सीमापार आतंकवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। पठानकोट और उरी हमले के बाद से वह लगातार एक्शन मोड में हैं। पाकिस्तान को वैश्विक मंच से अलग-थलग करने के कूटनीतिक प्रयास का नतीजा है कि इस्लामाबाद सहम गया है।
तहरीक-ए-आजादी पर लगाया प्रतिबंध
पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से मुंबई हमले और पठानकोट हमले के आरोपी हाफिज सईद के आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के नए छद्म संगठन ‘तहरीक-ए-आजादी जम्मू कश्मीर’ पर प्रतिबंध लगा दिया। लाहौर में सईद को 90 दिन के लिए नजरबंद किए जाने के बाद पांच फरवरी को कश्मीर दिवस पर पूरे पाकिस्तान में बैनर लहराने और कश्मीर की आजादी के समर्थन में रैलियां करने पर जमात-उद-दावा के एक नए छद्म संगठन के तौर पर पहचान हुई थी। अमेरीकी दबाव में पहले से ही हाफिज सईज नजरबंद है।
Islamabad: High-level meeting discussing important foreign affairs issues https://t.co/4f42R8oiSF
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) June 30, 2017
विदेश नीति के शीर्ष अधिकारियों के साथ शरीफ की बैठक
आतंकवाद और उसके वित्त पोषण पर रोक लगाने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बीच आनन-फानन में पाकिस्तान सरकार ने 30 जून को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विदेश नीति के शीर्ष अधिकारियों की इस उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। शरीफ को विदेश मामलों से जुड़े अहम मुद्दों के बारे में बताया गया। इसमें भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंधों से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। बैठक में वित्त मंत्री इसहाक डार और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने शिरकत की। बैठक में पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर चर्चा की गई।
सलाहुद्दीन वैश्विक आतंकी घोषित
अमेरिका दौरा पर वाशिंगटन पहुंचने से कुछ घंटे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया। सैयद सलाहुद्दीन कश्मीर का रहने वाला भारतीय है जो कुछ वर्षों से पाकिस्तान में रहकर कश्मीर में आतंक फैलाने का काम करता है। उसके आतंकी शिविर पाक अधिकृत कश्मीर में है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी कश्मीरी को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया है। इस घोषणा के बाद पाकिस्तान का चेहरा आतंकवाद के मुद्दे पर फिर से बेनकाब हुआ है।