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अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष: प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के संग लिया बाजरे और रागी से तैयार व्यंजनों का लुत्फ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार, 20 दिसंबर को सांसदों के साथ मोटा अनाज (मिलेट्स) रागी और बाजरे से बने विभिन्न तरह के खाने का आनंद लिया। प्रधानमंत्री मोदी की पहल और भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है, जिसे देशभर के साथ ही वैश्विक स्तर पर उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोरों पर चल रही हैं। इसी सिलसिले में कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित मोटा अनाज से तैयार लंच कायक्रम में प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य नेताओं को मिलेट्स से तैयार व्यंजन परोसे गए। अपने एक ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अब जबकि हम 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं संसद में एक शानदार दोपहर के भोजन में शामिल हुआ जहां मिलेट्स से तैयार व्यंजन परोसे गए। इसमें दलगत भावना से हटकर हुई भागीदारी को देखकर अच्छा लगा।”

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से संसद परिसर में सांसदों के लिए ‘विशेष मिलेट्स लंच’ में उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीरंजन चौधरी, राज्यसभा में सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित राज्यसभा व लोकसभा के सदस्यों ने शामिल होकर ज्वार, बाजरा, रागी जैसे पोषक-अनाज से तैयार व्यंजनों का स्वाद लिया और मिलेट्स ईयर का स्वागत किया।

लंच में भारतीय पोषक-अनाज से बनाए गए विभिन्न प्रकार के शानदार व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए क्यूरेटेड मिलेट्स-आधारित बुफे के तहत कई आयटम्स परोसी गई। इन व्यंजनों को बनाने के लिए विशेष तौर पर कर्नाटक और राजस्थान के शेफ बुलाए गए थे।

इन्होंने जो व्यंजन तैयार किए उनमें बाजरा से बनी खिचड़ी, रागी डोसा, रागी रोटी, ज्वार की रोटी, हल्दी की सब्जी, बाजरा, चूरमा के साथ बाजरे की खीर और केक भी शामिल हैं।

मिलेट्स में अपेक्षाकृत रूप से पोषक तत्व ज़्यादा होते हैं। फसलों में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू फसलें आती हैं। भारत मोटे अनाज, यानी मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में पैदा होने वाला मिलेट वैश्विक उत्पादन का लगभग एक तिहाई है।

अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023, बाजरा के वैश्विक उत्पादन को बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और फसल चक्रण का बेहतर उपयोग करने तथा खाद्य बास्केट के एक प्रमुख घटक के रूप में बाजरे को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा। सरकार रेडी टू ईट (आरटीई) तथा रेडी टू सर्व (आरटीएस) श्रेणी में नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट सीरियल्स मिक्स, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, मिठाई जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन के लिए स्टार्टअप को भी सक्रिय कर रही है।

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