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‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत की राजस्थान में कई बार उड़ीं धज्जियां, पालन ही नहीं करना तो क्यों ढो रही है कांग्रेस ?

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कांग्रेस हाईकमान ही उड़ा रहा सिद्धांतों की धज्जियां
कांग्रेस पार्टी क्या अपने सिद्धांतों को किताबों में सजाने के लिए बनाती है या लोगों को भरमाने के लिए बनाती है ? जब उसे अपने ही प्रिंसीपल्स की पालना कांग्रेसजनों पर ही नहीं करनी है तो फिर इनके बनाने का क्या लाभ ? हैरानी की बात तो यह है कि पार्टी के नियमों की पालना कोई छुटभैया नेता या राज्य इकाई ही नहीं कर रही है, बल्कि खुद हाईकमान भी सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाने में लगा हुआ है। शायद इसकी दो वजह हो सकती हैं…एक हाईकमान तो इन दिनों ‘यूपी टूरिज्म’ पर है तो दूसरा ‘ट्वीटर पॉलिटिक्स’ में बिजी है।

राजस्थान में सरकार बनते ही अपने सिद्धांत की हवा निकाली
हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत की। दिखने और विचार करने में यह अच्छा प्रतीत होता है, लेकिन इसे Implement करने में कांग्रेस हाईकमान लगातार कोताही बरत रहा है। शुरू करते हैं अनवरत चली आ रही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई से। हालांकि राजस्थान में सरकार बनते ही हाईकमान ने अपने सिद्धांत की हवा निकाल दी। सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही डिप्टी सीएम भी बना दिया था। यानी एक व्यक्ति दो पद ?? बागी पायलट और सीएस गहलोत में खूब हुई तू-तू, मैं-मैं
दोहरे पदों के बावजूद पिछले साल बागी बने सचिन पायलट दिल्ली में जा बैठे। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच निचले स्तर तक उतरकर बदजुबानी हुईं। गहलोत ने पायलट को ‘निकम्मा’ और ‘अनुभवहीन’ करार दिया तो पायलट ने अंग्रेजी न जानने वाला और विपक्ष के नेताओं से मिला हुआ मुख्यमंत्री बताया। इसका नुकसान पायलट ने भुगता और हाईकमान ने उससे दोनों पद ले लिए।दोहरा पद मिलने के बाद के कई बार विवादों में डोटासरा
इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत की फिर धज्जियां उड़ायीं। पायलट से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद शिक्षा मंत्री का दायित्व संभाल रहे गोविंद सिंह डोटासरा को दे दिया। वह मुख्यमंत्री गहलोत की पसंद बताए गए। दोहरा पद मिलने के बाद के डोटासरा कई बार विवादों के घेरे में आए हैं। यहां तक की एक बार तो उन्होंने खुद ही बोल दिया था कि ‘जो कुछ कराना है करा लो, मैं सरकार में दो-पांच दिन का ही मेहमान हूं।’चिकित्सा मंत्री को बना दिया गुजरात कांग्रेस का प्रभारी
‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत का पार्टी द्वारा मखौल बनाना यहीं पर नहीं रुका। इसके बाद चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा को गुजरात कांग्रेस का भी प्रभारी बना दिया है। प्रदेश में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा रही थीं, जब से डॉ. शर्मा को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया है, तब से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमराई हुई हैं। लेकिन इसकी परवाह न राज्य सरकार को है और न ही कांग्रेस हाईकमान को। क्योंकि भुगत तो प्रदेश की जनता रही है।हरीश रावत की गिल्लियां बिखेरीं, हरीश चौधरी को दोहरा पद
उधर पंजाब में विचित्र कहानी में उलझी कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर को ‘हिट विकेट’ करने के बाद प्रभारी हरीश रावत की भी गिल्लियां बिखेर दीं। और राजस्थान में एक बार फिर ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत को तिलांजलि दे दी। प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को हरीश रावत की जगह पर पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बना दिया। ऐसे में कांग्रेक की ‘स्वयंभू’ अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से यह सवाल तो पूछा ही जाएगा कि जब अपने सिद्धांतों का पालन ही नहीं करना तो इन्हें ढोया क्यों जा रहा है ? आखिर कब वह ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत का पालन करते हुए तीन मंत्रियों की छुट्टी करेंगे ??

 

 

 

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