Home विपक्ष विशेष फंस गए रे सिद्धारमैया! चीन में भगोड़ों से मिलने पर उठे सवाल

फंस गए रे सिद्धारमैया! चीन में भगोड़ों से मिलने पर उठे सवाल

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार जो तस्वीर सामने आई है, उसने सिद्धारमैया के भ्रष्ट चरित्र को उजागर कर दिया है। आरोप है कि सीएम सिद्धारमैया ने सितंबर 2013 में चीन में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की बैठक के दौरान धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों में घिरे भगोड़ों से मुलाकात की थी। दरअसल, WEF में शिरकत करने गए सिद्धारमैया ने आर्थिक धोखाधड़ी कर पोंजी स्कीमों के जरिए लाखों लोगों को लूटने वाले भगोड़े विजय ईश्वरन समेत दूसरे भगोड़ों से मुलाकात की थी। आपको बता दें कि धोखाधड़ी के मामलों की जांच करने वाली एजेंसी ‘सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस’ (SFIO) इन भगोड़ों को देश के लिए खतरा बता चुकी है।

विजय ईश्वरन के खिलाफ 2009 में चेन्नई में चार्जशीट दाखिल की गई थी। आपको बता दें कि भगोड़ा विजय ईश्वरन तमिल मूल का बिजनेसमैन है और मलयेशिया में रहता है। ईश्वरन QNet नाम की कंपनी का मालिक है, इसी कंपनी ने पोंजी स्कीमों के माध्यम से लाखों लोगों को लूटा है। आपको बता दें कि ईश्वरन की दूसरी कंपनियों के खिलाफ श्रीलंका, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, नेपाल, घाना, गुयाना, ईरान आदि देशों में मुकदमा चल रहा है। भारत में भी इसके खिलाफ करीब 100 एफआईआर दर्ज हैं। चेन्नई और मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय ने भी ईश्वरन पर केस दर्ज दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कि इसी भगोड़े अपराधी से सीएम सिद्धारमैया ने लाखों रुपये की घड़ी गिफ्ट में ली थी। सिद्धारमैया पर आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक पुलिस पर दबाव बनाकर उसे ईश्वरन के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया। सिर्फ सिद्धारमैया ही नहीं इस भगोड़े अपराधी के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी संबंध हैं। यूपी सरकार के दौरान 2008 में भारतीय प्रवासी दिवस में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने विजय ईश्वरन को आमंत्रित किया था, जहां इसने राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के साथ मंच साझा किया था।

सिद्धारमैया ने जब से कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता संभाली है, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। कांग्रेस के राज में कर्नाटक विकास के रास्ते पर पिछड़ गया है और भ्रष्टाचार के मामले में आगे बढ़ गया है। एक नजर डालते हैं सीएम सिद्धारमैया के काले कारनामों पर।

सिद्धारमैया की अय्याशी, चाय-पानी में उड़ा दिए 60 लाख रुपये
जब कोई नेता राजनीति में आता है तो वह जनता की सेवा के लिए अपना सबकुछ समर्पित करने की कसमें खाता है, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ऐसे नहीं है। सिद्धारमैया जनता की गाढ़ी कमाई पर जमकर अय्याशी करते हैं। उनकी अय्याशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने सरकारी आवास पर चाय, कॉफी, बिस्किट, पानी में ही 60 लाख से ज्यादा की रकम उड़ा दी।

एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि जब से सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, उनके सरकारी आवास ‘कावेरी’ पर हर साल लाखों रुपये चाय, कॉफी और बिस्किट पर खर्च किए जा रहे हैं। आरटीआई के मुताबिक 2013-14 में सीएम सिद्धारमैया ने 3.65 लाख रुपये सिर्फ बिस्किट पर खर्च कर दिए, जबकि 10 लाख रुपये कॉफी, चाय और मिनरल वॉटर पर खर्च किए गए। इसी प्रकार 2014-15 में सीएम आवास पर चाय, कॉफी और बिस्किट पर 11 लाख से ज्यादा रुपये खर्च किए गए। वहीं 2015-16 में भी 11 लाख से ज्यादा, 2016-17 में 11.5 लाख और 2017-18 में अब तक करीब 12 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। आरटीआई से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सीएम सिद्धारमैया ने हैंड टॉवल, बाथ टॉवल, तकियों के कवर और फुट मैट पर 6 महीने में 4.78 लाख रुपये की रकम खर्च कर दी।

              सीएम सिद्धारमैया का शाही अंदाज
वर्ष बिस्किट (लाख रुपये में) चाय, कॉफी, पानी (लाख रुपये में) कुल खर्च (लाख रुपये में)
2013-14 3.65  10  13.65 
2014-15 4.56  6.5  11.06 
2015-16 4.56  6.7  11.26 
2016-17 4.5  11.5 
2017-18 4.5  7.2  11.7 
  21.77  37.4  59.17 

गरीबों का मजाक उड़ाने के आदी हैं सिद्धारमैया
रकारी रकम पर ऐश करने के ऐसा तमाम वाकये जब सिद्धारमैया ने बेशर्मी के साथ गरीबों का मजाक उड़ाया है। कर्नाटक में किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है। पांच वर्षों के कांग्रेसी शासन में हजारों की संख्या में किसान खुदकुशी कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले वर्ष दिसंबर में कर्नाटक के सीएम के लिए डिनर का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रशासन ने लाखों रुपये फूंक दिए थे। हैरानी की बात यह है कि इस डिनर का आयोजन एक किसान सम्मेलन के दौरान किया गया था।

चांदी की थाली में परोसा गया सिद्धारमैया के लिए खाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पिछले वर्ष दिसंबर महीने में कलबुर्गी जिले में साधने समभ्रमा प्रोग्राम में शामिल पहुंचे थे। यह एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है। यानी वहां पर आम जनता अक्सर दाने-दाने को मोहताज हो जाती है, लेकिन जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों और वरिष्ठ अफसरों के लिए जो डिनर का इंतजाम किया था उसमें अय्याशी की झलक दिख रही थी। मसलन, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों को चांदी की थाली- कटोरी में खाना परोसा गया। सवाल उठता है कि जिस राज्य में जनता दो जून की रोटी के लिए तरस जाती हो, वहां जनता की कमाई को ऐसी अय्याशियों में उड़ाने का हक कैसे मिल सकता है।

मुख्यमंत्री के खाने पर उड़ाए जनता के 10 लाख रुपये
एक स्थानीय बीजेपी नेता ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के किसानों को राज्य सरकार उनके पैदावार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं दे पा रही है, जिसके चलते वे आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के डिनर पार्टी पर 10 लाख रुपये फूंकने का क्या औचित्य है। इसके लिए बीजेपी ने सिद्धारमैया से किसानों से माफी मांगकर पहले उनकी समस्याओं को दूर करने की मांग की है। इस डिनर में राज्य के सिंचाई मंत्री एम बी पाटिल, कलाबुर्गी जिले के प्रभारी मंत्री शर्मप्रकाश पाटिल, यादगिर जिले के प्रभारी मंत्री प्रियांक खड़गे, पूर्व मंत्री शर्नाबसप्पा दर्शनपुर और अलंद के विधायक बी आर पाटिल भी शामिल थे।बीजेपी ने ये भी आरोप लगाया है कि जिस रात मुख्यमंत्री और मंत्रियों के खाने पर लाखों रुपये फूंक दिए गए, उसी शाम मुख्यमंत्री की सभा में जनता को  प्लास्टिक के प्लेट में जो भोजन दिया गया उसमें से कीड़े निकल रहे थे।

70 लाख की घड़ी और 70 हजार के जूते पहनते हैं सिद्धारमैया!
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार गरीबों की हिमायती होने का झूठा दावा करती है। शाही अंदाज में रहने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर पिछले वर्ष 70 लाख की घड़ी और 70 हजार के जूते पहनने के आरोप लगे थे। राज्य के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया पर 70 लाख की घड़ी और 70 रुपये के जूते पहनने का आरोप लगाया था। उस समय कुमारस्वामी के आरोप मीडिया में काफी चर्चित रहे थे, उन्होंने सिद्धारमैया को ढोंगी भी बताया था।

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