पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मंत्री हिन्दू विरोधी है। उन्होंने इसका फिर प्रमाण दिया है। राज्य के पर्यटन मंत्री और डावग्राम फुलवारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक गौतम देव चुनाव प्रचार के दौरान जलपाईगुड़ी जिले के ठाकुर नगर इलाके में पहुंचे। एक आश्रम के हिन्दू संत सुधाकृष्ण दास गोस्वामी को देखर आपा खो बैठे और संत को धमकाते हुए टीएमसी को समर्थन देने का दबाव बनाने लगे। उन्होंने कहा कि आप सरकारी जमीन में बसे हुए हैं आराम से रहिए, लेकिन अगर बीजेपी-बीजेपी किए तो उजाड़ दिया जाएगा।धमकी भरे वीडियो वायरल होने पर मंत्री गौतम देव ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि यहां इस संत ने बहुत बड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। यहां बीजेपी और आरएसएस के लोगों के साथ मीटिंग होती है। आश्रम के नाम पर यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यटन मंत्री गौतम देव ने सीधे शब्दों में संत को कहा कि उन्हें चुनाव में तृणमूल का साथ देना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें यहां से भगा दिया जाएगा। मेरा नाम गौतम देव है और हम जो कहते हैं, वह करके रहते हैं।
गौतम देव का धमकाने का सिलसिला आगे भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि मैं यहां से चुनाव जीत रहा हूं और फिर मंत्री बनने वाला हूं। ऐसे में यहां रह पाना मुश्किल होगा। मंत्री के धमकी से डरे संत ने कहा कि हम तो संन्यासी हैं। हम कहां जाएंगे। इस पर मंत्री गौतम देव ने कहा कि वह खुद सन्यासी है। यह सब मोदी राज में चलेगा। यह बंगाल है, यहां यह सब नहीं चलेगा। साथ नहीं दिया तो सरकारी जगह पर बैठे हो खाली करना ही पड़ेगा।
आश्रम के संत सुधाकृष्ण दास गोस्वामी ने कहा कि वो पिछले पांच-छह सालों से इस आश्रम में रहते आ रहे हैं। आश्रम किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ नहीं है। यहां पर कोई राजनीतिक गतिविधियां नहीं होती हैं। यह आश्रम सभी पार्टियों के लिए खुला है। यहां पर आने वाले लोग राजनीतिक चर्चाएं करते हैं, लेकिन उनसे आश्रम का कोई लेनादेना नहीं है।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद डावग्राम फुलवारी से बीजेपी उम्मीदवार शिखा चटर्जी ने पत्रकारों को बताया कि इस प्रकार की धमकी को बीजेपी बर्दाश्त नहीं करने वाली। चुनाव के समय वोट या समर्थन कौन किसे देगा यह उसका व्यक्तिगत मत है। चुनाव के समय किसी को उजाड़ देने की धमकी देना भी दंडनीय अपराध है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी।
गौरतलब है कि 2011 के विधानसभा चुनाव में गौतम देव ने 11,236 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। 2016 में जीत का अंतर बढ़ गया और देव ने 23,811मोतों से जीत हासिल की। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 86,117 मतों से बढ़त मिली थी। 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े से पता चलता है यहां बीजेपी के प्रति तेजी से लोगों का रूझान बढ़ा है।