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मोदी राज में देश में सुधरी रोजगार की स्थिति, EPFO ने अक्तूबर में जोड़े 13 लाख नए सब्सक्राइबर्स

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रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार ईपीएफओ ने अक्तूबर, 2022 के दौरान कुल 12.94 लाख नए ग्राहक बनाए हैं। पेरोल डेटा के अनुसार यह पिछले साल के अक्तूबर, 2021 से 21,026 अधिक है।

अक्तूबर में जुड़े 12.94 लाख सदस्यों में से 7.28 लाख नए सदस्य हैं। इसमें 18 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्या सबसे अधिक 2.19 लाख है, जबकि 22 से 25 साल के आयु वर्ग के लोगों की संख्या 1.97 लाख है। शामिल किए गए कुल सदस्यों में से लगभग 57.25 प्रतिशत 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। यह दिखाता है कि संगठित क्षेत्र के कार्यबल में रोजगार के इच्छुक बहुत से लोग पहली बार बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।

अक्तूबर माह के दौरान कुल 2.63 लाख महिला सदस्यों को जोड़ा गया है। इसमें से 1.91 लाख महिलाएं पहली बार ईपीएफओ में शामिल हुई हैं, जो महीने के दौरान महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी का लगभग 72.73 प्रतिशत है।

पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार डेटा में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा के प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 7.78 लाख नए ग्राहक बनाकर सबसे आगे हैं, जो कि सभी आयु समूह में कुल नए पेरोल का लगभग 60.15 प्रतिशत है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन संगठित क्षेत्र में 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।

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