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कौशल विकास बना आत्म-निर्भर भारत अभियान का आधार, पिछले पांच सालों में 92 लाख लोगों को मिला प्रशिक्षण

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 साल पहले जब देश की बागडोर संभाली तो उन्होंने महसूस किया कि भारतीय युवाओं में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, अगर किसी बात की आवश्यकता है तो उस टैलेंट को एक दिशा देने की। इसके लिए उन्होंने देश की टैलेंटेड युवा शक्ति के कौशल विकास का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री मोदी की ये दूरदर्शी सोच रंग लाने लगी है। लाखों-लाख की तादाद में युवा अपने मनचाहे क्षेत्र में ट्रेनिंग लेकर देश की तरक्की के योगदान में जुट गए हैं, जिसपर आत्मनिर्भर न्यू इंडिया के निर्माण की नींव खड़ी हो रही है।

देश में उपलब्ध कौशल को उच्च गुणवत्ता वाले परिणाम में बदलने के लिए 2015 में पहली बार एक राष्ट्रीय नीति बनाई गई। सरकार ने इस क्षेत्र में पूरी तैयारी के साथ कदम बढ़ाना शुरू किया और उसी का नतीजा है कि देश की युवाशक्ति आज जिस क्षेत्र में भी जा रही है उस क्षेत्र का कायापलट होता जा रहा है। आइए एक नजर डालते हैं पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने कौशल विकास के लिए क्या कदम उठाया और उसे कितनी सफलता मिली…

स्किल इंडिया मिशन से युवाओं के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आ रहा है। कौशल विकास मंत्रालय कार्य बल की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत पिछले 5 वर्षों में स्किल इंडिया मिशन ने अपने निरंतर प्रयास से देश के कुल 92 लाख उम्मीदवारों को लगभग 37 क्षेत्रों के 250 से अधिक भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया है।
स्किल इंडिया मिशन के तहत कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के इच्छुक लोगों को नए रास्ते तैयार हो रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में 5,000 से अधिक आईटीआई स्थापित किए गए हैं। 2014 में आईटीआई की संख्या करीब 11 हजार थी, जो बढ़कर 15,000 से अधिक हो गई हैं। 
मोदी सरकार द्वारा युवाओं को स्किल प्रदान कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के लिए पिछले 5 वर्ष में देश के 707 ज़िलों में 723 प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों की स्थापना की गई। 25,000 से अधिक कौशल सेंटर और 3,000 से ज्यादा पाठ्यक्रमों के साथ स्किल इंडिया सालाना 1 करोड़ से अधिक युवाओं से जुड़ रहा है। युवाओं को सक्षम बनाने के साथ-साथ कौशल भारत अभियान उन्हें कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर भी बना रहा है।
युवा देश के सभी राष्ट्रीय मिशन का आधार हैं। इसीलिए कौशल विकास योजना और स्किल इंडिया के अंतर्गत दिए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण में युवाओं को उनकी इच्छानुसार विभिन्न राष्ट्रीय मिशन से संबंधित कौशल में भी पारंगत बनाया जा रहा है।
मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर स्किल्ड एम्प्लोई एम्पलॉयर मैपिंग (असीम) पोर्टल की शुरुआत की है ताकि स्किल गैप की पहचान कर मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करते हुए उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें।
स्किल इंडिया का ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म #eSkillIndia यह सुनिश्चित कर रहा है कि स्किल ट्रेनिंग तक पहुंच सीमित न रहे। ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। पिछले कुछ महीनों में कौशल विकास के लिए 2.25 लाख से अधिक युवा और अन्य लोग इस प्लेटफॉर्म से जुड़े। दो लाख से अधिक लोगों ने एप डाउनलोड किया है।
कोरोना के इस संकटकाल में अपने गृह राज्यों को लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनके हुनर के अनुरूप स्थानीय स्तर पर रोज़गार उपलब्ध करवाया जा सके, इसके लिए ‘स्वदेश’ योजना शुरु की गई है। इसके अंतर्गत स्किल इंडिया के द्वारा 20 हज़ार से अधिक प्रवासियों की स्किल मैपिंग सुनिश्चित की गई है। देश के 116 जिलों में तीन लाख मजदूरों को 10-15 दिन और तीन महीने के दो तरह के प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया है। 

कौशल विकास संस्थानों ने कोरोना के इस संकटकाल में 70 लाख से अधिक फेस मास्क का निर्माण किया है, ताकि ज़रूरतमंदों के बीच इनके वितरण को सुनिश्चित करने के साथ ही स्वस्थ्य राष्ट्र के संकल्प को गति दी जा सके।

कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा 

  • स्किल इंडिया मिशन के तहत 96,000 से अधिक लोगों को योग शिक्षक और प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया।
  • देश के सभी हिस्सों में कौशल प्रशिक्षण की बेहतर पहुंच के लिए लेह में एक एनएसटीआई विस्तार केंद्र का शुभारम्भ किया गया।
  • एमएसडीई ने 6 एनएसटीआई में प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए रिलायंस जियो के साथ भागीदारी कायम की।
  • देश में 6 जगहों पर रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के लिए 400 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
  • 5 सितंबर, 2019 को कौशलाचार्य पुरस्कार, 2019 का आयोजन किया गया, जिसमें 53 प्रशिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
  • 2019 में 30 युवा उद्यमियों और 6 संगठनों को राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार, 2019 से सम्मानित किया गया।
  • स्किल साथी परामर्श कार्यक्रम के अंतर्गत 40 लाख विद्यार्थियों को परामर्श दिया गया।
  • मोदी सरकार ने सरकारी विद्यालयों में 500 कौशल हब और प्रयोगशालाओं की स्थापना की योजना को भी अंतिम रूप दिया है।
  • कौशल भारत फिलहाल 9100 से ज्यादा विद्यालयों के साथ जुड़ चुका है। अभी तक 7.5 लाख विद्यार्थियों को फायदा हुआ है।
  • मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना की घोषणा की गई। जिसका दर्जा आईआईएम और आईआईटी जैसा होगा।
  • रूस के कजान में आयोजित वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल, 2019 में भारत ने 63 देशों में 13वां स्थान हासिल किया।
  • देश में जमीनी स्तर पर विभिन्न सुधारों और हर नागरिक को सशक्त बनाने के के लिए सभी जिलों में जिला कौशल समितियों का गठन किया गया है।
  • सितंबर 2019 में भारतीय कौशल विकास सेवा के पहले बैच ने कर्नाटक में मैसूरु के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • आईएसडीएस केंद्र सरकार की सबसे नई सेवा है। 263 पदों के लिए नियुक्ति आईईएस परीक्षा के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है।
  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण कौशल हासिल कर चुके युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं।
  • ‘मेक इन इंडिया’और ‘स्किल इंडिया’ जैसे मोदी सरकार के दो महत्वपूर्ण पहल को वैश्विक स्‍तर पर स्‍वीकार्य कौशल मानकों के अनुरूप बनाने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय कौशल मानकों को भी लागू किया गया है।
  • कौशल विकास से जुड़े ये मानक सभी 82 चिन्हित रोजगारों के मामले में ब्रिटिश बेंचमार्क के अनुरूप हैं।
  • विश्वस्तरीय स्किल ट्रेनिंग के लिए दुनियाभर के संस्थानों के साथ समझौते किए गए हैं। जैसे कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC)और अमेरिका की वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन (WOF) के बीच ये करार हुआ है।

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