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दुनिया जब चिंता में डूबी है, तब भारत आशा का संचार कर रहा है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज जब दुनिया चिंता में डूबी है तब भारत आशा का संचार कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी आज 21 अक्टूबर को नई दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि ‘दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच, भारत उम्मीद की एक किरण बना है। जब दुनिया चिंता में डूबी है, तब भारत आशा का संचार कर रहा है। और ऐसा नहीं है कि ग्लोबल सिचुएशंस से हमें फर्क नहीं पड़ता। चुनौतियां भारत के सामने भी हैं, लेकिन एक सेंस ऑफ पॉजिटिवटी यहां है, जिसको हम सभी फील कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज भारत हर सेक्टर में, हर क्षेत्र में जिस तेजी से काम कर रहा है, वो अभूतपूर्व है। भारत की स्पीड, भारत की स्केल, अनप्रेसिडेंटेड है। अभी हमारी सरकार के थर्ड टर्म के करीब सवा सौ दिन पूरे हुए हैं। इसमें गरीबों के लिए 3 करोड़ नए पक्के घरों को मंजूरी मिली है। 9 लाख करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। 15 नई वंदेभारत ट्रेनें चलाई हैं, 8 नए एयरपोर्ट्स के काम का शुभारंभ हुआ है। युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है। किसानों के बैंक खातों में 21 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए हैं। 70 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिए 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘आज भारत में इतना कुछ हो रहा है। हमारे तीसरे टर्म में जो गति भारत ने पकड़ी है उसे देखकर बहुत सी रेटिंग एजेंसीज ने भारत का ग्रोथ अनुमान और बढ़ा दिया है। यहां मार्क मोबियस जैसे पारखी एक्सपर्ट्स मौजूद हैं। वो जिस प्रकार भारत में होने वाले इन्वेस्टमेंट्स को लेकर उत्साहित हैं, उसका बहुत महत्व है। जब वो ग्लोबल फंड्स को कहते हैं कि अपना कम से कम फिफ्टी परसेंट फंड, भारत के शेयर बाजार में निवेश करें तो इसका एक बड़ा मतलब है, मैसेज है।

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारत आज एक विकासशील देश भी है और उभरती हुई शक्ति भी है। हम गरीबी की चुनौतियां भी समझते हैं और प्रगति का रास्ता बनाना भी जानते हैं। हमारी सरकार तेजी से नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है और नए रिफॉर्म कर रही है। आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। इस युवा देश का पोटेंशियल हमें आसमान की ऊंचाई पर पहुंचा सकता है।
और इसके लिए अभी बहुत कुछ करना है। बहुत तेजी से करना है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज भारत की सोच और अप्रोच में जो बदलाव आया है, उसे आप भी जरूर नोटिस कर रहे होंगे। आमतौर पर सरकारें पिछली सरकारों के काम से तुलना करती हैं। ये सोचकर ही संतोष करती हैं कि चलो पिछली सरकार से हमने बेहतर किया है। भारत अब इस अप्रोच को भी बदल रहा है। अब सफलता का मापदंड सिर्फ ये नहीं है कि हमने क्या पाया। अब हमारा आगे क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है, हम उस ओर देख रहे हैं। अब भारत फॉरवर्ड लुकिंग सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। 2047 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के पास एक और एडवांटेज है, जो इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये AI का दौर है। दुनिया का वर्तमान और भविष्य, AI से जुड़ा हुआ है। लेकिन भारत के पास डबल AI पावर की एडवांटेज है। आप सोच रहे होंगे कि दुनिया के पास एक ही एआई है मोदी के पास दूसरी एआई कहां से आ गई। दुनिया की नजर में एक ही AI है, वो है …Artificial Intelligence…और दूसरी AI…Aspirational India… जब Aspirational India और Artificial Intelligence की ताकत मिलती है, तब विकास की गति भी तेज़ होनी स्वाभाविक है।

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