प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आप किसी भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन उनके अंतर्मन से भारत को नहीं निकाल सकते। गुयाना के जॉर्जटाउन स्थित नेशनल सेंटर में भारतीय प्रवासियों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने कहा कि आप एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप भारत को उनके अंतर्मन से बाहर नहीं निकाल सकते और इस यात्रा के उनके अनुभव ने इसकी पुष्टि की है। 21 नवंबर को हुए कार्यक्रम में गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
भारत के विभिन्न हिस्सों से आए हुए लोगों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अपने साथ संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं की विविधता लेकर आए और समय के साथ गुयाना को अपना घर बना लिया। उन्होंने कहा कि ये भाषाएं, कहानियां और परंपराएं आज गुयाना की संस्कृति का एक समृद्ध हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी समानताओं ने भारत-गुयाना मैत्री को एक मजबूत आधार प्रदान किया है और इस मामले में संस्कृति, भोजन और क्रिकेट विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं जो भारत को गुयाना से जोड़ती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय-गुयाना समुदाय की भोजन संबंधी एक अनूठी परंपरा है, जिसमें भारतीय और गुयाना दोनों की मिली-जुली परम्परा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की दिवाली विशेष थी क्योंकि श्री राम लला 500 वर्षों के बाद अयोध्या लौटे थे। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को यह भी याद है कि गुयाना से पवित्र जल और शिलाएं भी अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए भेजी गई थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और गुयाना दोनों को अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है और वे विविधता को समायोजित करने के अलावा इन्हें उत्सव मनाने के रूप में देखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आज सुबह गुयाना की संसद को संबोधित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी होने के कारण उन्हें कैरेबियाई क्षेत्र के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस हुआ। श्री मोदी ने कहा कि हमारा साझा भविष्य है जिसे हम बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि साथ मिलकर हमने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए काम किया है। आज दोनों देश ऊर्जा से उद्यम, आयुर्वेद से कृषि, बुनियादी ढांचे से नवाचार, स्वास्थ्य सेवा से मानव संसाधन और डेटा से विकास तक हमारे सहयोग के दायरे को व्यापक बनाने पर सहमत हुए हैं और यह साझेदारी व्यापक क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रदूत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत-गुयाना समुदाय को दोहरा सौभाग्य प्राप्त है क्योंकि गुयाना उनकी मातृभूमि है और भारत माता उनकी पैतृक भूमि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत अवसरों की भूमि है, तो उनमें से प्रत्येक हमारे दोनों देशों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को अगले वर्ष 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में अपने परिवार और मित्रों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि वे अयोध्या में राम मंदिर के भी दर्शन के लिए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को जनवरी में भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने और पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया।