राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा हैं। कांग्रेस नेता गहलोत ने एक ट्वीट में लिखा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए घूंघट प्रथा को बंद करना जरूरी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण के लिए ये पांच पॉइंट्स आवश्यक हैं:
1. घूंघट प्रथा दूर हो।
2. छुआछूत खत्म हो।
3. सैनेटरी नेपकिन्स के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़े।
4. महिला शिक्षा को बढ़ावा मिले, गांव-कस्बों तक महिला कॉलेज खुलें।
5. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आए।
महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण के लिए ये पांच पॉइंट्स आवश्यक हैं:
1. घूंघट प्रथा दूर हो।
2. छुआछूत खत्म हो।
3. सैनेटरी नेपकिन्स के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़े।
4. महिला शिक्षा को बढ़ावा मिले, गांव-कस्बों तक महिला कॉलेज खुलें।
5. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आए।— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 11, 2021
गहलोत के यह ट्वीट करते ही यूजर्स ने उन्हें खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी। लोगों ने पूछना शुरू कर किया की घूंघट पर तो बोल दिया, बुर्का पर कब बोलोगे। आप भी देखिए…
बुर्का प्रथा, छोटी उम्र में लड़की की शादी, जनसंख्या नियंत्रण भी शामिल करिये. वैसे घूंघट किए महिला को परेशानी नहीं तो आपको क्या परेशानी है. जिसे घूंघट करना है करे तो आपका क्या गया वैसे भी घूंघट से उसकी पहचान नहीं छुपती और ना ही घूंघट में कोई आतंकवादी होता है.
— हेमा पंत (@HemaPan68282432) April 11, 2021
घूंघट के साथ बुरखा लिखने में ..
जमीर क्यों नहीं गवारा किया???— अरुण बाजपेयी राजन (@arunbajpairajan) April 12, 2021
तीन तलाक, हलाला , बुर्का, इन पर कौन बोलेगा इन कुप्रथा को दूर कौन करेगा इन पर बोलने से मुंह में दही जम जाता है
— विक्रम (@VIKRAMYADAV70) April 11, 2021
हिम्मत है और एक बाप की औलाद है तो लिख बुर्का प्रथा खत्म हो और
6. Tripal Talaq और हलाला पद्धति बंद हो— Arvind kumar Mishra (@Mishra_Arvindk) April 11, 2021
बुरका को प्रतिबन्ध करो
हलाला बंद करो
पॉंच शादी बैन करो
20 बच्चों को पैदा करने से रोको
रोड पर नबाज रोको
इतने काम पड़े है मियाँ को घूँघट ही नजर आता है— रणजीत सेंगर (@Ssengar_ranjit) April 11, 2021
बुर्का प्रथा कब बंद कर रहे हो?
है हिम्मत?
— विश्व विजयी भारत (@Viren24901409) April 11, 2021
महोदय राजस्थान की शान है घूंघट प्रथा और इसे महिलाएं स्वेच्छा से रखती है।
कभी आपने बुर्का प्रथा के बारे में तो जिक्र नहीं किया??
बुर्का प्रथा से इतना प्रेम क्यों??
भेदभाव की राजनीति नही चलेगी महोदय……….— Vikram Singh Bhati Sajiyali (@Vikram_sajiyali) April 11, 2021
वाह रे वैज्ञानिक महोदयः-
घूँघट प्रथा से सशक्तिकरण नहीं होगा लेकिन बुर्का से तो महिला सीधे चाँद पर होगी???
यही दोगलापन जो सिकुलरिज्म के नाम पर कांग्रेस करती है न, वो सशक्तिकरण नहीं हिन्दू के खिलाफ साज़िश है— वीरेन्द्र तिवारी (@K_virendra009) April 11, 2021
बिल्कुल सही महिलाओं को अब बुर्के और हलाला जैसे विकृत मानसिकता से निकालने की जरूरत है जिसकी शुरुआत राजस्थान में बुर्का बैन से होनी चाहिए pic.twitter.com/1xfFcYdMXU
— GYAN JHA (@Codexgyan) April 11, 2021
घूंघट ही क्यों, बुर्का क्यों नही ?
बुर्का
हलाला
मुताह ये भूल गये ।या उन गुल्लों के सामने बोलने से डर लगता है.
— Karan Singh Shekhawat (@KSSRajasthan) April 11, 2021
घूंघट प्रथा का प्रचलन भारत में नही था लेकिन आपके भाई जान आए जिनकी नजर से बचने के लिए घूंघट प्रथा शुरू हुई।
लेकिन बुर्का,हलाल,निकाह, मुताः से भी मुक्ति दिलाए
— AMOL S RAJPUROHIT (@amol_singhRP) April 11, 2021
घूँघट के साथ बुर्के का भी नाम ले लेते तो सरकार गिर जाती क्या आदरणीय @ashokgehlot51 जी?
— Ayurveda Monk ??♂️? (@vaidya_11) April 12, 2021