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कुल्लू के दशहरा जैसे उत्सवों में शामिल होकर पीएम मोदी ने स्थापित की एक नयी परंपरा, भारतीय त्योहार और संस्कृति के प्रति गर्व और मर्म का दिया संदेश

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जब हम अपनी संस्कृति के पन्नों को पलटते हैं, तो पता चलता है कि हमारे पर्व और त्योहारों का कोई न कोई संदेश होता है। विजयदशमी का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता है। हर वर्ष इस दिन रावण को जलाकर यह दर्शाया जाता है कि जब-जब पृथ्वी पर अन्याय होगा, हिन्दू संस्कृति उसके विरुद्ध रहेगी। आज भी आतंकवाद, गंदगी और भ्रष्टाचार रूपी बहुमुखी रावण है, जिनके खिलाफ लड़ाई जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस लड़ाई के प्रमुख सेनापति हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी कुल्लू दशहरा महोत्सव जैसे हर पर्व और त्योहार के उत्सव में शामिल होकर केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को भारत की सांस्कृतिक विविधता और उसमें निहित मर्म का संदेश देते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने आठ साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न भारतीय त्योहारों से जुड़े उत्सवों में शामिल होकर एक नयी परंपरा स्थापित की है। इस बार वो दशहरे के मौके पर अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में शामिल हुए हैं। यह पहली बार है, जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने कुल्लू दशहरा समारोह में भाग लिया है। प्रधानमंत्री इस दौरान ‘‘दिव्य रथ यात्रा’’ और ‘‘देवताओं की भव्य सभा’’ के साक्षी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी बिलासपुर एम्स समेत 36 सौ करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं की सौगात देने े बाद जब कुल्लू दशहरा महोत्सव में शामिल होने पहुंच तो वहां मौजूद लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

कुल्लू दशहरा महोत्सव 5 से 11 अक्टूबर तक कुल्लू के ढालपुर मैदान में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव में घाटी के 300 से अधिक देवी-देवताओं का समावेश होता है। महोत्सव के पहले दिन, देवता अपनी अच्छी तरह से सुसज्जित पालकियों में अधिष्ठाता देव भगवान रघुनाथ के मंदिर में अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं और फिर ढालपुर मैदान के लिए आगे बढ़ते हैं। कुल्लू दशहरा काफी मशहूर है। देश-विदेश से लोग यह दशहरा देखने के लिए आते हैं। 17वीं सदी में इस दशहरा की शुरुआत हुई थी। 2017 में इसे अंतरराष्ट्रीय उत्सव का दर्जा मिला। मान्यता के मुताबिक इस दशहरा में तमाम देवी देवता आते हैं। इसे देव-मानव मिलन का उत्सव माना जाता है।

आइए जानते हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने किन-किन पर्व और त्योहारों में हिस्सा लेकर देशवासियों को संदेश दिया...

अहमदाबाद नवरात्रि उत्सव समारोह में महा आरती

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान बृहस्पतिवार (29 सितंबर, 2022) को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में गुजरात सरकार द्वारा आयोजित नवरात्रि महोत्सव में भाग लिया और मां अम्बे की आरती की। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पारंपरिक गरबा नृत्य भी देखा। भारतीय संस्कृति के प्रतीक और गुजरात की स्थानीय विशिष्टता को समाहित करने वाले नवरात्रि उत्सव में प्रधानमंत्री की भागीदारी ने इस शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं को खुशी और उल्लास से भर दिया।

गणेश चतुर्थी के मौके पर पूजा-अर्चना

गणेश उत्सव के पहले दिन 31 अगस्त, 2022 को गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द‍िल्‍ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के घर जाकर गणपत‍ि बप्‍पा की आरती की। पीयूष गोयल के घर प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों से मुलाकात की और उन्हें गणेश चतुर्थी की बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान श्री गणेश की कृपा हम पर हमेशा बनी रहे।

पीएमओ के कर्मियों की बेटियों के साथ रक्षा बंधन का त्योहार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी संस्कृति को लेकर हमेशा सजग और उत्साहित रहते है। लोगों से जुड़ने का और उनकी भावनाओं से परिचित होने का कोई भी मौका वो नहीं छोड़ते है। ऐसा ही एक पर्व है राखी, मोदी जी कहीं भी रहे लेकिन देश की माता-बहनों और बच्चों के साथ इस पर्व को मनाना नहीं भूलते। प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा बंधन का त्योहार इस बार अपने कार्यालय के कर्मियों की बेटियों के साथ मनाया था।

असम के लोकप्रिय बिहू त्योहार के समारोह में लिया हिस्सा

प्रधानमंत्री मोदी 23 अप्रैल, 2022 को बिहू के मौके पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के दिल्ली स्थित आवास पर गए थे और एक समारोह में भाग लिया था। सोनोवाल असम से हैं और बिहू वहां का लोकप्रिय त्योहार है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी @sarbanandsonwal जी के आवास पर जीवंत बिहू समारोह में शामिल हुआ। भारत को असम की जीवंत संस्कृति पर गर्व है।”

श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती के मौके पर रचा इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लीक से हटकर और कुछ नया करने के लिए जाने जाते हैं। नौंवे सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती के मौके पर 21 अप्रैल, 2022 को लाल किला परिसर में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया। रात 9.30 बजे उन्होंंने सूर्यास्त के बाद मुगल-युग के स्मारक लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और पुरानी प्रथा को तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया।

रविदास जयंती पर श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में की पूजा-अर्चना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी को रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग में श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां मत्था भी टेका। मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘शबद कीर्तन’’में भी हिस्सा लिया और वहां मौजूद महिलाओं के साथ भजन कीर्तन किया। मंदिर में गुरु रविदास को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ट्वीट कर कहा, “रविदास जयंती के पुण्य अवसर पर आज मैंने दिल्ली के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किए। सभी देशवासियों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं।”

गुरु पर्व पर लखपत साहिब गुरुद्वारा में आयोजित समारोह को किया संबोधित

प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर, 2021 को गुजरात के कच्छ स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व समारोह को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने साल 2001 में आए भूकंप का जिक्र किया और कहा कि मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था।

वाराणसी में आयोजित ‘‘देव दीपावली’’ समारोह में लिया हिस्सा

नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित ‘‘देव दीपावली’’ समारोह में भाग लिया था। संत रविदास घाट पर दीप जलाकर देव दीपावली समारोह की शुरुआत की थी। देव दीपावली का कार्यक्रम शुरू होने के बाद वाराणसी के घाट जगमगा उठे। दीयों के प्रकाश से रोशनी की एक और गंगा बह निकली, जिसमें सारी काशी सराबोर हो गई। गंगा किनारे लेजर लाइट्स से अद्भुत नजारा दिखाई दिया। 

बुद्ध जयंती समारोह में हिस्सा लेने वाले पहले प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री मोदी 20 अक्टूबर, 2021 को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कुशीनगर में आयोजित समारोह में शामिल हुए और 2566 वीं बुद्ध जयंती को यादगार बना दिया। वे महापरिनिर्वाण मंदिर में बौद्ध रीति-रिवाज से भगवान बुद्ध का पूजन किया और 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से चीवर दान किया। इसके साथ ही वे शयन मुद्रा वाली बुद्ध प्रतिमा पर चीवर चढ़ाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए। 

गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर सिक्का जारी किया

गुरु गोविंद सिंह जी के 350 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 2017 में देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी स्वयं पटना साहिब गए वहां मत्था टेका। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के सम्मान में एक सिक्का भी जारी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को यह पता चलना चाहिए कि कैसे गुरु गोबिंद सिंह जी ने बहुत सारे लोगों को प्रभावित किया।

24 फरवरी, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित वेलियानगिरी पहाड़ी की तलहटी में ईशा योग केंद्र में ‘आदियोगी’ शिव की प्रतिमा का लोकार्पण किया। प्रतिमा का लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान शिव की पूजा और आरती भी की। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महाशिवरात्रि हमें प्रकृति की सुरक्षा के प्रति सावधान रहने की सीख देती है। हमें खुद को इस तरह से ढालने की जरूरत है, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।

लखनऊ के दशहरा में शामिल होकर आतंकवाद पर बोला हमला

वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में दशहरा समारोह में भाग लिया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राम-लक्ष्मण-सीता-हनुमान की आरती उतारी। इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कही कि हमारे अंदर बुरी सोच के रूप में पल रहे रावण को खत्‍म करना है।आतंकवाद मानवता का दुश्‍मन है। आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले लड़ाई जटायु ने लड़ी थी। 26/11 के हादसे के बाद सारी दुनिया को समझ आया कि आतंकवाद से कितना खतरा है। आतंकवाद को पनाह देने वालों को जड़ से खत्‍म करने की जरूरत पैदा हुई है। आतंकवाद को खत्‍म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं है।

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