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मोदी सरकार के लिए लकी साबित हो रहा अप्रैल महीना, अब तक आए 6 गुड न्यूज

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। उनकी सरकार के लिए वित्त वर्ष 2023-24 का पहला महीना अनेक सौगातें लेकर आया हैं। अप्रैल महीने के पहले दिन से ही मोदी सराकर के लिए एक के बाद एक अच्छी खबर आ रही है। जहां आर्थिक विकास की गति तेज होने की खबर आई, वहीं खुदरा और थोक महंगाई दर में गिरावट देखी गई। इसके अलावा रोजगार के मोर्चे पर भी बड़ी सफलता मिली। जीएसटी और रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन भी अनुमानों से अधिक हुआ। इस महीने की शुरुआत से लेकर अबतक ऐसी छह अच्छी खबरें आई हैं, जो ना सिर्फ मोदी सरकार के लिए बल्कि देश की आम जनता के लिए भी राहत भरी रही हैं। 

01 अप्रैल, 2023 

जीएसटी का अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन, 18 लाख करोड़ रुपये

मोदी सरकार लिए वित्त वर्ष और अप्रैल महीने का पहला दिन ही धमाकेदार रहा। 01 अप्रैल, 2023 को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी का अब तक का सबसे ज्यादा 18.10 लाख करोड़ रुपये कलेक्शन हुआ, जो कि सरकार का खजाना भरने वाला साबित हुआ है। देश में जीएसटी कलेक्शन से सरकार की झोली भर गई है। मार्च 2023 में जीएसटी का संग्रह काफी अच्छा रहा है। मार्च 2023 में देश का जीएसटी संग्रह 1,60,122 करोड़ रुपये का रहा है। ये जीएसटी के इतिहास का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन के लिहाज से बीते वित्त वर्ष का आखिरी महीना काफा शानदार रहा। वर्ष 2022-23 में जीएसटी संग्रह की कुल राशि 18.10 लाख करोड़ रुपये रही है जो औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपये प्रति माह होती है।

03 अप्रैल, 2023

बजट और रिवाईज्ड अनुमानों से अधिक रहा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 

वित्त वर्ष 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सरकार के अनुमान से भी ज्यादा रहा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 03 अप्रैल, 2023 को डाटा जारी किया। इसके मुताबिक 2022-23 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट अनुमान से 16.97 प्रतिशत के उछाल के साथ 2.41 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहा। बजट अनुमानों में 14.20 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया था जो कि रिवाईज्ड एस्टीमेट में बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। लेकिन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों ने बजट अनुमान से 16.97 प्रतिशत ज्यादा और रिवाईज्ड अनुमान से 0.69 प्रतिशत ज्यादा रहा। जबकि बीते वर्ष 2021-22 में 14.12 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बीते वर्ष के मुकाबले 17.63 प्रतिशत ज्यादा रहा।

03 अप्रैल, 2023

मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मार्च में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में सुधार दिखाई दे रहा है। कारोबार में बढ़त के चलते हर क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी आई है। मांग बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी आई है। नए ऑर्डर और उत्पादन में तेजी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां मार्च महीने के दौरान तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स (PMI) मार्च 2023 में बढ़कर 56.4 हो गया, जो फरवरी 2023 में 55.3 था। पिछले दो साल में कारोबारी गतिविधियों में आई तेजी के कारण ऐसा हुआ है। पीएमआई का 50 से ऊपर होना उत्पादन में विस्तार का सूचक है यानी एक्टिविटीज बढ़ रही है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट निदेशक पोलियाना डी लीमा के अनुसार मांग मजबूत रहने से उत्पादन में लगातार विस्तार हो रहा है और कंपनियों ने अपना भंडार बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

12 अप्रैल, 2023

खुदरा महंगाई 15 महीने में सबसे नीचे, घटकर 5.66 प्रतिशत पर पहुंची

अप्रैल महीने में जनता को राहत देने वाली एक बड़ी खबर आई। खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) मार्च, 2023 में घटकर 5.66 प्रतिशत रह गई। जबकि फरवरी में यह 6.44 प्रतिशत थी। दिसंबर, 2021 के बाद यह 15 महीने का निचला स्तर है। तब भी खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई 5.66 प्रतिशत ही थी। खास बात यह है कि खुदरा महंगाई दो महीने के बाद फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे के नीचे आ गई। इससे पहले फरवरी, 2023 में यह 6.44 प्रतिशत और जनवरी में 6.52 प्रतिशत रही थी। मार्च, 2022 में खुदरा महंगाई 6.95 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के 12 अप्रैल, 2023 को जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई बीतेे महीने घटकर 4.79 प्रतिशत पर आ गई। फरवरी, 2023 में यह 5.95 प्रतिशत और मार्च, 2022 में 7.68 प्रतिशत रही थी। 

17 अप्रैल, 2023

मार्च में थोक महंगाई दर 29 महीने के निचले स्तर पर गिरकर रही 1.34 प्रतिशत

महंगाई के मोर्चे पर जनता के साथ ही मोदी सरकार को भी बड़ी राहत मिली। केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सोमवार (17 अप्रैल, 2023) को मार्च के थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक मार्च में थोक महंगाई दर 1.34 प्रतिशत पर रही। जबकि मार्च महीने में थोक महंगाई दर 1.6 प्रतिशत पर रहने का अनुमान था। वहीं मासिक आधार के आंकड़ों पर नजर डाले तो मार्च में WPI 3.85 प्रतिशत से घटकर 1.34 प्रतिशत रही। खाद्य महंगाई दर में भी गिरावट देखने को मिली। खाद्य की WPI मासिक आधार पर 2.76 प्रतिशत से घटकर 2.32 प्रतिशत रही। फ्यूल एंड पावर की WPI में भी गिरावट आई। मासिक आधार पर फ्यूल एंड पावर WPI 14.82 प्रतिशत से घटकर 8.96 प्रतिशत रही। जबकि मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट की WPI में भी राहत मिली। ये मासिक आधार पर 1.94 प्रतिशत से घटकर -0.77 प्रतिशत रही।

18 अप्रैल, 2023

फरवरी में ईएसआई योजना से जुड़े 16.03 लाख नए कर्मचारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है। कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम (ईएसआईसी) की ओर से मंंगलवार (18 अप्रैल, 2023) को जारी अनंतिम पेरोल डाटा के अनुसार फरवरी, 2023 में कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना (ईएसआई योजना) में 16.03 लाख नए कर्मचारी जोड़े गए हैं। डाटा के अनुसार फरवरी, 2023 में कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना के अंतर्गत 11,000 नए प्रतिष्‍ठान पंजीकृत किए गए हैं, जो अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवर सुनिश्चित करते हैं। नए पंजीकरण में 25 वर्ष तक के आयु वर्ग के कर्मचारियों की अधिकता है, क्‍योंकि महीने में जोड़े गए कुल कर्मचारियों का 46 प्रतिशत यानी 7.42 लाख कर्मचारी इस आयु वर्ग के हैं। यह दिखाता है कि देश के युवाओं को देश में रोजगार के अच्‍छे अवसर प्राप्‍त हो रहे हैं।

 

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