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मोदी राज में आतंक पर करारा प्रहार, चुन-चुन कर मारे जा रहे देश के गुनहगार

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कश्मीर में आतंकियों के हौसले पस्त हैं और कश्मीर घाटी आतंकीमुक्त होने की ओर अग्रसर है। बीते 5 मई को सुरक्षा बलों ने एक जबरदस्त कार्रवाई करते हुए आतंकी बुरहान वानी की गैंग में शामिल सभी 11 आतंकियों को ढेर कर दिया है। दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने आतंकियों पर सख्ती दिखाई है और उसी का परिणाम है कि सेना लगातार सफलता हासिल करती जा रही है।

सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई इसलिए बड़ी है क्योंकि, इन 11 आतंकियों को खत्म कर घाटी को एक तरह से आतंक की नई पौध से मुक्ति दिला दी है। 

आइये हम जानते हैं कि ये 11 आतंकी कैसे ढेर हुए-

सद्दाम पैडर

सुरक्षा बलों ने 6 मई को शोपियां के बाडिगाम इलाके में 5 आतंकियों को मार गिराया। इनमें बुरहान वानी गैंग का आखिरी कमांडर सद्दाम पैडर भी शामिल था।

सबजार बट

अप्रैल 2015 में वह हिजबुल का हिस्‍सा बने सबजार भट को महमूद गजनवी भी कहते थे। सेना ने उसे 27 मई, 2017 को त्राल में एक मुठभेड़ में मार गिराया था।

आदिल खांडे

शोपियां के मांजीपुरा इलाके में 22 अक्टूबर, 2015 को हुई मुठभड़े में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनमें बुरहान गैंग का आदिल खांडे भी शामिल था।

नसीर पंडित और वसीम मल्ला

पुलिस में सिपाही रह चुके 29 साल के नसीर को अप्रैल, 2016 में एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इसके साथ उसका साथी वसीम मल्ला भी मारा गया।

इशफाक हमीद

इशफाक हमीद को सुरक्षा बलों ने मई, 2016 में एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। वह फरवरी 2015 में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था।

अफ्फाक बट

बुरहान गैंग के अहम सदस्य रहे अफ्फाक बट को सुरक्षा बलों ने अक्टूबर 2015 में ही एक एनकाउंटर में मार गिराया था। 25 साल का अफ्फाक पुलवामा का रहने वाला था।

वसीम अहमद शाह

शोपियां का रहने वाला 24 साल का आतंकी वसीम अहमद नवंबर 2016 में एक मुठभेड़ में मारा गया था।

तारिक पंडित

बुरहान वानी गैंग के आतंकी तारिक पंडित ने सुरक्षा बलों के समक्ष 28 मई, 2016 को सरेंडर कर दिया था।

अनीस

बुरहान वानी गैंग के आतंकी अनीस को भी सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।

चार साल में मारे गए 640 आतंकी
कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ दिन दूनी-रात चौगुनी रफ्तार से जारी है। इसी कारण से आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के दिन का चैन और रात की नींद उड़ी हुई है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में 5 मई तक जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक 59 आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में 110 आतंकवादी ढेर किए गए थे जबकि वर्ष 2015 में जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा की 208 घटनाएं हुई, जिनमें 108 आतंकवादी मारे गए। वर्ष 2016 में राज्य में आतंकी हिंसा की 322 घटनाओं में 150 आतंकवादी मारे गए, वहीं वर्ष 2017 में आतंकी हिंसा की 342 घटनाएं हुई जिनमें  213 आतंकवादी मारे गए। हालांकि इस दौरान हमारे 213 सुरक्षाबलों के जवान भी शहीद हो गए। लेकिन 2017 की जनवरी से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट में तो सुरक्षा बलों की तुलना में ढाई गुना से भी अधिक आतंकी मारे गए हैं।

यूपीए के तीन साल में मारे गए आतंकी

        वर्ष मारे गए आतंकियों की संख्या
        2011               100
        2012                72
        2013                67

 

मोदी सरकार के साढ़े तीन साल में मारे गए आतंकी

      वर्ष मारे गए आतंकियों की संख्या
      2014            110
     2015           108
     2016           150 
     2017             213
     2018              59

 


कुख्यात आतंकवादियों का खात्मा

कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में ही सेना और अर्धसैनिक बलों ने लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के 19 से ज्यादा कमांडर और अहम जिम्मेदारियां संभालने वाले आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए बड़े आतंकी चेहरों में- अबू दुजाना (लश्कर), अबू इस्माइल (लश्कर), बशीर लश्करी (लश्कर), महमूद गजनवी (हिजबुल), जुनैद मट्टू (लश्कर), यासीन इट्टू उर्फ ‘गजनवी’ (हिजबुल) और ओसामा जांगवी मुख्य था। इनके अलावा बशीर वानी, सद्दाम पद्दर, मोहम्मद यासीन और अल्ताफ भी सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार हो गया।

मारे गए प्रमुख आतंकियों की सूची-

  • बुरहान मुजफ्फर वानी, हिजबुल मुजाहिदीन
  • अबु दुजाना, लश्कर ए तैयबा कमांडर
  • बशीर लश्करी, लश्कर ए तैयबा
  • सब्जार अहमद बट्ट, हिजबुल मुजाहिदीन
  • जुनैद मट्टू, लश्कर ए तैयबा
  • सजाद अहमद गिलकर, लश्क ए तैयबा
  • आशिक हुसैन बट्ट, हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर
  • अबू हाफिज, लश्कर ए तैयबा
  • तारिक पंडित, हिजबुल मुजाहिदीन
  • यासीन इट्टू ऊर्फ गजनवी, हिजबुल मुजाहिदीन
  • अबू इस्माइल, लश्कर ए तैयबा
  • ओसामा जांगवी, लश्कर ए तैयबा
  • ओवैद, लश्कर ए तैयबा
  • मुफ्ती विकास, जैश ए मोहम्मद
  • सद्दाम पैड्डर, हिजबुल मुजाहिदीन

टेरर फंडिंग पर कसा शिकंजा
टेरर फंडिंग को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि NIA  ने अलगाववादियों के कई नेताओं को अंदर किया। NIA के अनुसार कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के पास हवाला के जरिए पैसा पहुंचाया जा रहा था। एनआईए ने करोड़ों रुपये जब्त किए हैं वहीं सैयद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह समेत कई बड़े-बड़े अलगाववादी नेता NIA और ED की गिरफ्त में हैं।

पत्थरबाजों पर कसी गई नकेल
वर्ष 2017 में पत्थरबाजी में 90 प्रतिशत तक की कमी आई। जहां पिछले साल हर रोज पत्थरबाजी की 40 से 50 घटनाएं होतीं थीं वहीं अब इक्का-दुक्का घटनाएं ही होती हैं। नोटबंदी का इस पर खासा असर पड़ा है। इसके अलावा टेरर फंडिंग को लेकर एनआईए ने अलगाववादियों पर जो कार्रवाई की उसका भी इस पर सकारात्मक असर पड़ा। जो लोग घाटी में पत्थरबाजों को पैसे बांटते थे, वो नोटबंदी के बाद हमले करने के लिए 100 युवकों को भी नहीं जुटा पा रहे हैं।

आतंकवाद का संरक्षक देश घोषित हुआ पाकिस्तान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया है। इसके साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, नार्वे, कनाडा, ईरान जैसे देशों ने आतंक के खिलाफ एकजुट रहने का वादा भी किया। 

अच्छे बुरे आतंकवाद के लिए चित्र परिणाम

सलाउद्दीन पर लगा प्रतिबंध
प्रधानमंत्री मोदी के दबाव के कारण अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और यहां से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है। 26 जून को अमेरिका ने हिजबुल सरगना सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया तो साफ हो गया कि आतंक के मामले पर अमेरिका अब भाारत के साथ पूरी तरह खुलकर खड़ा है। दरअसल सलाउद्दीन का जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान की यह एक बड़ी सफलता है।

हिजबुल मुजाहिदीन पर बैन
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते अमेरिका ने 16 अगस्त, 2017 को हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन करार दे दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन को आतंकवादी संगठन घोषित करने से इसे आतंकवादी हमले करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिलेगा, अमेरिका में इसकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों को इससे संबद्धता रखने पर प्रतिबंधित होगा। अमेरिका ने यह भी कहा कि हिजबुल कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। अमेरिका इससे पहले लश्कर के मुखौटा संगठन जमात उद दावा और संसद हमले में शामिल जैश ए मोहम्मद पर पाबंदी लगा चुका है।

लोगों को गले लगाने का ऐलान
एक तरह सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रही, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार स्थानीय लोगों के प्रति नरम रुख अपना रही थी। बीते साल 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, ‘गाली और गोली से नहीं, गले लगाने से कश्मीर समस्या हल होगी’। मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रोडमैप ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ पर चलने का फैसला किया। आतंकियों को ढेर, पत्थरबाजों पर नकेल और अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के बाद सरकार ने शांति वार्ता की ओर रुख किया। मोदी सरकार के ट्रिपल एक्शन से अब आतंकवादी और उनके आका बैकफुट पर हैं। 

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