Home समाचार पीएम मोदी का मूल चिंतन और जीवन दर्शन है देश सेवा

पीएम मोदी का मूल चिंतन और जीवन दर्शन है देश सेवा

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी अपने दमदार व्यक्तित्व और शानदार प्रतिनिधित्व के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमिट छाप छोड़ चुके हैं। हिम्मत, शक्ति, पराक्रम, दृढनिश्चयता, निर्भयता, उदारता और उत्साह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनेलिटी की बड़ी विशेषताएं हैं। उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण और सच्चाई से भरा पूरा है। दरअसल उनके लिए सादगी और सच्चाई केवल शब्द भर नहीं, बल्कि जीवन दर्शन है। आज यानि 17 सितंबर को पीएम मोदी 67 वर्ष के हो गए। देश दुनिया में उनके जन्मदिवस की विशेष आयोजन हो रहे हैं, लेकिन वे स्वयं अपने जन्म दिवस को देश के स्वाभिमान से जोड़कर देखते रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन सादगी के साथ मनाते हैं और प्राय: हर साल वो अपनी मां हीरा बा से आशीर्वाद लेने जरूर जाते हैं।

  • साल 2011- जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो और उन्होंने 61वां जन्मदिन मनाया था और इस दिन को सद्भावना उपवास किया था और अपनी मां का आशीर्वाद भी लिया था।

  • साल 2012 –62वें जन्मदिन पर वो विवेकानंद युवा विकास यात्रा में व्यस्त थे। लेकिन इस व्यस्त कार्यक्रम से थोड़ी देर का ब्रेक लिया था और अपनी मां के पास पहुंचकर आशीर्वाद लिया।
  • साल 2013- 63वें जन्मदिन पर भी वो अपनी मां से आशीर्वाद लेने पहुंचे। इस साल भाजपा ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

  • साल 2014- देश के प्रधानमंत्री बने और अपने 64वें जन्मदिन पर भी वो अपनी मां से आशीर्वाद लेने पहुंचे और इस दिन उनकी मां ने उनको जन्मदिन के उपहार में 5 हजार रुपये दिए और कहा कि इन रुपयों को जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ पीड़ित लोगों को दान कर दें। इसी दिन शाम को चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी की थी।
  • साल 2015 – वे मां हीरा बा के पास नहीं जा पाए थे। इसके बजाय वे राजपथ पर 1965 युद्ध की प्रदर्शनी ‘शौर्यांजलि’में गए थे। यह प्रदर्शनी 1965 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर लगाई गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदर्शनी में पहुंचकर बारीकी से उसका जायजा लिया । प्रधानमंत्री ने इस दिन सेना की वर्दी पहने और हाथों में हथियार थामे एक सिपाही के पुतले के पीछे खड़े होकर फोटो खिंचवाईं थी।
  • साल 2016- पीएम मोदी ने पहले मां का आशीर्वाद लिया और गुजरात के नवसारी में आदिवासियों के बीच अपना 66 वां जन्मदिन मनाया। इसके अलावा गुजरात के सूखा प्रभावित क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

एक ओर पीएम मोदी जहां अपना जन्मदिन सादगी के साथ देशहित के कार्य करते हुए मनाते हैं वहीं विपक्ष के कई नेताओं की इस दिन मौज होती है। राहुल गांधी, मायावती, मुलायम सिंह या फिर लालू प्रसाद… सब के सब जनता से लूटे पैसों का खूब तमाशा करते हैं। दरअसल देश में नेताओं की ऐसी फौज है जो सत्ता और राजनीतिक रसूख को दिखाने के लिए अपने जन्मदिन का इस्तेमाल करते हैं।

कांग्रेस के युवराज को देश नहीं, पसंद है विदेश
राहुल गांधी 2004 से लेकर 2014 तक अपना जन्मदिन विदेश में मनाते रहे हैं। लेकिन इस दौरान वे क्या करते हैं, कहां जाते हैं, किनसे मिलते हैं ये शायद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को भी नहीं पता है। इस बात की चर्चा कई बार संसद की कार्यवाही में भी उठ चुकी है। दरअसल कांग्रेस के युवराज ही नहीं कई अन्य नेता भी अपना जन्मदिन विदेश में मनाना पसंद करते हैं।

राहुल गांधी का विदेश में जन्मदिन के लिए चित्र परिणाम
नोटों की माला पहन जन्मदिन मनाती हैं मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती यूं तो खुद को वंचित वर्ग का बताती हैं लेकिन उनकी हसरत करोड़ों-अरबों रुपये के नोटों में गोते लगाने की है। उनके जन्मदिन तो इस बात की तस्दीक करते हैं कि मायावती के एक बार नोटों से बनी माला पहनाई गई थी। एक हजार रुपये के नोटों से बने इस माला की कीमत 25 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

75 फीट के केक के साथ मुलायम की अय्याशियां
लोहिया के शिष्य और समाजवाद के सबसे बड़े नेता कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव का 75वां जन्मदिन 21 नवंबर, 2014 को जिस तरह से रामपुर में मनाया गया उसने मायावती के जन्मदिन की भव्यता को बहुत पीछे छोड़ दिया। इंग्लैंड से विशेष रूप से मंगाई गई बग्घी और 75 फीट का केक काटा गया। अंग्रजों की तरह बग्घी पर बैठे और रोड शो किया।

गरीबों के नेता लालू को भाता है अंग्रेजी केक
लालू प्रसाद यादव खुद को गरीबों का सबसे बड़ा नेता बताते हैं लेकिन उनके जन्मदिन पर होने वाले आयोजनों को देखें  तो वे भी अंग्रेजीदां से कम नहीं। 69वें जन्मदिन पर 69 पाउंड का केक और 69 किलो लड्डू का चढ़ावा इसी बात की तस्दीक करते हैं। हालांकि वे 70 साल के हो चुके हैं। 

लालू यादव जन्मदिन के लिए चित्र परिणाम

Leave a Reply