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भारत को बदनाम करने की पश्चिम की साजिश बेनकाब, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान को बताया था भारत से बेहतर! आज रोटी को मोहताज, 160 रुपये किलो तक पहुंचे गेहूं-आटा के दाम

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अक्टूबर 2022 में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स के जरिये भारत को बदनाम करने की पश्चिमी देशों की साजिश अब बेनकाब हो चुकी है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान 99वें, श्रीलंका 64वें, बांग्लादेश 84वें, नेपाल 81वें और म्यांमार 71वें स्थान पर था जबकि भारत को इन सबसे खराब स्थिति में बताते हुए 107वें स्थान पर रखा गया था। इस रिपोर्ट की कलई यूं तो उसी समय खुल गई थी क्योंकि जब यह रिपोर्ट आई उससे पहले श्रीलंका की आर्थिक हालत खस्ताहाल हो चुकी थी और भारत पड़ोसी धर्म निभाते हुए अनाज से लेकर तमाम मदद पहुंचा चुका था। अब पाकिस्तान भी कंगाल होने के कगार पर है। वहां का आर्थिक संकट अब विकराल रूप ले चुका है। हालत ये है कि लोगों को रोटी-दाना के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। गेहूं और आटे के दाम ने महंगाई का नया रिकॉर्ड बनाया है। अब इससे यह बात साफ हो जाती है कि हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट कोई भारत विरोधी गैंग तैयार करता है। और इसी रिपोर्ट को लेकर भारत विरोधी सेक्युलर और लिबरल गैंग अपनी छाती पीटने लगते हैं। यहां एक अहम सवाल यह उठता है कि क्या इन दोनों के बीच भी कोई साठगांठ है कि आप रिपोर्ट बना दो और हम छाती पीटना शुरू कर देंगे?

दो यूरोपियन एनजीओ ने बनाए थे ग्लोबल हंगर इंडेक्स

अक्टूबर 2022 में जो ग्लोबल हंगर इंडेक्स आया था उसे दो यूरोपियन एनजीओ Concern Worldwide और Welthungerhilfe ने मिलकर जारी किया था। अब आप समझिए अमेरिका से लेकर यूरोपीय देश पीएम नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ किन-किन तरीकों से साजिश रच रही हैं। एक तरफ IMF कह रहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा वहीं हंगर इंडेक्स में भारत को पिछड़ा दिखाया जाता है।

भारत को बदनाम करने के लिए बनाए जाते हैं हैप्पीनेस, फ्रीडम जैसे फर्जी इंडेक्स

ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स, ग्लोबल हंगर इंडेक्स, ग्लोबल फ्रीडम इंडेक्स, गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स ये सभी फर्जी इंडेक्स बनाए जाते हैं जिससे भारत को बदनाम किया जा सके। पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह भारत मजबूत हो रहा है वह अमेरिका और यूरोपीय देशों को पच नहीं रहा है। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा से लेकर कई क्षेत्रों में भारत स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है और इससे पश्चिम के देशों से जो सामान आयात किया जाता था उस पर अब लगाम लग गई है। यही वजह है कि यूरोपीय देश भारत और पीएम मोदी की नाकारात्मक छवि बनाने में जुटे हुए हैं। यह इंडेक्स इस रणनीति के तहत भी बनाए जाते हैं जिससे भारत के विपक्षी दल, लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम, खान मार्केट गैंग को मोदी सरकार पर हमला करने का एक टूल भी मिल जाए।

क्या ये इंडेक्स राहुल गांधी और भारत विरोधियों के लिए बनाया जाता है?

एक टि्वटर यूजर ने लिखा- इंडेक्स – वो इंडेक्स, फलाना इंडेक्स – ढिमका इंडेक्स, Bla Bla Bla!! इन फर्जी Rankings को कौन बनाता है… जिनको राहुल गांधी Propegenda फैलाकर देश की जनता को असलियत से अलग झूठ दिखाता है। एक अन्य यूजर ने लिखा- ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत और नीचे गिरकर 107 वें रैंक पर आ गया है। लेकिन क्या हम इन आंकड़ों पर विश्वास कर सकते हैं? एक अन्य यूजर ने लिखा- श्रीलंका हमारे दिए अनाज पर जीवित है, अफगानिस्तान को गेंहू हम दे रहे हैं….फिर भी छाती कूटी जा रही है कि हाय हाय भारत हंगर इंडेक्स में कितना नीचे पहुंच गया!!

भारत से ज्यादा सुरक्षित पाकिस्तान! गैलप के सर्वे पर कैसे भरोसा करे देश?

भारत को बदनाम करने के लिए अक्टूबर 2022 में ही अमेरिकी कंपनी गैलप ने दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों का सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया। गैलप के सर्वे में पाकिस्तान को भारत से ज्यादा सुरक्षित देश बताया गया। पता नहीं इस सर्वे को कैसे बनाया गया। जहां पाकिस्तान खुद आतंकवाद की गोद में पल रहा है वह भारत से ज्यादा सुरक्षित देश कैसे हो सकता है। आश्चर्य की बात है कि गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स के इस सर्वे में 121 देशों की सूची में एक बार पाकिस्तान को भारत से बेहतर स्थिति में बताया गया। इस रिपोर्ट में भारत को 60वें नंबर पर तो पाकिस्तान को 42वें नंबर पर ऱखा गया।

बड़ा सवालः सर्वे करने वाली टीम को पाकिस्तान में कौन सी सुरक्षा दिखी

इस सर्वे में भारत को पाकिस्तान से भी नीचे रखा गया है। भारत की बराबरी के देशों में इराक और श्रीलंका शामिल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सर्वे करने वाली टीम को पाकिस्तान में कौन सी सुरक्षा दिखी। क्या उन्हें पाकिस्तान में चरम पर आतंकवादी और उग्रवादी गतिविधियां नहीं दिखीं। खुद पाकिस्तानी मंत्री ने देश की संसद में यह स्वीकार किया है कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ रही हिंसा और कुछ नहीं बल्कि आतंकवाद है। जन्नत कही जाने वाली स्वात घाटी में टीटीपी आतंकवादियों का बोलबाला काफी बढ़ा है। ऐसे में पाकिस्तान को किस आधार पर भारत से सुरक्षित देश घोषित किया जा सकता है। इससे साफ जाहिर है कि अमेरिका और यूरोप के देशों का इकोसिस्टम भारत को बदनाम करने की साजिश कर रहा है।

रोटी-रोटी को मोहताज पाकिस्तान, एलपीजी सिलेंडर की कीमत 10 हजार रुपये

एक तरफ हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान को भारत से बेहतर स्थिति में दिखाया गया था वहीं अब पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है क्योंकि उसके विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी हुई है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन प्रति दिन बदत्तर होती जा रही है। लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं और अगर मिल भी रही हैं तो कीमत बहुत  ज्यादा है। कुछ जगहों पर एक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 10 हजार रुपये के करीब है। पाकिस्तान में महंगाई ने इस कदर कोहराम मचा रखा है कि लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। पिछले दिनों आटा खरीदने के लिए ऐसी भगदड़ मची की चार लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान की आधी जनसंख्या को दो वक्त की रोट तक नसीब नहीं हो पा रही है। रावलपिंडी में आटे की कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं एक दर्जन अंडे की कीमत 330 रुपये प्रति पाकिस्तानी रुपये पर बिक रहा है। चिकन की कीमत 650 रुपये प्रति किलो, दूध 190 रुपये प्रति लीटर, घी 540 रुपये प्रति किलो, तेल की कीमत 580 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। पाकिस्तान की बहदाली के लिए उसकी नीतियां जिम्मेदार है। विकास से ज्यादा सेना पर खर्च करना, चीन से दोस्ती और गलत जगह खर्च की आदत ने पाकिस्तान को कंगाली के कगार पर ला दिया है। पाकिस्तान जहां 4300 करोड़ विकास पर खर्च करता है तो वहीं सेना पर 18800 करोड़ रुपये खर्च किए जाते है।

 

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