इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं? यकीन नहीं होता तो इस बार की इंडिया टुडे पत्रिका देखिए। इसमें भारत के 70 विजनरिज का जिक्र करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री के खिलाफ एजेंडा तैयार किया गया है। पत्रिका में राजीव गांधी के बारे में दी गई जानकारी मणिशंकर अय्यर ने लिखी है। वह IFS की सेवा छोड़कर राजीव गांधी की राजनीतिक चाटुकारिता पर उतर पड़े थे।
इस लिस्ट में मनमोहन सिंह को भी विजनरी बताया गया है और इसकी समीक्षा की है मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने। मोंटेक उस प्लानिंग कमीशन के 10 साल तक उपाध्यक्ष रहे हैं, जिसके मनमोहन सिंह अध्यक्ष थे। जरा सोचिए मोंटेक किस प्रकार मनमोहन सिंह की समीक्षा करेंगे।
अब जरा इंडिया टुडे की शर्मनाक पत्रकारिता भी देख लीजिए। इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विजनरिज की लिस्ट में तो रखा है, लेकिन इसकी समीक्षा करवाई है विवादित पत्रकार राजदीप सरदेसाई से, जो खुले तौर पर पिछले डेढ़ दशक से प्रधानमंत्री के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। सवाल यह है कि क्या राजदीप प्रधानमंत्री की सही समीक्षा कर पाएंगे। सच तो यह है कि राजदीप ने प्रधानमंत्री की दर्जनों सबसे सफल योजनाओं में से किसी का भी कभी जिक्र नहीं किया है। यहीं आकर इंडिया टुडे के मालिक अरुण पुरी की पोल खुल जाती है। राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की समीक्षा उनके अंधसमर्थकों से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा नफरत फैलाने वाले पत्रकारों से…देखिए इस वीडियो में-