उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। ट्विटर पर #Shame_On_You_AkhileshYadav टॉप ट्रेंड कर रहा है। यूजर्स उन्हें खरी-खोटी सुना रहे हैं। असल में मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती को ‘दलित दिवाली’ के रूप में मनाने का ऐलान किया। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान ख़तरे में है, जिससे मा. बाबासाहेब ने स्वतंत्र भारत को नयी रोशनी दी थी। इसलिए मा. बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती, 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी उप्र, देश व विदेश में ‘दलित दीवाली’ मनाने का आह्वान करती है।
भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान ख़तरे में है, जिससे मा. बाबासाहेब ने स्वतंत्र भारत को नयी रोशनी दी थी।
इसलिए मा. बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती, 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी उप्र, देश व विदेश में ‘दलित दीवाली’ मनाने का आह्वान करती है।#दलित_दीवाली
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 8, 2021
अखिलेश यादव के अपने ट्वीट में दलित दिवाली शब्द का इस्तेमाल करते ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। यूजर्स कहने लगे कि डॉ अम्बेडकर सिर्फ दलितों के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं, इसलिए उन्हें सिर्फ दलितों का बताकर अपमान किया गया है। आप भी देखिए यूजर्स किस तरह से अखिलेश को लताड़ रहे हैं।
साथ मे सपा को अपने पिछली सरकार के दलित विरोधी फैसलों पर आत्ममंथन कर सफाई और माफी मांगनी चाहिए।
जैसे प्रोमोशन में आरक्षण के बिल को फाड़ना, अनुसूचित जाति के लिए बनाए छात्रावासों का फण्ड काटना। जीरो फीस पर अनुसूचित जाति के बच्चो के एडमिशन को बंद करना आदि।— #आंदोलनजीवी Devashish Jarariya (@jarariya91) April 8, 2021
सवर्ण चाहते ही हैं कि हमारे महापुरुषों को एक जाति तक ही सीमित कर दिया जाय ताकि उनके द्वारा देश के लिए किए गए कार्य छुप जाएँ
ऐसे में अखिलेश जी द्वारा बाबा साहेब जी को एक जाति एक वर्ग तक सीमित करना भी मनुवादियों जैसा काम है।
#Shame_On_You_AkhileshYadav— Akriti Ambedkar ?? (@AkritiAmbedkar) April 8, 2021
बाबासाहब ने संविधान देश को दिया
किसी एक जाती के लिए नहीं
अगर अखिलेशजी के लिए बाबासाहब सिर्फ दलित है तो #अखिलेशजी_मुलायमजी सिर्फ यादव समाज के नेता है
कयुकी ईनकी सरकार मे तो भला सिर्फ यादवो का हुआ है
अन्य पीछङी जातियां,अनुसूचित जाति/जनजाती/मुसलिम/अप्पर कास्ट इन्हे वोट ना करे— ??सत्य की जित होकर रहेंगी ?? (@PramodDhanvija2) April 8, 2021
दलितों के महापुरुषों का सबसे ज्यादा अपमान किया है तो वह आपने ही किया है भैया जी आज आप वोट बैंक के चक्कर में दलित दिवाली बना रहे…
बहुजन समाज के महापुरुषों के नाम पर शहरों के नामों को बदल दिया और महापुरुषों का अपमान किया आज आप वोट बैंक के चक्कर में ऐसा झूठा दिखावा करना बंद कीजिए— धर्मवीर सिंह अम्बेडकर (@Dharamv81120600) April 8, 2021
आपकी सरकार में कितना संविधानिक काम हो रहा था दिन दहाड़े लूट और रिश्वत खोरी उप का हर यादव मुख्यमंत्री था जातिवाद को बढ़ाबा आपने क्या किया भूमाफिया राज चलताथा अब जब सरकार में नहीं हैं तो आपको संविधान याद आ रहा है पूरा उप को आपने गुंडो के हबाले कर दिया था
— राजीव कुमार सिंह चौहान (@RajChau17514632) April 8, 2021
बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर विश्व रत्न है। उनको किसी वर्ग विशेष तक सीमित कर देता आपकी मूर्खता को दर्शाता है। जिस देश का गुलाम भारत 200 साल तक रहा वे भी बाबा साहेब का लोहा मानते हए उनके जन्म दिवस को “Dr. B.R.Ambedkar Equality Day ” के रूप में माना रहे हैं।#जयभीम pic.twitter.com/K1tR2yaHar
— Kuldeep Gothwal (@kgothwal15) April 8, 2021
बाबा साहेब की ज्यंती को दलित दीवाली घोषित कर दोगलेपन का सबूत दिया है #Shame_On_You_AkhileshYadav यू.के. की रानी कनाड़ा राष्ट्रमंड़ल प्रमुख एलिजाबेथ द्वितीय से सीखो उन्होने 14 अप्रैल 2021 ‘डॉ. बी.आर.अंबेड़कर समता दिवस’ घोषित किया, विश्व उन्हे ‘ज्ञान के प्रतीक’ के रूप मे जानता है! pic.twitter.com/fLPrD9aZ5J
— Dinesh Valmiki (@DineshValmiki99) April 9, 2021
जब कोई ओबीसी नेता दलितों का अपमान करता है तो सभी खुद को अंबेडकरवादी कहने वाले ओबीसी बुद्धिजीवी चुप्पी साध लेते है इसे ही जातिवाद का छुपा हुआ स्वरूप कहा जाता है। ऐसे कैसे चलेगा भईया #Shame_On_You_AkhileshYadav
— कुश आंबेडकरवादी (کش) (@Kush_voice) April 8, 2021
#Shame_On_You_AkhileshYadav
it’s shameful. ? pic.twitter.com/dNolSDFENy— Bhardwaj (@VBhardwaj4444) April 8, 2021
#Shame_On_You_AkhileshYadav your caste-based politics reflects your real agenda to creating a diversion between Dalits and the rest of the community
He has not even spared Lord Ram then how will he leave ordinary people #JayaBachchan #KashiVishwanath caste मुक्त भारत pic.twitter.com/jVJoxvUIMI
— samita sharma (@samitas53375357) April 9, 2021
Your words #दलित_दीपावली
It reflects your narrow mindset
For Dr. Bhim Rao Ambedkar, a symbol of wisdom, you recognised him only as the leader of the Dalit community.And confined them to a particular caste.
— Satya Azad ( Abhimanyu Singh ) (@Satya_voice) April 8, 2021