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10 साल पहले अगर हमने ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस मंजिल पर पहुंचना असंभव था- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 10 साल पहले अगर हमने ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस मंजिल पर पहुंचना असंभव था। आज, 28 अक्टूबर को गुजरात के वडोदरा में स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के साथ संयुक्त रूप से टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सी-295 विमान का कारखाना नए भारत की नई कार्य संस्कृति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भारत में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम नई ऊंचाइयां छू रहा है। 10 साल पहले अगर हमने ठोस कदम नहीं उठाए होते तो आज इस मंजिल पर पहुंचना असंभव ही था। तब तो कोई ये कल्पना भी नहीं कर पाता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग हो सकती है। उस समय की प्रायोरिटी और पहचान, दोनों इंपोर्ट की ही थी। लेकिन हमने नए रास्ते पर चलना तय किया, अपने लिए नए लक्ष्य तय किए। और आज इसका नतीजा हम देख रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘ये फैक्ट्री, भारत-स्पेन संबंधों को मजबूती देने के साथ ही, मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड इस मिशन को भी सशक्त करने वाली है। उन्होंने कहा कि सी 295 एयरक्राफ्ट की ये फैक्ट्री, नए भारत के नए वर्क कल्चर को उसको भी रिफ्लेक्ट करती है। आज किसी भी योजना के आइडिया से लेकर एग्ज़ीक्यूशन तक, भारत किस स्पीड से काम कर रहा है, ये यहां दिखाई देता है। दो साल पहले अक्टूबर के ही महीने में इस फैक्ट्री का निर्माण शुरू हुआ था। आज अक्टूबर महीने में ही, ये फैक्ट्री अब एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन के लिए तैयार है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेरा हमेशा से ये फोकस रहा है कि प्लानिंग और एग्ज़ीक्यूशन में अनावश्यक की देरी ना हो। जब मैं गुजरात का सीएम था, तब यहीं वडोदरा में ही बॉम्बार्डियर ट्रेन कोच बनाने के लिए फैक्ट्री लगाने का फैसला हुआ था। इस फैक्ट्री को भी रिकॉर्ड समय के भीतर ही प्रोडक्शन के लिए तैयार किया गया था। आज उस फैक्ट्री में बने मेट्रो कोच हम दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में इस एयरक्राफ्ट फैक्ट्री में बने विमान, दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट किए जाएंगे।’

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘ किसी भी Possibility को Prosperity में बदलने के लिए, राइट प्लान और राइट पार्टनरशिप जरूरी है। भारत के डिफेंस सेक्टर का कायाकल्प, राइट प्लान और राइट पार्टनरशिप का उदाहरण है। बीते दशक में देश ने ऐसे अनेक ऐसे फैसले लिए, जिससे भारत में एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास हुआ। हमने डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को विस्तार दिया, पब्लिक सेक्टर को सक्षम बनाया, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ को सात बड़ी कंपनियों में बदला, डीआरडीओ और एचएएल को सशक्त किया, यूपी और तमिलनाडु में दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बनाए, ऐसे अनेक निर्णयों ने डिफेंस सेक्टर को नई ऊर्जा से भर दिया। iDEX यानि Innovation for Defence Excellence जैसी स्कीमों ने स्टार्ट अप्स को गति दी, बीते 5-6 सालों में ही भारत में करीब 1000 नए डिफेंस स्टार्ट अप्स बने हैं। बीते 10 वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना बढ़ा है। आज हम दुनिया के 100 से अधिक देशों को डिफेंस इक्विपमेंट्स एक्सपोर्ट कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज हम भारत में स्किल्स और जॉब क्रिएशन पर बहुत अधिक फोकस कर रहे हैं। एयरबस और टाटा की इस फैक्ट्रीसे भी भारत में हजारों रोजगार का निर्माण होगा। हम आज भी दुनिया की बड़ी एयरक्राफ्ट कंपनियों के लिए पार्ट्स के बड़े सप्लायर्स में से एक हैं। इस नई एयरक्राफ्ट फैक्ट्री से भारत में नई स्किल्स को, नए उद्योगों को बहुत बल मिलेगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ये इकोसिस्टम भविष्य में मेड इन इंडिया सिविल एयरक्राफ्ट का रास्ता भी बनाएगा। आप जानते हैं कि अलग-अलग भारतीय एयरलाइन्स ने 1200 नए एयरक्राफ्ट का खरीदने का ऑर्डर दिया दुनिया को। अब शायद दुनिया की कंपनी, किसी और देश का ऑर्डर ही नहीं ले पाएगी यानि भविष्य में भारत और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिविल एयरक्राफ्ट की डिजायन से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक इस फैक्ट्री की बड़ी भूमिका होने वाली है।’

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