देश में पत्रकारों का एक ऐसा वर्ग है, जो कांग्रेस की सरपरस्ती में पलता है और उसके लिए पूरी तरह समर्पित है। दरबारी और एजेंडाधारी के नाम से मशहूर इस वर्ग के पत्रकार कांग्रेस के शाही परिवार की शान में कसीदे पढ़ने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहर फैलाने में कांग्रेस प्रवक्ताओं को भी पीछे छोड़ देते हैं। जहां कहीं भी कांग्रेस पर संकट आता है या आने की संभावना होती है ये कांग्रेस के नेताओं से भी ज्यादा परेशान हो उठते हैं। जितनी चिंता कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपनी पार्टी को लेकर नहीं है, उससे ज्यादा चिंता ये कांग्रेस के हित के लिए करते हैं। अगर आपको यकीन न हो तो आप राजस्थान में सचिन पायलट की पदयात्रा को लेकर इनके कुछ ट्वीट देख सकते हैं, जिनसे आपको अंदाजा हो जाएगा कि पत्रकारिता की आड़ में किस तरह ये कांग्रेस के एजेंडे को लेकर काम करते हैं।
दरअसल राहुल गांधी के राजस्थान दौरे के दिन ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई से जन संघर्ष पदयात्रा निकालने की घोषणा कर सियासी तूफान खड़ा कर दिया। जयपुर में अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर एकदिवसीय अनशन किया था। अब 11 मई से पांच दिवसीय जन संघर्ष पदयात्रा पर निकलेंगे। 125 किलोमीटर की यह पदयात्रा अजमेर से शुरू होकर जयपुर में खत्म होगी। उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा जनता के मुद्दों और नौजवानों को लेकर है, क्योंकि बार बार पेपर लीक हो रहे हैं लेकिन असली गुनहगार पकड़े नहीं जा रहे हैं। सचिन पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को घेरते हुए अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ लोग हैं जो चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो और पार्टी में फूट पड़े।
RPSC पेपर लीक भ्रष्टाचार मामले में 11 मई से अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा शुरू करूंगा – सचिन पायलट@SachinPilot pic.twitter.com/L3nDPgklFA
— Mahaveer Gurjar (@Mahaveergurjar_) May 9, 2023
कांग्रेस को कमजोर कांग्रेस के नेता ही कर रहे हैं। लेकिन कष्ट दरबारी और एजेंडाधारी पत्रकारों को हो रहा है। वो ऐसे तड़प रहे हैं, मानो कांग्रेस को बचाने का ठेका उन्होंने ले रखा है। एक एजेंडाधारी पत्रकार अजीत अंजुम को बीजेपी को फायदा मिलने और कांग्रेस के संभावित नुकसान की चिंता सता रही है। लग रहा है कि उनका व्यक्तिगत नुकसान होने जा रहा है। उन्होंने अपने अंदर की पीड़ा जाहिर करने के लिए ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, “हम तो डूबेंगे, तुमको भी ले डूबेंगे की तर्ज़ पर सचिन पायलट लगातार गहलोत के लिए गड्ढा खोदने में लगे हैं। सचिन अपनी ही पार्टी के सीएम के लिए नेता विपक्ष से भी ज़्यादा मुसीबत खड़ी करते जा रहे हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले की ये आपसी धींगामुश्ती बीजेपी की राह आसान ही करेगी। पता नहीं क्यों कांग्रेस हाईकमान न तो दोनों के बीच सुलह करा पा रहा है, न ही किसी को चुप करा पा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व के लिए तमाशबीन बने रहने की मजबूरी जो भी हो लेकिन सियासी तौर पर नुक़सान का स्केल दिनों दिन बड़ा होता जा रहा है।”
हम तो डूबेंगे , तुमको भी ले डूबेंगे की तर्ज़ पर सचिन पायलट लगातार गहलोत के लिए गड्ढा खोदने में लगे हैं .
सचिन अपनी ही पार्टी के सीएम के लिए नेता विपक्ष से भी ज़्यादा मुसीबत खड़ी करते जा रहे हैं .
चुनाव से कुछ महीने पहले की ये आपसी धींगामुश्ती बीजेपी की राह आसान ही करेगी .
पता… https://t.co/5JtgSMCTmR— Ajit Anjum (@ajitanjum) May 9, 2023
पत्रकार से राजनीतिज्ञ और उसके बाद यूट्यूबर बने आशुतोष का दर्द भी छलक आया। वो भी अपनी भावना पर काबू नहीं कर सके और कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वो नहीं चाहते कि निष्ठा साबित करने के इस दौड़ में किसी से पीछे रह जाए। सत्ता की मलाई चाटने से वंचित एक पत्रकार की आत्मा राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी जंग से तड़पती हुई नजर आई। आशुतोष ने ट्विटर पर अपनी वेदना जाहिर करते हुए लिखा, ” सचिन पाइलट ने तय कर लिया है कि वो तो डूबेंगे लेकिन कांग्रेस को भी डुबायेंगे। अगर अब भी कांग्रेस आलाकमान एक्शन नहीं लेता तो फिर राजस्थान में कांग्रेस का सफ़ाया तय है। इसके लिए आलाकमान के अलावा कोई और ज़िम्मेदार नहीं होगा !” इसके बाद एक और ट्वीट करते हुए आशुतोष ने लिखा, “सचिन पायलट चाहते हैं कि कांग्रेस कर्नाटक भी हार जाये ? क्यों वोटिंग के एक दिन पहले की प्रेस कॉन्फ़्रेंस? “
सचिन पाइलट ने तय कर लिया है कि वो तो डूबेंगे लेकिन कांग्रेस को भी डुबायेंगे ।
अगर अब भी कांग्रेस आलाकमान एक्शन नहीं लेता तो फिर राजस्थान में कांग्रेस का सफ़ाया तय है।
इसके लिये आलाकमान के अलावा कोई और ज़िम्मेदार नहीं होगा !
— ashutosh (@ashutosh83B) May 9, 2023
सचिन पायलट चाहते हैं कि कांग्रेस कर्नाटक भी हार जाये ? क्यों वोटिंग के एक दिन पहले की प्रेस कॉन्फ़्रेंस? #SachinPilot @SachinPilot @INCIndia
– https://t.co/LizBsQ9HPw via @SatyaHindi
— ashutosh (@ashutosh83B) May 9, 2023
कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी को अपना आलाकमान तो मानते ही हैं, लेकिन कुछ पत्रकार भी उन्हें अपना आलाकमान मानते हैं। सोनिया गांधी की शान में कोई गुस्ताखी हो, तो उनकी आत्मा तड़प उठती है। क्योंकि उनके पुराने कई एहसानों की याद ताजा हो जाती है। अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे के बारे में बयान देकर सोनिया समर्थकों को परेशान कर दिया है। उनमें पत्रकार उमाशंकर सिंह भी शामिल है। उमाशंकर सिंह ने सचिन पायलट के बयान को आधार बनाते हुए अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “लगता है कि अशोक गहलोत के नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं : अशोक गहलोत पर सचिन पायलट का अब तक का सबसे बड़ा हमला…।”
लगता है कि अशोक गहलोत के नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं : अशोक गहलोत पर सचिन पायलट का अब तक का सबसे बड़ा हमला
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 9, 2023
पत्रकार का चोला ओढ़े कुछ लोग गहलोत-पायलट की जंग से काफी परेशान है। उन्हें लग रहा है कि इस जंग का असर कर्नाटक चुनाव पर भी पड़ेगा और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे पत्रकारों में शकील अख्तर भी शामिल है। शकील ने ट्वीट कर लिखा, “कर्नाटक का चुनाव बहुत हाई प्रोफाइल है। जो जीता वही सिकंदर वाला। यह वह सेमी है जिसे जीतने का मतलब फाइनल जीतना है। वहां मतदान से एक दिन पहले पार्टी पर सवाल उठाने से किसे नुकसान होगा? गहलोत को तो कोई नुकसान होने से रहा।
कांग्रेस को 11 का इंतजार नहीं करना चाहिए जो फैसला लेना है,10 की शाम को ही ले लेना चाहिए।
कर्नाटक का चुनाव बहुत हाई प्रोफाइल है।
जो जीता वही सिकंदर वाला।
यह वह सेमी है जिसे जीतने का मतलब फाइनल जीतना है।
वहां मतदान से एक दिन पहले पार्टी पर सवाल उठाने से किसे नुकसान होगा?
गहलोत को तो कोई नुकसान होने से रहा।
कांग्रेस को 11 का इंतजार नहीं करना चाहिए जो फैसला लेना है
1/3— Shakeel Akhtar (@shakeelNBT) May 9, 2023