प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सनातन संस्कृति और भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के प्रति अगाध श्रद्धा के चलते न सिर्फ आस्थास्थलों का पुनरोद्धार हो रहा है, बल्कि धार्मिक पर्व और त्यौहार भी विराटता के साथ मनाए जा रहे हैं। प्रभु श्री राम लला की जन्मस्थली अयोध्या पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ दीपोत्सव आठवीं बार नया कीर्तिमान बनाने को तैयार है। अयोध्या में हर साल अपने पिछले रिकार्ड को तोड़कर भाजपा सरकार दीपक जलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाती है। इस बार 28 से 30 अक्टूबर तक दीपोत्सव का कार्यक्रम अयोध्या में होने जा रहा है जिसमें अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार 28 लाख दिए जलाकर एक नया विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी है। इस दीपोत्सव के जरिए न सिर्फ त्रेता युग को जीवंत झलक मिलेगी, बल्कि देश-दुनिया में रामभक्त अपने घर बैठे ही ‘एक दीया श्री राम के नाम’ जला सकेंगे। उधर काशी में भी देव दीपावली की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी देव दीपावली पर 12 लाख से ज्यादा दीयों से जगमग होगी।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहला भव्य दीपोत्सव
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की थी। इसके बाद पहला दीपोत्सव का आयोजन इसी माह में होना है। दीपोत्सव को लेकर अयोध्या में तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। पिछली बार का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार 28 लाख दीपकों को एक साथ जलाए जाने का विश्व कीर्तिमान बनाने की तैयारी कर रही है। इस बार 55 घाटों पर 28 लाख दीपक जलाए जाएंगे। 100 दीपक को जलाए जाने के लिए एक वालंटियर की तैनाती की गई है। इसमें 40 एनजीओ का भी सहयोग लिया गया है। सभी को क्यूआर कोड वाला कार्ड दिया जाएगा। घाट पर सामान पहुंचाने का कार्य भी शुरू किया जा रहा है। अब तक 23 लाख दीपक पहुंच चुके हैं। 28 लाख दीपक जलाए जाने के विश्व रिकॉर्ज के लिए दीपक निर्माण किए जा रहे हैं, ये दीपक 30 एमएल के होंगे। इस नए विश्व रिकॉर्ड को बनाने के लिए 45 लाख बाती और 90 हजार लीटर सरसों के तेल का प्रयोग किया जाएगा।
पिछला रिकॉर्ड तोड़कर इस बार 28 लाख दीयों का बनेगा विश्व रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री योगी के दिशा-निर्देशन में प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस ली है और काउंटडाउन भी शुरू हो गया है। अब बस इंतजार है 30 अक्टूबर को होने वाले मुख्य आयोजन का है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की तरफ से दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए दो दर्जन से अधिक कर्मियों के साथ राम की पैड़ी के घाटों पर मार्किंग का कार्य शुरू कर दिया है। बुधवार को पूर्वांह्न कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव मोहम्मद सहील ने दूसरी बार मार्किंग की कमान सम्भाली। उन्होंने माइक्रोबायोलाजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रंजन सिंह व कर्मियों के साथ दीपोत्सव के दिन 28 लाख दीए प्रज्ज्वलित किए जाने को लेकर दीए सजाने के लिए घाटों पर मार्किंग का कार्य कराया। उप कुलसचिव ने बताया कि जल्द ही घाटों पर मार्किग का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इस बार का लक्ष्य पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 22 लाख 23 हजार दीपक जलाए जाने के विश्व रिकार्ड को तोड़ना है।30 हजार वालियंटर को दिए जाएंगे क्यूआर कोड से सुसज्जित आईकार्ड
दीपोत्सव में कीर्तिमान बनाने के लिए स्वयंसेवकों को क्यूआर कोड से सुसज्जित आईकार्ड दिया जायेगा। दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने मीडिया को बताया कि एक राम की पैड़ी के 55 घाटों पर मार्किंग कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवकों के आई कार्ड देने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित करने व 28 लाख दीए बिछाने के लिए 30 हजार स्वयंसेवकों को क्यूआर कोड से सुसज्जित आईकार्ड दिया जायेगा। इस आई कार्ड को फुलप्रूफ बनाने के लिए कई फीचर्स भी शामिल किए गए हैं। इससे स्वयंसेवकों के आईकार्ड में डुप्लीकेसी नहीं हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इस क्यूआर कोड से लैस आईकार्ड में स्वयंसेवकों का नाम, फोटो, मोबाइल नम्बर, तैनाती स्थल एवं क्रमांक अंकित रहेगा। इसके अतिरिक्त आईकार्ड में जिला प्रशासन के प्राधिकृत अधिकारी, दीपोत्सव नोडल अधिकारी के साथ प्राधिकृत संस्था या इकाई के हस्ताक्षर रहेंगे।दीवाली में अयोध्या के धर्मपथ और रामपथ को भी जगमग किया जाएगा
दीपोत्सव में अयोध्या के धर्मपथ और रामपथ को भी जगमग किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ की एक रेडियो एंड इलेक्ट्रिक कंपनी को लाइटिंग की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। राम कथा पार्क के पास इलेक्ट्रीशियन कैम्प लगा कर लाइटों को तैयार करने का कार्य कर रहे हैं। रामपथ और धर्मपथ के साथ लगभग 2 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में भव्य लाइटिंग की व्यवस्था के लिए तैयारी की जा रही है। डेकोरेटिव वॉल, इलेक्ट्रिक गेट और आर्टिफिशियल इलेक्ट्रिक लाइटों से पिलर को तैयार किया जा रहा है। 25 अक्टूबर तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।दीपोत्सव पर रामायण कालीन प्रसंग की 18 झांकियां निकलेंगी
दीपोत्सव में विभिन्न प्रकार की झांकियां का भी आयोजन किया जाएगा। पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव के मुताबिक सूचना और पर्यटन विभाग के द्वारा झांकियों को तैयार करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 30 अक्टूबर को साकेत महाविद्यालय में रामायण कालीन प्रसंग मंचन करने के लिए 18 झांकियां बनाई जा रही हैं, जिसमें 11 झांकियां सूचना विभाग और सात झांकियां पर्यटन विभाग की ओर से तैयार की जाएंगी। 28 अक्टूबर से शुरू होने वाला कार्यक्रम 30 तक चलेगा। 30 अक्टूबर को इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और मंत्रिमंडल के लोग मौजूद रहेंगे। वहीं 30 तारीख को राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करेंगे।
कई देशों के 500 कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाएंगे
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। दीपोत्सव का यह आठवां संस्करण हो रहा है इसको सफल बनाने के लिए कोई कमी ना छोड़ी जाए। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दीपोत्सव में अयोध्या के अलग-अलग स्थान पर रामायण के प्रसंग पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार भी अलग-अलग देशों से 500 से अधिक कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यांमार, कंबोडिया और नेपाल से अलग-अलग कलाकार आ रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों से भी कलाकार अपनी प्रस्तुति देने के लिए आ रहे। संस्कृति विभाग ने इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली है और सभी कलाकारों के लिए आधुनिक तकनीकी से सुसज्जित मंच तैयार किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या में 10 बड़े संस्कृत मंचों के जरिए नई तकनीक के माध्यम से त्रेतायुग की झलकियां इस बार दिखाई जाएगी।
देश-विदेश से घर बैठे ऑनलाइन कर सकते हैं दीपदान
30 अक्टूबर को रामलला के अनावरण के बाद होने वाले आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए यूपी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बीच यूपी सरकार ने दूर-दूर बैठे रामलला के भक्तों को भी इस आयोजन से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके तहत अयोध्या विकास प्राधिकरण ‘एक दीया भगवान श्री राम के नाम’ योजना शुरू कर रहा है। इसमें लोग अयोध्या के बाहर भी ऑनलाइन दीप जला सकेंगे। इसके लिए लिंक भी दिया गया है। इस लिंक के माध्यम से दीपोत्सव के लिए दीप बुक किया जा सकता है। http://www.divyaayohya.com/bookdiyaprashad लिंक पर आपके नाम से दीया बुक करने के बाद प्रसाद आपके घर भेज दिया जाएगा।देव दीपावली पर काशी के घाटों पर जलेंगे 12 लाख से ज्यादा दीप
अयोध्या के बाद ही बाबा विश्वनाथ की नगरी में भी देव दीपावली की तैयारियों जोरों-शोरों पर हैं। इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। बनारस की देव दिवाली पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाने वाली देव दीपावली की तिथि दिवाली के लगभग 15 दिन बाद होती है। इस महाउत्सव की तैयारियां जोरों पर है। इस बार देव दीवाली और खास होगी, क्योंकि देव दीपावली पर काशी के अर्द्ध चंद्राकर घाट गोबर से बने दीपकों से जगमग होंगे। पर्यटन विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। वाराणसी के घाटों पर इस बार 12 लाख से ज्यादा दीप जलेंगे इसमें 3 लाख दीप गोबर से बने होंगे।
इको फ्रेंडली होगी देव दीपावली, 3 लाख दीप गोबर से बनाए जाएंगे
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के महिलाओं की मदद से इस बार गोबर के दीपकों को तैयार कराया जा रहा है। 3 लाख दीयों के ऑर्डर अलग अलग स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को दिए गए हैं। इससे उन्हें रोजगार का साधन भी मिला है। इस बार देव दीवाली से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोबर से बने दीपक के कारण इस बार होने वाली देव दिवाली भी पहले से ज्यादा इको फ्रेंडली होगी। क्योंकि यह गोबर के दीए जलने के साथ राख में बदल जाते हैं जिससे प्रदूषण ना के बराबर होता है। इन दीयों को देव दीपावली के बाद घाटों के हटाने में भी दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि झाडू लगने के साथ राख में बदल चुके दीए घाटों के सीढ़ियों से साफ हो जाएगा।
इंटरनेशनल फायर क्रैकर्स और लेजर शो भी, 15 लाख पर्यटक आएंगे काशी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभारंभ करने के बाद से काशी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है। हर साल पर्यटकों के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। इस बार देव दिवाली पर गंगा तट के दोनों ओर यानी घाट और रेत पर 12 लाख से ज्यादा दीए जलाएं जाएंगे। इसके अलावा इंटरनेशनल फायर क्रैकर्स शो और लेजर शो का भी आयोजन होगा। इस लेजर शो के जरिए लोग शिव और काशी की महिमा जान सकेंगे। पर्यटन अधिकारियों के मुताबिक इस बार देव दीपावाली पर 15 लाख के करीब पर्यटको के काशी आने की संभावना है। देव दीपावाली को देखते हुए वाराणसी के घाटों पर सफाई अभियान को भी तेज कर दिया गया है।