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मार्शल अर्जन सिंह से मिलने अस्पताल पहुंचे पीएम मोदी, लोगों ने कांग्रेस को सुनाई खरी खोटी

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1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व वायु सेना प्रमुख मार्शल अर्जन सिंह की हालात नाजुक है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि मार्शल अर्जन सिंह को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा। उसके बाद उन्हें आर्मी हॉस्पिटल आर एंड आर में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। सेना का सम्मान करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण वीर सेनानायक से मिलने अस्पताल पहुंचे।

मार्शल अर्जन सिंह के परिवार से मिले पीएम
पीएम ने कहा, ‘मैं आरएंडआर हॉस्पिटल भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को देखने गया था। वह गंभीर रूप से बीमार हैं। मैं उनके परिवार के सदस्यों से भी मिला।’ पीएम ने कहा, ‘हम सभी उनके जल्द ठीक हो जाने की कामना कर रहे हैं. डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।’

सेना के प्रति संवेदना को देख पीएम की हो रही तारीफ
सेना के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्यार, सम्मान और संवेदना जगजाहिर है। उन्हें जब भी मौका मिलता है सेना के सम्मान की बात करते हैं और सेना के सम्मान का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। चाहे वह दीपावली की रात सैनिकों के साथ उत्सव मनाने की हो या देशवासियों से सैनिकों के नाम पत्र लिखने के लिए #sandeshtosolider का अभियान चलाने की बात हो,
चार दशक से लंबित वन रैंक वन पैंशन की मंजूरी की बात हो।

लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात में भी प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया था कि जहां भी सैनिक दिखें, उनका सम्मान करें, उनके स्वागत में ताली बजाएं। प्रधानमंत्री केवल सैनिक का सम्मान करने ही नहीं कहते, वह स्वयं सेना का सम्मान उतनी ही संजीदगी के साथ करते भी हैं। बीमार मार्शल अर्जन सिंह से अस्पताल आना उसका एक जीवंत और त्वरित उदाहरण है।

कांग्रेस को खरी-खोटी
इसको लेकर देशवासी पीएम नरेंद्र मोदी की बड़ाई कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस को खरी खोटी भी सुना रहे हैं। देशवासी ऐसा क्यों कर रहे हैं, वह उनकी टिप्पणी से ही पता चलता है। आप भी देशवासियों ने क्या टिप्पणी की है –

फाइव स्टार रैंक के वायु सेना के पहले सैन्य अधिकारी
भारतीय सेना के लिए मिसाल माने जाने वाले सिंह ने 1965 में सबसे युवा वायु सेना प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। उस समय उनकी आयु महज 44 वर्ष थी। 98 वर्षीय श्री सिंह पांच स्टार पाने वाले भारतीय वायु सेना के एकमात्र अधिकारी हैं। भारतीय सेना में अब तक सिर्फ तीन लोगों को फाइव स्टार रैंक मिली है। अर्जन सिंह उनमें से एक हैं। अर्जन सिंह के अलावा फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा और फील्ड मार्शल सैम मानेक शा को यह सम्मान मिला है।

भारतीय वायुसेना के सितारे ‘अर्जन सिंह’
अर्जन सिंह का जन्म पंजाब के ल्यालपुर में 15 अप्रैल 1919 को हुआ था, जो अब पाकिस्तान के फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है. उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अर्जन सिंह 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक चीफ ऑफ एयर स्टाफ रहे। 1965 की लड़ाई में अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए उन्हें एयर चीफ मार्शल के पद पर प्रमोट किया गया। पाकिस्तान ने 1965 में ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया जिसमें उसने अखनूर शहर को निशाना बनाया, तब सिंह ने साहस, प्रतिबद्धता और पेशेवर दक्षता के साथ भारतीय वायु सेना का नेतृत्व किया।

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