साल 2011 में इन्वेस्टर्स के बीच भरोसा बढ़ाने में कामयाब रहे मोदी 21 लाख करोड़ के विनिवेश के लिए उद्योगपतियों को राजी कर चुके थे। इन्वेस्टर्स गुजरात में बिजेनस फ्रेंडली एनवायर्नमेंट की वजह से आकर्षित हो रहे थे, जहां बेहतरीन इंफ्रस्ट्रक्चर की वजह से विनिनेश बढ़ाने में सहूलियत हो रही थी।
26: बंगाल में नैनो के लिए ममता के विरोधी आंदोलन को मोदी ने गुजरात के लिए अवसर में बदला
तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने फोर्ड, सुजूकी और टाटा जैसी कंपनियों के लिए जटिल नौकरशाही की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया और उद्योगपतियों की नजरों में बिजनेस फ्रेंडली प्रशासक के रूप में पहचाने जाने लगे। देश ही नहीं दुनिया में मोदी के शासन की धूम मची जब चंद दिनों में टाटा जैसे उद्योगपति को नैनो की फैक्ट्री लगाने के लिए पूरी तरह उन्होंने तैयार कर लिया। साल 2008 में बंगाल में नैनो के विरोध के लिए ममता आंदोलन कर रही थीं, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इसे गुजरात के लिए अवसर में तब्दील किया। जिसकी चर्चा दूर-दूर तक होने लगी। यही वजह बना कि गुजरात में होने वाला व्राइब्रेंट गुजरात समिट विनिवेश का शानदार माध्यम बना। इस कारण गुजरात उद्योगपतियों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा।27. हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।
28. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।
29. विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।30. मनाली को लेह से जोड़ती विश्व की सबसे लंबी अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।31. चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
32. सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट ओंकारेश्वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।
पीएम मोदी के व्यक्तित्व और कृतित्व की प्रशंसा करने वालों में दुनिया के कई सेलिब्रेटी भी शामिल हैं। कई मौकों पर तो दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले देशों के राष्ट्राध्यक्ष पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। आइये, Birthday के मौके पर जानते हैं कि किन-किन वर्ल्ड लीडर्स ने पीएम मोदी की तारीफ में क्या कहा है…..?
जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति
टोक्यो में क्वाड समिट के दौरान ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लोकतांत्रिक तरीके से सफलतापूर्वक कोविड महामारी से निपटने के लिए पीएम मोदी की खूब तारीफ की। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की सफलता की तुलना कोविड-19 महामारी से निपटने में चीन की विफलता के साथ की। साथ ही बाइडेन ने कहा कि पीएम मोदी की सफलता ने दुनिया को दिखाया है कि लोकतंत्र को कैसे चलाया जाता है और कैसे विश्व के कल्याणार्थ दूसरे देशों के लोगों की भी मदद की जा सकती है।
बॉरिस जॉनसन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने भारत की प्रगति की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, ‘भारत आज दुनिया की फार्मेसी बन गया है और यहां तक कि मेरी बांह पर लगा कोरोना का टीका भी यहीं का है। इसने मुझे बेहतर कर दिया है, मैं भारत और पीएम मोदी को बहुत धन्यवाद देता हूं।’ साथ ही बोरिस जॉनसन ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को अपना खास दोस्त बताते हुए कहा कि उन्होंने रिश्तों को मजबूत करने में योगदान दिया है।’
व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले साल ही चीन के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी की खुलकर तारीफ की थी। पुतिन ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जिम्मेदार नेता’ हैं। जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत के शासनाध्यक्ष के रूप में मोदी के कामकाज ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा और सम्मान दिलाया है। पुतिन ने कहा, ‘आपके नेतृत्व में भारत सामाजिक-आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के पथ पर सफलतापूर्वक अग्रसर है।’ पीएम मोदी भी मानते हैं कि भारत और रूस की दोस्ती पुरानी है। दोनों देश शांति और स्थायित्व के साथ-साथ दोस्ती और उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं।
स्कॉट मॉरिसन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने G20 समिट के मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व ऐसा है कि कोई उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। ऐसा ही देखने को मिला जब जापान के ओसाका में चल रहे G20 समिट के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की मुलाकात हुई। इस मुलाकात को ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने एक ट्वीट के जरिए बताया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘अच्छा लीडर’ बताया।
प्रटेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस, WHO चीफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चीफ प्रटेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी वजह से 60 से अधिक देशों में टीकाकरण संभव हो पाया है। WHO ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए उनका धन्यवाद किया। डब्ल्यूएचओ प्रमुख प्रटेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि कोवैक्स और कोविड-19 वैक्सीन की खुराक को साझा करने में पीएम मोदी की प्रतिबद्धता 60 से अधिक देशों को अपने स्वास्थ्यकर्मियों और प्राथमिक समूहों को टीकाकरण शुरू करने में मदद कर कर रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि बाकी देश भी पीएम मोदी के इस उदाहरण का अनुसरण करेंगे।
शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत और पीएम मोदी को बांग्लादेश का सच्चा दोस्त बताया। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की भी जमकर तारीफ की और उन्हें टेस्टेड फ्रेंड (परखा हुआ मित्र) बताया। उन्होंने कहा कि जब रूस-यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था तो भारत ने अपने छात्रो के साथ हमारे छात्रों का भी रेस्क्यू किया। यह दिखाता है कि हमारी दोस्ती कितनी मजबूत है। उन्होंने अपने देश के छात्रों को बचाने के लिए दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना की। इस दौरान शेख हसीना ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत पड़ोसी देशों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने के मोदी सरकार के फैसले की भी प्रशंसा की।
डेविड कैमरन, ब्रिटेन के पूर्व पीएम
ब्रिटेन के पूर्व पीएम डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि भारत और उसके देशवासी बहुत ही भाग्यशाली है, क्योंकि उसके पास नरेन्द्र मोदी जैसा पीएम है, जो विजनरी और देशवासियों से गहरे से जुड़ा है। कैमरन ने कहा कि भारत भाग्यशाली है कि उसके पास स्पष्ट दृष्टि वाला नेतृत्व है। जब मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिला तो मैंने देखा कि उनके पास दीर्घकालिक समस्याओं को लेकर गहरी सोच है। प्रधानमंत्री कैमरन ने यह भी कहा कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
जायर एम बोल्सोनारो, ब्राजील के राष्ट्रपति
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने पीएम मोदी की तारीफ जिन शब्दों में की हर भारतीय का सीना गर्व से भर गया। ब्राजील के राष्ट्रपति ने मोदी की तुलना भगवान हनुमान से करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा भेजी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा है कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
अमेरिका के राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें महान नेता बताया। ट्रंप ने आगे कहा कि पीएम मोदी रॉकस्टार एलविस प्रेस्ली की तरह लोकप्रिय हैं। मैं मोदी को बहुत पसंद करता हूं। वे मेरे दोस्त हैं और अच्छा काम कर रहे हैं। यह बात साल 2017 की है, जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे. साथ ही उन्होंने कहा था, ‘वे महान प्रधानमंत्री हैं. मैं उनके साथ बात करता रहा हूं और उनके बारे में पढ़ता रहा हूं। वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. वैसे ट्रंप कई मंचों और कई बार पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
बराक ओबामा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने एक लेख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की थी। साल 2015 में टाइम मैग्जीन में छपे लेख में ओबामा ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें भारत का रिफॉर्मर इन चीफ करार दिया था। साथ ही ओबामा ने लिखा था मोदी का भारत में गरीबी हटाने पर जोर है। वे गरीबी हटाने का बहुत ही बेहतर प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने पहले चाय बेचकर परिवार को आगे बढ़ाया और अब देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, डिजिटल इंडिया के जरिये भारत को आधुनिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’एचडी देवेगौड़ा, पूर्व प्रधानमंत्री
पीएम मोदी के नेतृत्व, देशभक्ति और दूरदृष्टि की बीजेपी और आरएसएस तो मुरीद है ही, देश के विपक्षी नेता भी पीएम मोदी की तारीफ करते नहीं अघाते। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) के नेता एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी की उनकी भाजपा का विस्तार पूरे देश में करने की प्रतिबद्धता को लेकर भूरि-भूरि प्रशंसा की। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर बोलते हुए गौड़ा ने कहा, ‘‘यह जीत (पांच में से चार राज्यों में) उनकी (मोदी) है। नतीजों के तुरंत बाद वह गुजरात चले गए और दो दिन वहां रहेंगे। देश के सभी क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार की उनकी यह इच्छा और प्रतिबद्धता है।”मायावती, बसपा सुप्रीमो
बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी नीतियों की कई मौकों पर तारीफ की है। मायावती ने पीएम मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं संग बैठक बुलाने को अच्छी पहल बताया। मायावती ने पीएम मोदी के चुनाव सुधार से जुड़े फैसले की भी तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा रोकने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने यह सही कदम उठाया है। कोरोना काल में मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाए जाने की सरहाना की। उन्होंने ट्वीट कर इसे सही और स्वागतयोग्य कदम बताया था।शरद पवार, एनसीपी अध्यक्ष
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि एक बार वह (पीएम मोदी) कोई काम उठा लेते हैं तो यह सुनिश्चित करते हैं कि काम पूरा हो ही जाए। प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ काफी प्रयास करते हैं, बल्कि काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं। प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ है और यही उनका सबसे मजबूत पक्ष है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पवार ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने का एक अलग तरीका है। यह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानंमत्रियों में नहीं दिखती थी।शशि थरूर, कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत का सारा श्रेय पीएम मोदी को दिया। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने यूपी विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर कहा कि हमें बीजेपी से उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इतनी बड़ी जीत मिलेगी, लेकिन पीएम मोदी ने कर दिखाया। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबरदस्त जोश और गतिशीलता वाले व्यक्ति हैं। उनमें कुछ चीजें हैं, जो बहुत प्रभावशाली हैं, खासकर राजनीतिक रूप से। हमें उम्मीद नहीं की थी कि वो इतने बड़े अंतर से जीतेंगे, लेकिन उन्होंने चार राज्यों में जीत दिलाई।
राज बब्बर, अभिनेता और कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर केंद्र सरकार की और प्रधानमंत्री पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना यानी PMJDY ने 8 साल पूरा कर लिया है। अब पैसा और मदद सीधे लोगों के अकाउंट में पहुंच रही है। जिसमें आधे से अधिक अकाउंट होल्डर महिलाएं हैं। मौजूदा सरकार का ये काम यकीनन तारीफ के काबिल है।
माजिद मेमन, कांग्रेस सांसद
शशि थरूर, राजबब्बर और गुलाम नबी आजाद के साथ कांग्रेस के एक और सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य माजिद मेमन ने अपने ट्विटर हैंडल पर मोदी की तारीफ की है। माजिद के इस पोस्ट पर लोग पॉजिटिव कमेंट भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि विपक्ष द्वारा तारीफ किया जाना एक स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत है। माजिद ने अपनी पोस्ट में लिखा – अगर नरेंद्र मोदी लोगों का मन जीत लेते हैं और उन्हें दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में भी स्थापित हो रहे हैं तो उनके कुछ ऐसे गुण या अच्छे काम होंगे जो उन्होंने किए हैं और विपक्षी नेताओं ने नहीं किए हैं। इसलिए मोदी तारीफ के हकदार हैं।
Thank you for the great initiative Shri @narendramodi – #LKA is ready to join the discussion & share our learnings & best practices and to learn from other #SAARC members. Let’s unite in solidarity during these trying times and keep our citizens safe. https://t.co/fAiT5w3O8D
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) March 13, 2020
गोटबया राजपक्षे, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के मामले पर ट्वीट कर कहा था कि कोविड-19 से इस वक्त पूरी दुनिया लड़ाई लड़ रही है। दक्षिण एशिया के देशों में भी इसका असर दिख रहा है, ऐसे में सार्क देशों के प्रमुख से अपील करता हूं कि वो कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक साथ आएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का खासा असर हुआ। इसके बाद श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मालदीव के राष्ट्रप्रमुखों ने पीएम मोदी की तारीफ की। श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे ने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना वायरस के मामले पर श्रीलंका बात करने को तैयार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे वक्त पर शानदार मुहिम की शुरुआत की है।
This is what we call leadership. As members of this region, we must come together in such times. Smaller economies are hit harder, so we must coordinate. With your leadership, I have no doubt we will see immediate and impactful outcome. Looking forward to the video conference. https://t.co/2RnokAJQOs
— PM Bhutan (@PMBhutan) March 13, 2020
लोतेय त्शेरिंग, भूटान के प्रधानमंत्री
भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम का समर्थन किया है। उन्होंने अपने ट्वीट कर कहा कि इसे ही नेतृत्व कहते हैं। क्षेत्र के सदस्य के तौर पर हमें साथ आना चाहिए, वरना इससे इकॉनोमी को नुकसान हो सकता है। मैं इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए तैयार हूं। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ने भी पीएम मोदी के इस प्रस्ताव पर कहा कि हमारी सरकार इस मुहिम में साथ देने के लिए तैयार है।
Thank you PM @narendramodi for taking the initiative on this important endeavor. Covid 19 requires collective effort to defeat it. Maldives welcomes this proposal and would fully support such a regional effort. https://t.co/2fxQxe9w1h
— Ibrahim Mohamed Solih (@ibusolih) March 13, 2020
इब्राहिम सोलिह, मालदीव के राष्ट्रपति
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है। उन्होंने भी ट्वीट कर कहा है कि कोरोना वायरस को हराने के लिए सभी को एकसाथ आने की जरूरत है। हम क्षेत्रीय एकता दिखाने की मुहिम का समर्थन करते हैं।
लता मंगेशकर, सुर सम्राज्ञी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में गायिका को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वह कामना करते हैं कि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे। वहीं, लता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। इस दौरान लता ने यह भी कहा कि भारत की तरक्की के लिए जिस तरह से मोदी काम कर रहे हैं, उसका प्रभाव पूरे विश्व पर नजर आ रहा है। लता ने कहा, ‘उम्र में बड़ा होने से कुछ नहीं होता है, जिसके काम बड़े होते हैं वही बड़ा होता है। आपके आने के बाद देश की छवि बदली है और इससे मुझे काफी खुशी मिली है। आपने देश के विकास के लिए निरंतर काम किया है और देश का नाम और गौरव बढ़ाया। मैं आपको ऐसे ही लगातार काम करते रहने के लिए बधाई देती हूं।’
मैरी मिलबेन, अमेरिकी सिंगर
भारत में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बार अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन को समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। इस मौके पर उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एकदम परफैक्ट नेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी एक महान नेता हैं। मेरे मन में प्रधानमंत्री के लिए जबरदस्त सम्मान और समर्थन है। मैं वास्तव में मानती हूं कि वह सही नेता हैं, सही दूरदर्शी हैं। भारत के लिए अभी उनको और भी बहुत कुछ करना है।
रजनीकांत, साउथ के सुपरस्टार
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से देश एक बार फिर मोदीमय हो गया था। 23 मई को चुनावी नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया कि देश को मोदी का साथ ही पसंद है। दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं ने पीएम मोदी को मुबारकबाद और शुभकामनाएं दीं। रही हैं। इसी कड़ी में साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘करिश्माई नेता’ बताया। रजनीकांत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘ये पीएम नरेन्द्र मोदी की जीत है। लगातार दूसरी बाद इतनी बड़ी जीत हासिल करना बताता है कि वो करिश्माई नेता हैं।अमिताभ बच्चन और आमिर खान
पानी की बढ़ती कमी की समस्या के चलते मोदी सरकार ने ‘जल शक्ति अभियान’की शुरुआत की है। इस अभियान को खास तौर पर बॉलीवुड सेलेब्स ने भी सपोर्ट किया। पीएम मोदी के इस अभियान की अमिताभ बच्चन और आमिर खान ने तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय नेता पीएम मोदी समाज में जागरुकता फैलाने का काम कर रहे हैं। पीएम मोदी विविध जनकल्याणकारी योजनाओं से भारत को आगे ले जा रहे हैं। इस अपील के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर आमिर व अमिताभ के इस प्रयास को सराहा।
बिल गेट्स, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक
पीएम मोदी के विकास अभियानों की चर्चा दुनियाभर में होती रही है। दुनिया की जानी-मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है। बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भुगतान, स्वच्छता, टीकाकरण अभियान, महिला सशक्तिकरण जैसे विकास अभियानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विकास के नए सोपान तय कर रहा है।धीरूभाई अनिल अंबानी, प्रमुख उद्योगपति
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रिलायंस के फाउंडर धीरुभाई अंबानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी बहुत पहले ही कर दी थी। तब वो गुजरात के सीएम तक नहीं बने थे। इस बारे में उनके उद्योपति बेटे अनिल अंबानी ने यह किस्सा शेयर करते हुए लिखा था, “मैं 1990 के दशक में पहली बार नरेन्द्र मोदी से मिला। मेरे पिता धीरूभाई अंबानी ने तब उन्हें घर पर खाने के लिए बुलाया था। बातचीत के बाद पापा ने गुजराती में कहा- लंबी रेस ने घोड़ो छे, लीडर छे, पीएम बनसे। उनका मतलब था- ये लंबी रेस का घोड़ा है, सही मायने में लीडर है और ये प्रधानमंत्री बनेगा। दूरदर्शी धीरूभाई अंबानी ने उनकी आंखों में सपने देख लिए थे। वो वैसे ही थे जैसे अर्जुन को अपना विजन पता होता था।
पीएम नरेन्द्र मोदी आज देश-दुनिया में लोकप्नियता की जिन ऊंचाइयों को छू रहे हैं, उनके अंतस में मां हीरा बा के कर्तव्यपथ पर दृढ़ता से डटे रहने वाले संस्कार हैं। अब हीरा बा नहीं हैं, पर उनके प्रेरणादायी किस्से-कहानियां हैं, जिनसे आज भी पीएम मोदी नई ऊर्जा पाते हैं। आइए, जानते हैं मां के दिए कुछ अनूठे संस्कार…
आत्मनिर्भरता का पहला मंत्र मां से सीखा, आज पीएम आत्मनिर्भर भारत बना रहे
पीएम मोदी का बचपन आर्थिक अभावों में बीता। उनके पिता की चाय की दुकान थी। घर का खर्च चलाने में मदद करने के लिए हीरा बा भी कुछ घरों में बर्तन मांजती थीं। अतिरिक्त कमाई के लिए वो चरखा चलातीं, सूत काततीं। हीरा बा दूसरों पर निर्भर रहने या अपना काम करने के लिए दूसरों से अनुरोध करने से बचती थीं। आत्मनिर्भर रहने का मंत्र नरेन्द्र मोदी ने बचपन में ही मां से सीखा था। आज वो प्रधानमंत्री बनकर आत्मनिर्भर भारत बना रहे हैं। पीएम मोदी की कई योजनाओं में बचपन में मां से सीखे सबक और लोगों की जरूरतें और दिक्कतों का हल समाहित होता है।मां को जल संरक्षण करते देखा, आज गांव-गांव तक जल जीवन मिशन
पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर बनाने का आह्वान किया था। वे गांव-गांव तक जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन भी चला रहे हैं। जल संरक्षण और प्रबंधन को लेकर सीएम से लेकर पीएम बनने तक नरेन्द्र मोदी लगातार काम कर रहे हैं। जल संरक्षण का पाठ भी प्रधानमंत्री ने बचपन में ही अपनी मां से सीखा था। दरअसल, मानसून हीराबा के मिट्टी के घर के लिए मुसीबत बनकर आता था। बरसात के दिनों में छत टपकती थी और घर में पानी भर जाता था। तब वो बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए लीकेज के नीचे बर्तन रख देती थीं। पीएम मोदी लिखते हैं- “इन विपरीत परिस्थिति में भी मां सहनशीलता की प्रतीक थीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि वह अगले कुछ दिनों तक मां इस बारिश के पानी का इस्तेमाल करतीं। जल संरक्षण का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है!”मां से सीखी अर्थशास्त्र की ईमानदारी, अब देश को दुनिया की थर्ड इकोनॉमी का संकल्प
हीरा बा के बेटे और पीएम मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब हम किसी की दी हुई कोई चीज बाहर से लेकर आते तो मां डांट लगाते हुए वह चीज लौटाने के लिए भेज देती थीं। मां में ईमानदारी के गुण थे, जो उन्होंने अपने बच्चों को दिए। आर्थिक स्थिति कमजोर होने, अनपढ़ होने के बावजूद मां हीराबा का अर्थशास्त्र काफी मजबूत था। खर्च के लिए पांच हों या एक रुपए, वे जानती थीं कि घर का खर्च कैसे चलाना है। पैसे कम हो तो भी ठीक, अगर ज्यादा हों तो वे पैसे न होने की स्थिति के लिए भी पहले से तैयारी कर लेती थीं। पैसे न होने की स्थिति में भी वे किसी न किसी तरह परिवार चला लेती थीं। उन्होंने ही हम बच्चों को पैसे के महत्व की शिक्षा दी।
समय की पाबंदी और तड़के उठने की आदत मां और पिता से मिली
पीएम नरेन्द्र मोदी आज अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करते हैं। जैसे आज पीएम मोदी की दिनचर्या तड़के ही शुरू हो जाती है, वैसे ही उनकी मां हीरा बा और पिता भी सुबह चार बजे जग जाते थे। पीएम मोदी अपने ब्लॉग में लिखते हैं-मेरे पिता सुबह चार बजे ही काम पर निकल जाते थे। उनके कदमों की आहट पड़ोसियों को बताती कि सुबह के 4 बज रहे हैं और दामोदर काका काम पर जा रहे हैं। वो अपनी छोटी सी चाय की दुकान खोलने से पहले पास के मंदिर में प्रार्थना करने जरूर जाते थे। मां भी उतनी ही समय की पाबंद थीं। वह भी पिता के साथ उठतीं और सुबह ही कई काम निपटा देती थीं। अनाज पीसने से लेकर चावल-दाल छानने तक मां के पास कोई सहारा नहीं था। उसने कभी हमसे मदद भी नहीं मांगी। मुझे खुद लगता था कि मदद करनी चाहिए। मैं घर से सारे मैले कपड़े ले जाता और उन्हें तालाब से धो लाता। कपड़े धोना और मेरा खेलना, दोनों साथ-साथ हो जाया करते थे।पीएम को 18 घंटे तक अथक परिश्रम करने की प्रेरणा मां हीरा बा से मिली
आज हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी दिन में 18 घंटे तक काम करते हैं। उनको ये प्रेरणा अपनी मां हीरा बा से ही मिली। स्थानीय मंदिर हटकेश्वर महादेव के पुजारी निरंजन सिंह रावल और पीएम मोदी के भाई ने एक इंटरव्यू में बताया कि वो शुरू से ही हीरा बा को निरंतर, बिना थके काम करते देखते थे। पीएम मोदी को काम करने की अद्भुत ऊर्जा और धार्मिक संस्कार अपनी मां से ही मिले हैं। वे बताते हैं कि मां अनपढ़ थीं, लेकिन मेरे पिता उनको धार्मिक किताबें पढ़कर सुनाते थे। वह शिवरात्रि और सावन के महीने में मंदिर आती थीं। वह पूजा करती थीं। हर पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की वह महिला उनकी मां हीरा बा ही हैं। उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया, मेहनत की और बच्चों को ऐसी शिक्षा दी, जिससे वे मेहनत से देश सेवा कर सकें।
सनातन संस्कृति में अगाध आस्था और पूजा-अर्चना मां से सीखी
पीएम मोदी ने अपनी मां के बारे में बात करते हुए एक जगह लिखा है कि उनकी मां की ईश्वर में अगाध आस्था है। लेकिन साथ ही वह अंधविश्वासों से दूर रहीं और हममें भी वही गुण पैदा किए। पिता की इच्छा पर एक बार हमारा परिवार पूजा के लिए नर्मदा घाट गया था। तीन घंटे का सफर था। जबरदस्त गर्मी से बचने के लिए हम सुबह-सुबह ही घर से निकल गए। वहां पहुंचने के बाद कुछ दूरी पैदल ही तय करनी थी। गर्मी बहुत तेज थी। पैदल चलना आसान नहीं था। हमने नदी किनारे-किनारे चलना शुरू किया। मां ने तुरंत ही हमारी बेचैनी को देख लिया। उन्होंने पिता से कुछ देर रुकने और आराम करने को कहा। मां ने पिता से आसपास से थोड़ा गुड़ लाने को कहा। वे गए और किसी तरह कुछ गुड़ ले आए। गुड़ और पानी ने हमें फौरन ही ताकत दी और हम सभी दोबारा पैदल चल निकले। उस तपती धूप में पूजा के लिए जाना, मां की सजगता और पिता का गुड़ लेकर आना, वे सभी बातें मुझे आज भी याद रहती हैं।मां से मिला प्रोत्साहन के शब्दों का जादू- लगता है तुम अच्छा काम कर रहे हो
प्रधानमंत्री मोदी आज अच्छा काम करने वाले छात्रों से लेकर युवाओं तक, श्रमिकों से लेकर इंजीनियरों तक को प्रोत्साहित करते नजर आते हैं। ऐसा ही प्रोत्साहन पीएम मोदी को मां से भी मिलता था। वे बताते हैं कि जब मैं संगठन में काम करता था, ज्यादा बिजी होने की वजह से परिवार के संपर्क में बहुत कम रह पाता था। उस दौरान मेरे बड़े भाई मां को केदारनाथ ले गए। वहां स्थानीय लोगों को ये बात पता चल गई कि नरेंद्र मोदी की मां आ रही हैं। वे सड़कों पर बुजुर्ग महिलाओं से पूछते रहे कि क्या वे नरेंद्र मोदी की मां हैं। अंत में वे मां से मिले। उन्हें कंबल और चाय दी। केदारनाथ में उनके ठहरने की आरामदायक व्यवस्था की। बाद में जब वह मुझसे मिलीं तो मुझे प्रोत्साहित करते हुए बोलीं ‘ऐसा लगता है कि तुम कुछ अच्छा काम कर रहे हैं, क्योंकि लोग तुमको पहचानते हैं। हमेशा ऐसा ही काम करते रहो।’ पीएम बनने के बाद भी जब वो मिलती तो देश सेवा के लिए प्रोत्साहित करती रहतीं।
बच्चों को सिखाया दूसरों की पसंद और भावनाओं का सम्मान करना
पीएम मोदी ने इस साल 18 जून को लिखे अपने ब्लॉग में मां के बारे में बहुत कुछ बताया है। उन्होंने लिखा कि कैसे मां ने हमें दूसरों की पसंद और भावनाओं का सम्मान करना सिखाया। पीएम मोदी ने लिखा- “मैं अपने भाई-बहनों की तुलना में थोड़ा अलग हुआ करता था। मेरी खास आदतों और असामान्य प्रयोगों की अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए मां को अक्सर विशेष प्रयास करने पड़ते। लेकिन मां ने न कभी इनको बोझ समझा और न ही कभी इससे परेशान हुईं। मैं अक्सर कई महीनों के लिए नमक छोड़ देता था। कई हफ्तों के लिए दूध या अनाज नहीं खाता था या केवल दूध पीता था। कई बार मैं छह-छह महीनों तक मिठाई नहीं खाता था। सर्दियों में मैं खुले में सोता था और मटके के पानी से नहाता था। मां जानती थी मैं खुद को परख रहा था। वह कभी मुझे रोकती नहीं थी। वो सबकी पसंद और भावनाओं की कद्र करतीं। बस इतना कहतीं- सब ठीक है, जैसा तुम्हारा मन करे करो।“
मां को देखकर सीखा और आज देशभर में चला रहे स्वच्छता का सिग्नेचर कैंपेन
देशभर में स्वच्छता अभियान पीएम मोदी का सिग्नेचर कैंपेन रहा है। पीएम मोदी लिखते हैं कि मां इस बात का खास ख्याल रखती थीं कि बिस्तर साफ और ठीक से बिछा हुआ हो। वह बिस्तर पर धूल का एक कण भी बर्दाश्त नहीं करती थी। हल्की सी सिलवट का मतलब था कि चादर को झाड़ा जाएगा और फिर से बिछाया जाएगा। इस आदत को लेकर भी हम सभी काफी सावधान थे। मैं जब भी उनसे मिलने गांधीनगर जाता हूं तो वह मुझे अपने हाथों से मिठाई खिलाती हैं और एक छोटे बच्चे की दुलारी मां की तरह, वह एक रुमाल निकालती हैं और मेरे खाना खत्म करने के बाद मेरे चेहरे को पोंछ देती हैं। वह हमेशा अपनी साड़ी में एक रुमाल या छोटा तौलिया लपेट कर रखती। स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही मां देसी नुस्खों की वैद्य थीं। उनको कई देसी नुस्खों के बारे में जानकारी थी। मां दिन में दो बार कुएं से पानी भरती थीं, जिससे उनकी कमर मजबूत बनी रहे। वह रोजाना तालाब में कपड़े धोने जाती थीं और इसके लिए उन्हें काफी सीढ़ियां चढ़नी होती थीं, इससे उनके पैर को मजबूती मिलती थी। ऐसे में लोग उन्हें देसी मां कहा करते थे। भले ही वह कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन वह हमारे गांव की डॉक्टर थीं। कड़ी मेहनत और देसी नुस्खों के दम पर ही उन्होंने अपनी उम्र के 100 साल पूरे किए।