देश की तथाकथित सेक्युलर मीडिया का एक बार फिर दोगलापन सामने आया है। शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पद को एसटी अभ्यार्थियों से भरने की मांग को लेकर राजस्थान के डूंगरपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है लेकिन देश तथाकथित सेक्लुयर मीडिया इसे दिखाने और छापने के बजाय विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रयोजित किसानों के प्रदर्शन में व्यस्त है। कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में बड़े पैमाने पर हिंसा के बावजूद तथाकथित सेक्युलर मीडिया इसे नहीं दिखा रहा है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहे हैं।
ट्विटर यूजर राकेश गोस्वामी ने लिखा कि दक्षिण राजस्थान 3 दिनों से जल रहा है। 4 जिलों में इंटरनेट को निलंबित कर धारा 144 लगा दिया गया है। कई वाहनों को आग लगा दी गई है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम में 7 आईपीएस अधिकारी कैंप कर रहा हैं फिर भी कोई राष्ट्रीय आक्रोश नहीं हैं।
South Rajasthan is burning for 3 days. Internet suspended in 4 districts. Section 144 clamped. Several vehicles torched, property vandalised. 7 IPS officers camping in control room. Yet no national outcry. No huffing-puffing TV reporters talking about it#Rajasthan
— Rakesh Goswami (@DrRakeshGoswami) September 26, 2020
अभिषेक नामक ट्विटर हैंडल से भी लिखा गया है कि वास्तविक विरोध राजस्थान में हो रहा है जहां आदिवासी कांग्रेस सरकार के खिलाफ हैं। 4 जिलों में 1 व्यक्ति की मौत के साथ धारा 144 लागू कर इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन क्योंकि यह कांगेस शासित है इसलिए मीडिया द्वारा ब्लैक आउट किया गया है।
Actual protest is happening in Rajasthan where tribals are up against Cong govt.
1 person dead, section 144 imposed in 4 districts, internet suspended
But because it is Cong ruled, blacked out by media
Instead media searching for protests against farm bill, but nobody came out
— Abhishek (@AbhishBanerj) September 27, 2020
नवभारत टाइम्स डॉट कॉम के मुताबिक कांकरा डूंगरी से शुरू हुआ उपद्रव खेरवाड़ा तक पहुंच गया है। प्रदर्शनकारियों की ओर से मचाये गए उत्पात के बाद पुलिस ने भी तीन राउंड फायरिंग के साथ आंसू गैस छोड़ी, इसके बाद मामला कुछ शांत हुआ, लेकिन रात एक बजे प्रदर्शनकारी एक बार फिर उग्र हो गए। बताया जा रहा है कि इस घटना में एक व्यक्ति की सीने में गोली लगने से मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। खबर के मुताबिक इस मामले में प्रशासन की ओर से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डूंगरपुर के जिला कलेक्टर की मानें, तो इस हिंसा में झारखंड से आए विशेष विचारधारा वाले गुट ने हिंसा भड़काई है। लिहाजा अब सरकार ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने चार ऑफिसर्स को भेजा है, जिनमें डीजी क्राइम एमएल लाठर, एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन, जयपुर कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा शामिल हैं।
कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में हिस्सा की तस्वीरें-