इंडियन एक्सप्रेस की इस खबर पर हंगामा बरपा है कि राज्यसभा टीवी में 5 गेस्ट एंकरों को शो होस्ट करने से मना कर दिया गया है। दरअसल इस खबर को उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है इसलिए इसकी अहमियत और प्रभाव को लेकर अटकलें ज्यादा हैं। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का दूसरा कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है जो राज्यसभा टीवी के पदेन प्रमुख हैं।
सरकार विरोधी प्रोपेगैंडा करते रहे हैं राज्यसभा टीवी के ‘गेस्ट होस्ट’ पत्रकार
जिन पत्रकारों की गेस्ट एंकर के तौर पर कार्यक्रम बंद किए गये हैं वे सभी दिग्गज पत्रकार हैं। किसी न किसी समूह में संपादक, समूह संपादक, सीईओ जैसे पदों पर काबिज हैं। लेकिन, इनका एक और परिचय है कि ये सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी, आरएसएस और इनसे जुड़ी विचारधारा के अंध विरोधी रहे हैं। नामों पर गौर करें तो सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु (द वायर के संपादक), भारत भूषण (संपादक, कैच न्यूज), गोविन्दराज एथिराज (पूर्व प्रधान संपादक, ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया जो अब इंडिया स्पेंड.कॉम और फैक्टचेकर.इन चलाते हैं) और उर्मिलेश। ये सभी राज्यसभा टीवी पर सरकार विरोधी प्रोपेगैंडा चलाते रहे हैं।
कौन हैं सिद्धार्थ वरदराजन
सिद्धार्थ वरदराजन की पत्रकारिता ‘गुजरात : ए मेकिंग ऑफ द ट्रेजेडी’ पुस्तक लिखने के बाद चमकी। पेंग्विन ने इसे 2003 में छापा। उसके बाद देश-दुनिया के वामपंथियों ने उन पर पुरस्कारों की बौछार कर दी। इनकी पत्नी प्रोफेसर नंदिनी सुंदर नक्सलवादियों की ‘बौद्धिक सहयोगी’ मानी गयी हैं और उन पर एक आदिवासी की हत्या का आरोप है। जांच चल रही है। नक्सलवाद का समर्थन, कश्मीर में अलगाववादियों का साथ देना, आरएसएस व मोदी सरकार का विरोध पति-पत्नी का खुला एजेंडा रहा है।
वरदराजन सवाल उठाते हैं कि क्या गाय धार्मिक पहचान है? इस बहाने वे आपातकाल से पहले होने वाली बहस में ले जाते हैं जब कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गाय-बछड़ा था। मकसद साफ है। आप भी पढ़िए-
Is the Cow a Religious Symbol? @pbhushan1 takes us back to a pre-Emergency debate https://t.co/7SnusJEdQh via @thewire_in
— Siddharth (@svaradarajan) June 20, 2017
सिद्धार्थ वरदराजन रामनाथ कोविंद को दागी बताने की कोशिश में ट्वीट करते हैं कि उन्होंने बंगारू लक्ष्मण के पक्ष में गवाही दी थी।
Ram Nath Kovind Backed Convicted BJP President Bangaru Laxman in Graft Trial | @AnooBhu reports https://t.co/KY2dbhoiVI via @thewire_in
— Siddharth (@svaradarajan) June 20, 2017
टाइम्स ऑफ इंडिया ने युवराज सिंह से पूछा था कि हॉकी टीम की तरह उन्होंने जीत के रूप में शहीदों को श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी? इस पर व्यंग्य करते हुए वरदराजन सलाह देते हैं कि टाइम्स के पत्रकारों को पाकिस्तानी खिलाड़ियों का इंटरव्यू करते समय बाहों पर काली पट्टी लगानी चाहिए-
I hope the moronic @TimesNow anchors wear black armbands when they interview Pakistanis. Else someone will tweet #TimesNowForgetsBraves https://t.co/mYK6SkjuMF
— Siddharth (@svaradarajan) June 19, 2017
जो बयान यूपी के मुख्यमंत्री ने दिया ही नहीं, उसे ट्रोल करते हुए वरदराजन योगी आदित्यनाथ को इतिहास से अनभिज्ञ बताते हैं-
The UP CM has no idea of Indian history—ताजमहल भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं: योगी आदित्यनाथ https://t.co/fxraiISmnU via @thewirehindi
— Siddharth (@svaradarajan) June 19, 2017
वरदराजन की मानें तो कथित गोरखालैंड के लिए हो रही हिंसा के पीछे भी बीजेपी का ही हाथ है
BJP’s Backing Gives Strength to Those Agitating for Gorkhaland https://t.co/V49IRsQjBK via @thewire_in
— Siddharth (@svaradarajan) June 19, 2017
एमके वेणु, द वायर के संस्थापक संपादक
एमके वेणु ने खुलकर नोटबंदी के खिलाफ लिखा। नोटबंदी को नोटबदली बताया। इसे राजनीतिक एजेंडा कहा। नोटबंदी के प्रभावों पर लगातार नकारात्मक खबरें दिखलायीं। कोई भी ट्वीट जो मोदी सरकार के खिलाफ हो, एमके वेणु उसे रीट्वीट तुरंत करते हैं। मोदी सरकार को नकारात्मक और असफल बताने के लिए अक्सर लेख लिखना और ट्वीट करना इनका शौक है-
Modiji shud boast this achievement during his US visit later this month.Sabka Vikas!https://t.co/2oX1B7t0md
— M K Venu (@mkvenu1) June 17, 2017
राजस्थान की वसुंधरा सरकार को नीचा दिखाने का मौका भी नहीं छोड़ते हैं वेणु-
BJP govt in Rajasthan is making a habit of this. Describing mob lynching as mere demise due to “natural cause”!
— M K Venu (@mkvenu1) June 18, 2017
GST पर असंतोष और नाराजगी को भी प्रमोट करते हैं एमकेवेणु-
India’s top tax lawyer Arvind Datar’s take on the complicated GST implementation. https://t.co/AmK3njnO5n
— M K Venu (@mkvenu1) June 16, 2017
OROP पर पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को भड़काने में भी पीछे नहीं रहते हैं वेणु-
OROP is not just our right but our dignity as well .
Diluted OROP is NOT acceptable #StillNoOROP pic.twitter.com/mWGMG4tXFD
— One Rank One Pension (@DemandOROP) June 15, 2017
हिन्दुओं से जुड़ी किसी भी बात पर नकारात्मक प्रचार करना हो, तो वेणु और उनकी टीम हर समय मुस्तैद है।
भारत भूषण, संपादक, कैच न्यूज़
कैच न्यूज़ के संपादक हैं। हर उस ट्वीट को बढ़ाते हैं, री-ट्वीट करते हैं जो मोदी सरकार को परेशान कर सकता है। सैफुद्दीन सोज, हार्दिक पटेल, दिग्विजय सिंह, संजीव भट्ट जैसे लोगों के मोदी या मोदी सरकार के विरोधी विचारों को आगे बढ़ाते रहते हैं। भारत भूषण मंदसौर की घटना की तुलना मेहम से करते हैं। वे प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का भी कोई मौका नहीं छोड़ते।
Veteran Cong leader Saifuddin Soz has a 5-pt guideline on how to deal with Kashmir https://t.co/GQgdm2Uczh via @CatchNews
— Bharat Bhushan (@Bharatitis) June 17, 2017
A Lucknow Court denies bail to 11 students, including two girls, who had waved black flags during CM Adityanath’s visit to the University.?
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) June 12, 2017
मंदसौर की घटना की तुलना मेहम से करके अपनी राजनीतिक पूर्वाग्रह को भी सामने रख देते हैं
Mandsaur mayhem: Man dies in police custody, wife tries to kill herself via @CatchNews https://t.co/oRDCWR0jpw
— Bharat Bhushan (@Bharatitis) June 10, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किस तरह एजेंडा चलाते हैं भारत भूषण, वह भी देखिए-
‘I met Modi’… Interpreting a Kashmiri neta’s dream via @CatchNews https://t.co/Gs26bP6w37
— Bharat Bhushan (@Bharatitis) June 8, 2017
गोविंदराज एथिराज और उर्मिलेश भी पत्रकारिता के नाम पर अपना एजेंडा चलाते रहे हैं। कोई भी मुद्दा हो, मोदी सरकार का विरोध करना इनका धर्म है।
बदलाव का उद्देश्य ‘फॉरवर्ड प्लानिंग’- सप्पल
जाहिर है सरकार के खिलाफ विषवमन करने वाले इस सरकारी चैनल में बदलाव की हवा चल रही है। इंडियन एक्सप्रेस से राज्यसभा टीवी के संस्थापक, एडिटर इन चीफ व सीईओ गुरदीप सिंह सप्पल ने इन बदलावों को अगस्त में होने वाले बदलाव को देखते हुए फ़ॉरवर्ड प्लानिंग बताया है। उन्होंने कहा है- “राज्यसभा के अगले चेयरमैन चैनल के उद्देश्य और चरित्र को तय करेंगे।”
किसने बदला राज्यसभा टीवी का चरित्र?
हल्ला मचा जा रहा है कि राज्यसभा का चरित्र बदलने की कोशिश हो रही है। सच्चाई क्या है? राज्यसभा का चरित्र कुछ लोगों ने मिलकर पहले ही बदल डाला। चुन-चुन कर राज्यसभा में ऐसे लोगों को कार्यक्रम दिए गये, जो मोदी सरकार के खिलाफ विष वमन करते रहे? उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी कांग्रेस की पसंद रहे हैं। कांग्रेस की वजह से ही उन्हें दूसरा टर्म मिला। वे सूर्य नमस्कार, योग जैसे विषयों पर विवादास्पद बयान देते रहे हैं और केंद्र सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। बावजूद इसके मोदी सरकार ने उन्हें हटाने की कोशिश नहीं की और न कोई अप्रिय तरीका अपनाया।
केंद्र सरकार के खिलाफ खुला मंच बन गया राज्यसभा टीवी
राज्यसभा के चेयरमैन और राज्यसभा टीवी के पदेन प्रमुख होने के नाते हामिद अंसारी ऐसे तत्वों को बढ़ावा देते रहे और खामोश रहे जो खुलकर केंद्र सरकार के खिलाफ कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे! जरा सोचिए राज्यसभा टीवी जिसका सारा खर्च केद्र सरकार उठाती है, केंद्र के खिलाफ ही आवाज़ उठाने का एक खुला मंच बन गया। क्या यह राज्यसभा के चरित्र को बदलने की कोशिश नहीं थी? इसे क्यों बर्दाश्त किया जाना चाहिए?
एडवाइजरी कमेटी के पुनर्गठन पर क्यों नहीं बरपा हंगामा?
पिछले महीने राज्यसभा की एडवाइजरी कमेटी का पुनर्गठन हुआ है और राज्यसभा के डिप्टी चेयरमेन कांग्रेस सांसद पीजे कूरियन की देखरेख में यह हुआ है। ये स्वाभाविक भी था, पर ऐसे समय में जबकि यह संक्रमण काल है। चुनाव होने हैं, नये उपराष्ट्रपति आने वाले हैं जो राज्यसभा टीवी भी देखेंगे तो अनुकूल बदलाव करने लेने की जल्दबाजी कांग्रेस नेता ने क्यों दिखलायी। इस पर अखबारों में हंगामा नहीं बरपा।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर का दूसरा पहलू यह है कि कई लोगों को एक साथ राज्यसभा टीवी में होस्ट एंकर बने रहने का राज समझ में आ गया है। इसलिए लोगों ने खुलकर प्रतिक्रिया दी-
inhe pata tha RSTV se bheekh bandh ho jayegi.. tabhi scroll, wire, catch jaisi gobar ki dukaan khol li.. highly intellectual english gobar! https://t.co/VCIEwTtDe4
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) June 20, 2017
दर्शक कामरेड पत्रकारों की तुलना अर्नब से कर रहे हैं जिन्होंने दूरदर्शन तक जाने से इनकार कर दिया क्योंकि यह करदाताओं के पैसों पर चलता है। उन्होंने खुद अपना चैनल शुरू किया।
In contrast to Comrades Varadarajan & Venu, Arnab did not latch on to any largesse offered by tax-payer-funded DD; started his own channel. https://t.co/glsE1jNSDq
— Oldtimer (@auldtimer) June 20, 2017
सरकार के खिलाफ एजेंडा चलाने से लोग इतने गुस्से में हैं कि कह रहे हैं कि यूपीए सरकार में शुरू हुए राज्यसभा टीवी को बंद कर दिया जाना चाहिए।
This Rajya Sabha TV that started in 2011 by UPA must be shut down @narendramodi https://t.co/hnKdWxStRO
— Bindaas (@Right_Indian) June 20, 2017
दर्शकों को पहले भी आश्चर्य होता था कि राज्यसभा ऐसे लोगों को हायर क्यों कर रही है जो एजेंडा चलाते हैं।
Propaganda straight out of Vice President House. I always used to wonder why modi didn’t fire those RSTV filth. Now I understand this sulla https://t.co/VvDbOTSP84
— హైందవవీరుడు (@Raven_krishna) June 20, 2017