इंडिया टुडे की वेबसाइट द लल्लनटॉप की एजेंडा पत्रकारिता जारी है। समाजवादी पार्टी से करीबी लल्लनटॉप के एडिटर सौरभ द्विवेदी मोदी सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा चलाते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 दिसंबर को कानपुर मेट्रो रेल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने आईआईटी मेट्रो स्टेशन से गीता नगर तक मेट्रो स्टेशन तक की सवारी भी की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी को भी मेट्रो में सवारी करते देखा गया। मेट्रो लाइन के दोनों तरह लोग अपने-अपने मकानों पर खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन कर रहे थे। लेकिन सौरभ द्विवेदी ने लल्लनटॉप में लिखा कि पता नही किसको अभिवादन करते दिखे प्रधानमंत्री मोदी।
How @saurabhtop @TheLallantop are running propaganda of SP. pic.twitter.com/vb9te2zfgr
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 28, 2021
इतना ही नहीं उन्होंने हेडलाइन चेंज कर पार्टी आका को खुश करने की कोशिश भी की।
So SP worker @saurabhtop has changed the headline of his propaganda story @TheLallantop.
Pic 1- Before
Pic 2- Now https://t.co/mxHTgDj9Rq pic.twitter.com/VdRp2lwcp8— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 29, 2021
लल्लनटॉप की इस एजेंडा पत्रकारिता की सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही है। इससे इंडिया टुडे- आज तक ग्रुप की विश्वनीयता भी प्रभावित होती है। यूजर्स ने ट्विटर पर लल्लन टॉप की बाट लगा दी।
— RAVI CHAND (@Sravichand) December 28, 2021
Dekh le Bhai kisko wave kar rahe hain Modi ji. pic.twitter.com/hRRGyN3cjH
— Rational Indian (@ImmRajeev) December 29, 2021
द लल्लनटॉप मोदी विरोध में दिखा अंधा, लोगों ने सही मौज ले ली @TheLallantop @saurabhtop pic.twitter.com/cwrYTN65aH
— Social Tamasha (@SocialTamasha) December 29, 2021
@TheLallantop dallantop fyi pic.twitter.com/gvvAUqpsFL
— सोनू मुदगिल↩️ (@iamsunilmudgil) December 28, 2021
— Anurag Sidnaazian (@AnuragSidnaazi1) December 29, 2021
इंडिया टुडे- आज तक ग्रुप से जुड़े सौरभ द्विवेदी लल्लनटॉप वेबसाइट के जरिए इसके पहले भी मोदी सरकार को बदनाम करने की नाकाम कोशिश कर चुकी है।
कोरोना को लेकर फैलाई फेक न्यूज
इसी साल 1 जून, 2021 को इंडिया टुडे की वेबसाइट द लल्लनटॉप ने दावा किया कि कोरोनावायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है। लेकिन PIBFactCheck में यह दावा फर्जी पाया गया है। लल्लनटॉन में अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की संख्या केंद्र सरकार छुपा रही है।
वेबसाइट ने दावा किया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR द्वारा दिए गए आंकड़े और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा ट्विटर पर दिए गए आंकड़े अलग-अलग है। NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट में मार्च, 2020 से 29 मई, 2021 के बीच अनाथ हुए कुल बच्चों का डाटा दिया था। जबकि स्मृति ईरानी ने 1 अप्रैल, 2021 से 25 मई, 2021 के बीच अनाथ हुए बच्चों की जानकारी दी थी। लेकिन लल्लनटॉप के प्रोपगेंडा पत्रकार ने दो अलग-अलग अवधि के डाटा की गलत तरीके से तुलना कर दी।
.@TheLallantop ने दावा किया है कि #कोरोनावायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है।#PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। इस रिपोर्ट में @NCPCR_ व केंद्रीय मंत्री @smritiirani द्वारा दिए गए दो अलग-अलग अवधि के डाटा की गलत तरह से तुलना की गयी है। pic.twitter.com/HwUGSyE0TA
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 2, 2021
‘परीक्षा पे चर्चा 2021’ को लेकर फैलायी झूठी खबरें
प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल, 2021 में ‘परीक्षा पे चर्चा 2021’ कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दुनिया भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। इस दौरान परीक्षा और पढ़ाई को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए। इनमें से एक टिप्स को लेकर आजतक और लल्लन टॉप ने झूठी खबरें फैलायीं। कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को सुझाव दिया है कि परीक्षा में कठिन प्रश्न पहले हल करें, सरल सवाल बाद में। असल में ये बात गलत तरीके से पेश की गई। आजतक ने खबर को समझे बिना एक एजेंडे के तहत प्रधानमंत्री मोदी को बयान को लेकर ट्वीट कर दिया। उसने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षार्थियों को कठिन प्रश्नों को पहले हल करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद के उदाहरण से समझाया।
इस झूठी खबर को फैलाने में लल्लन टॉप भी पीछे नहीं रहा। लल्लन टॉप ने गलत जानकारी के आधार पर ट्विटर पर एक पोल किया। उसने ट्वीट किया, “पीएम ने परीक्षार्थियों को परीक्षा में पहले कठिन प्रश्नों को हल करने का सुझाव दिया है। आप परीक्षा में पहले कौन से सवाल हल करने की रणनीति अपनाते थे/ हैं?”
बाद में लल्लन टॉप ने ट्वीट को हटा लिया और सफाई देते हुए लिखा, “असल में ये बात ग़लत तरीके से पेश की गई। इसका शिकार दी लल्लनटॉप भी बना, हमने ट्विटर पर इसी गलत जानकारी के आधार पर एक पोल किया था, जिसे ग़लती का पता लगते ही हटा लिया गया। इसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।”
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने कठिन और सरल सवालों की बात परीक्षा नहीं, पढ़ाई के संदर्भ में कही थी। प्रधानमंत्री ने असल में क्या कहा था, वो आगे पढ़िए…
साथियों,
आपने देखा होगा टीचर्स, माता-पिता हमें सिखाते हैं कि जो सरल है वो पहले करें। ये आमतौर पर कहा जाता है। और Exam में तो ख़ासतौर पर बार-बार कहा जाता है कि जो सरल है उसको पहले करो भाई। जब टाइम बचेगा तब वो कठिन है उसको हाथ लगाना। लेकिन पढ़ाई को लेकर मैं समझता हूं, ये सलाह आवश्यक नहीं है। और उपयोग भी नहीं है। मैं जरा इस चीज को अलग नजरिए से देखता हूं। मैं कहता हूं कि जब पढ़ाई की बात हो, तो कठिन जो है उसको पहले लीजिए, आपका mind fresh है, आप ख़ुद fresh हैं, उसको attend करने का प्रयास कीजिए। जब कठिन को attend करेंगे तो सरल तो और भी आसान हो जाएगा।
इस वीडियो के माध्यम से आप प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को सुन सकते हैं…
Fake News प्रसारित करने पर NBSA ने ‘आज तक’ पर ठोंका एक लाख रुपये का जुर्माना
अक्तूबर, 2020 में न्यूज चैनल आज तक पर एनबीएसए यानि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने फेक न्यूज प्रसारित करने के मामले के मामले एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका। दरअसल जल्द न्यूज प्रसारित करने के चक्कर में आज तक ने दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से संबंदित कई ट्वीट्स को बिना जांचे-परखे प्रसारित कर दिया था। इसी का संज्ञान लेते हुए एनबीएसए ने आजतक को लताड़ लगाई और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
[Breaking] NSBA Imposes a fine of Rs One Lakh to @aajtak for telecasting fake tweets relating to actor late Sushant Singh Rajput.#SushantSingRajputDeathCase #FakeNews pic.twitter.com/UmpnGibQjy
— Live Law (@LiveLawIndia) October 8, 2020
केजरीवाल के साथ मीडिया मैनेज
इसके पहले भी आजतक के एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ मीडिया मैनेज करते दिखाई दे चुके हैं। अरविंद केजरीवाल आज तक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने के ठीक बाद एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी को बता रहे हैं कि इंटरव्यू के कंटेंट को कैसे एडिट करना है। क्या दिखाना है और किस पर फोकस करना है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी वायरल हुआ था। इससे आजतक चैनल की काफी फजीहत हुई थी।