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शाहीन बाग में पुलिस ने हटाए तंबू, प्रदर्शनकारी धरने पर अड़े, देश और कानून की नहीं है परवाह

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कोरोना वायरस के फैलते प्रभाव के बावजूद शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ पिछले 100 दिनों से जारी धरने को पुलिस ने खत्म करवा दिया। धरना स्थल पर लगे टेंट और कुर्सियों को भी वहां से उठा लिया गया। मंगलवार (मार्च 24, 2020) को शाहीन बाग में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच ये कार्रवाई हुई। लेकिन शाहीन बाग में कोरोना वायरस के चलते हटाए गए प्रदर्शनकारी समझने को तैयार नहीं हो रहे। वे फिर भी धरना देने पर अड़े हुए हैं। वहीं उनके समर्थक राजनीतिक दलों के नेता भी इस महामारी के समय देश का साथ देने की अपील करने पर चुप्पी साधे हुए हैं। 

लॉकडाउन और धारा 144 की परवाह नहीं

दिल्ली में फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है, 144 भी लगाई गई है। लोगों से घर में रहने को कहा गया है जिससे कोरोना ज्यादा न फैल पाए। बावजूद इसके शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी मंगलवार को भी आए। पहले पुलिस ने उन्हें समझाया, फिर नहीं मानने पर पुलिस ने जबरन प्रदर्शन स्थल से टेंट और पोस्टर को उखड़ाकर जगह को खाली करवा दिया।

जॉइट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा, “कोरोना वायरस के बढ़ने के कारण लोगों से अपील की जा रही थी। स्थानीय भी हमसे माँग कर रहे थे। आज सुबह हमने इस कार्रवाई की शुरुआत 7 बजे की। शुरुआत में कुछ शरारती तत्व माहौल को बिगाड़ना चाहते थे। वे नहीं माने, तो उन्हें हिरासत में लिया गया है।”

धरना जारी रखने पर अड़े 

शाहीन बाग में मंगलवार सुबह धरना खत्म करवाने के बाद प्रदर्शनस्थल पर लोगों की भीड़ फिर जमा हो गई। पुलिस को इस भीड़ को समझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। दिल्ली पुलिस ने भीड़ को बताया कि वे अपना प्रदर्शन बाद में जारी रख सकते हैं, लेकिन फिलहाल कोरोना महामारी को देखते हुए वह जिद न करें। हालांकि भीड़ में कुछ लोग फिर धरने पर अड़े हुए हैं। 

कुछ प्रदर्शनकारी हिरासत में

पुलिस लगातार गलियों में जमा भीड़ को समझाने की कोशिश करती रही। जब कुछ लोग नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उस समय पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि करीब दो घंटे बाद फिर प्रदर्शनस्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और धरना जारी रखने पर अड़ गए। जानकारी के मुताबिक, शाहीन बाग पर पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ जुटी और देखते ही देखते इनकी तादाद बढ़ती गई। 

‘शाहीन बाग’ की बदजुबान औरतें

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारी अपनी जिद पर अड़े हुए थे। इससे पहले भी कई बार वीडियो के जरिए ऐसी बातें सामने आई थीं, जिसमें वहां बैठी महिलाएं किसी कीमत पर प्रदर्शन से उठने की बात नहीं सुन रहीं थी। बल्कि इसकी जगह वे ये कह रही थीं उन्हें कोरोना नहीं हो सकता। उनके साथ अल्लाह है। कोरोना तो मोदी को होगा।

सीएए विरोधी प्रदर्शन को हवा देने वाले मौन

कोरोना वायरस से बढ़ रहे संक्रमण और मौतों की वजह से दिल्ली के अलावा 75 जिलों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस महामारी के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। ऐसे में शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन को हवा देने वाले नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहीं व्यक्ति हैं, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय स्वीकार किया था कि ‘मैं शाहीन बाग के लोगों के साथ खड़ा हूं।’ इस समय जब देश हित में शाहीन बाग का धरना खत्म करने की जरूरत थी। सिसोदिया जैसे नेता मौन व्रत धारण कर रखे हैं। 

कांग्रेस नेताओं को नहीं है देश की चिंता

कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएए प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था। उन्हें सड़कों पर निकलने के लिए भड़काया। कांग्रेस नेता शशि थरूर शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हुए, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा वहां जाकर उनसे अपनी सहानुभूति व्यक्त की। आज जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में ये नेता मौन है। इस समय देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से देशहित में धरना खत्म करने की अपील करते तो पूरा देश इनका शुक्रगुजार होता। लेकिन इन्हें तो बस अपने वोटबैंक की चिंता है, न की अल्पसंख्यकों की जीवन की परवाह।

 

कहां हैं कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ?
दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में पहुंचे मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ‘जो भी कुर्बानी देनी है उसके लिए मैं भी तैयार हूं अब देखो कि किसका हाथ मजबूत है हमारा या वो कातिल का’। इसके साथ ही मणिशंकर अय्यर ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सबका साथ और सबका विकास के वादे पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने सबका साथ और सबका विनाश किया है। आप लोगों ने ही उनको प्रधानमंत्री बनाया है और आप ही लोग उनको सिंहासन से उतार सकते हैं। इस समय मणिशंकर अय्यर गायब है। उन्हें शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाले लोगों की चिंता नहीं है। जब पुलिस ने शाहीन बाग के धरने को खत्म करने की पहल की है, ऐसे समय में उन्हें भी पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए था, लेकिन वो मौन है। 

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