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पीएम मोदी के आह्वान पर अब अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद का फर्क भूल चुकी है दुनिया

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अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर आतंकवादियों ने जिस तरीके से हमले किए उसने हर आम ओ खास को परेशान कर दिया। आतंक की आग से आहत कई देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की। देश में आतंकी हमले पहले भी होते रहे हैं, लेकिन इस बार जिस तरीके से विश्व के देशों ने इस घटना की निंदा की वो कुछ अलग है।

पीएम मोदी की नीति को मिल रहा समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा आतंक और आतंकवादियों को प्रश्रय देने वालों पर कड़ा प्रहार करते हैं। पीएम मोदी हर तरह के आतंकवाद के खात्मे की बात करते हैं, वे कहते हैं कि आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता है, आतंकवाद तो बस आतंकवाद होता है। अंतर्राष्ट्रीय जगत के सामने भारत की यही बात पहले अनसुनी रह जाती थी, लेकिन अब भारत की बातों को दुनिया मानने लगी है और एक सुर में आतंक की निंदा कर रही है। आतंकवाद पर पीएम मोदी का यह अभियान रंग लाने लगा है। 

आतंक पर अमेरिका का साथ
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने हमले के दो दिन बाद जारी बयान में कहा, ”अमेरिका और भारत दुनिया के हर हिस्से में आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर जंग जारी रखेंगे।” स्पाइसर ने कहा, ”हम पीड़ित परिवारों और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।” वहीं भारत में अमेरिका के राजदूत ने ट्वीट कर घटना की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता पेश की।

आतंक पर पूरी दुनिया का समर्थन
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, नार्वे, कनाडा, ईरान जैसे देशों ने आतंक के खिलाफ एकजुटता का वादा भी किया है। सभी देशों ने एक सुर में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले की निंदा की। जाहिर है पीएम मोदी के प्रयासों से दुनिया अब यह समझने लगी है कि आतंकवाद को जड़ मूल से समाप्त करना ही पड़ेगा, वरना यह किसी भी देश को नहीं छोड़ेगा।

दक्षिण एशियाई देशों ने की निंदा
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और नेपाल ने हमले की कड़ी निंदा की। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की है और आतंकवाद से लड़ने में भारत के साथ मिलकर काम करने की बांग्लादेश की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, ”मैं जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस पर हुए कायराना आतंकी हमले के बारे में सुनकर बहुत स्तब्ध हूं जिसमें महिलाओं समेत सात यात्री मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। करीबी मित्र और पड़ोसी होने के नाते हम क्षेत्र और इससे परे इस समस्या को समाप्त करने के अपने साझा प्रयास में मिलकर काम करते रहेंगे।”

चीन-पाकिस्तान ने नहीं की निंदा
आतंक के मामले में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान अब आतंक की निंदा करने में भी परहेज कर रहा है, वहीं उसका दोस्त चीन ने भी अमरनाथ यात्रियों पर हमले की निंदा नहीं की। जाहिर है इस आतंकी हमले के तार भी पाकिस्तान से ही जुड़े हैं। जिन चार हिजबुल के आतंकियों की पहचान की गई है, उनमें दो पाकिस्तान के रहने वाले हैं। जबकि चीन सिक्किम की सीमा पर दबंगई करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत के जवाब से वो बौखला गया है।

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