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पीएम मोदी ने मन की बात में लोगों को दिया ‘दो गज दूरी, बहुत है जरूरी’ का मंत्र, लॉकडाउन में सहयोग के लिए जताया आभार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक बार फिर रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से जंग में सहयोग के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों का नजरिया बदला है। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों-इतना ही नहीं, हमारी पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को एक मंत्र भी दिया- ‘दो गज दूरी, बहुत है जरूरी।’ आइए जानते हैं पीएम मोदी ने मन की बात में क्या-क्या बातें कहीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात शुरू करते ही कहा कि इस मन की बात के लिए लोगों के बहुत सारे सुझाव और फोन आए, जो पहले की तुलना में कई गुना अधिक हैं। इनसे कई ऐसी बातें पता चलीं, जिन पर ध्यान नहीं जा पाता। उन्होंने कहा कि जनता कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है। सरकार भी जनता की मदद से ही कोरोना के खिलाफ लड़ पा रही है। पूरा देश हर नागरिक इस लड़ाई का सिपाही है। जहां भी नजर डालें लोग कोरोना से लड़ते दिख जाते हैं। जब भविष्य में इसकी चर्चा होगी तो भारत के लोगों का जिक्र जरूर होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीज़ों ने जिन भावनाओं को जन्म दिया। इस जज्बे से देशवासियों ने कुछ-न-कुछ करने की ठान ली, हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। हमारे किसान भाई-बहन को ही देखिये, वो इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भूखा ना सोये।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाया गया है। देशभर से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने अध्यादेश पर अपना संतोष व्यक्त किया है। इस अध्यादेश में, कोरोना warriors के साथ हिंसा, उत्पीड़न और उन्हें किसी रूप में चोट पहुचाने वालों के खिलाफ़ बेहद सख्त़ सज़ा का प्रावधान किया गया है। हमारे डॉक्टर, Nurses , para-medical staff, Community Health Workers और ऐसे सभी लोग, जो देश को ‘कोरोना-मुक्त’ बनाने में दिन-रात जुटे हुए हैं,उनकी रक्षा करने के लिए ये कदम बहुत ज़रुरी था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे करोड़ों लोगों का गैस सब्सिडी छोड़ना हो, लाखों सीनियर सिटिजन का रेलवे सब्सिडी छोड़ना हो, स्वच्छ भारत अभियान का नेतृत्व लेना हो, टॉयलेट बनाने हो, ऐसी अनगिनत बातें है। इन सारी बातों से पता चलता है कि हम सबको, एक मन, एक मजबूत धागे में पिरो दिया है। एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। सब देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे, भारत में एक नए बदलाव की शुरुआत भी हुई है। हमारे बिजनेस, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारे मेडिकल सेक्टर, हर कोई, तेजी से नए तकनीकी बदलावों की तरफ बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे देश में गली मोहल्लों में, जगह जगह पर आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। गरीबों के लिए खाने से लेकर राशन की व्यवस्था हो लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्वीपमेंट का देश में निर्माण हो-आज पूरा देश एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ साथ चल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही मायने में people driven है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है और लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब देश एक टीम बन करके काम करता है, तब क्या कुछ होता है – ये हम अनुभव कर रहे हैं। आज केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर विभाग और संस्थान राहत के लिए मिल-जुल करके पूरी रफ्तार में काम रहे हैं।

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि थूकने की आदत खराब है, ये सब जानते थे, लेकिन ये बदल नहीं रहा था। अब इसे खत्म करने का समय आ चुका है। ये बुरी आदत है, जिसे छोड़ देना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि अक्षय तृतीया भी इसी दौरान है। अक्षय यानी कभी ना खत्म होने वाला। चाहे कितनी भी बीमारियां आएं, उनसे लड़ने और जूझने की भावना अक्षय रखनी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब जब पूरे विश्व में कोरोना की मुसीबत आ ही गई है तो हमारे सामने अवसर है इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनायें। उन्होंने विश्वास जताया कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ़ चल रही इस लड़ाई को लोग मज़बूत करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों पर, बाज़ारों में, मोहल्लों में, physical distancing के नियमों का पालन अभी बहुत आवश्यक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने उन सभी Community leaders के प्रति भी आभार प्रकट किया जो दो गज दूरी और घर से बाहर नहीं निकलने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाक़ई कोरोना ने इस बार भारत समेत, दुनिया-भर में त्योहारों को मनाने का स्वरुप ही बदल दिया है, रंग-रूप बदल दिए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात खत्म करने से पहले कहा कि ऐसा विचार बिल्कुल ना पालें कि आपके शहर या गांव में कोरोना नहीं पहुंचा है तो कभी पहुंच भी नहीं सकता। दुनिया का अनुभव बहुत कुछ कह रहा है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। वह बोले कि पूर्जवों ने कहा है कि हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी मौका पाते ही खतरनाक बन जाती है, इसलिए पूरा उपचार जरूरी है, अति उत्साह में कोई लापरवाही ना करें।

 

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