प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना भारत को शोध, शिक्षण और ज्ञान का केंद्र बनाने के प्रयासों को मजबूत करेगी। मंगलवार 26 नवंबर को सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना अंतःविषय अध्ययन (interdisciplinary studies) को भी प्रोत्साहित करेगी।
इसके पहले सोमवार, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक सदस्यता’ यानी ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दी गई। इसका मकसद दुनियाभर के विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशन तक देशव्यापी पहुंच प्रदान करना है। इस योजना को एक सरल, यूजर- फ्रेंडली और पूरी तरह से डिजिटल प्रोसेस से संचालित किया जाएगा। यह योजना केंद्र सरकार के सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रयोगशालाओं में ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ की सुविधा प्रदान करेगी।
इस योजना में साल 2025, 2026 और 2027 के लिए 6,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह योजना गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक युवाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा की गई पहलों को और आगे बढ़ाएगी। यह योजना अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के साथ सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शोध संस्थानों और R&D लैब में अनुसंधान व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) पहल की पूरक होगी।
इस योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं। जिससे देश भर के करीब 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता इस एक राष्ट्र, एक सदस्यता योजना का लाभ उठा सकेंगे।
यह योजना विकसित भारत 2047, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के लक्ष्यों के अनुरूप है। यह पहल टियर 2 और टियर 3 शहरों के साथ सभी विषयों के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की विद्वानों की पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करेगी। उच्च शिक्षा विभाग के पास वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के नाम से एक एकीकृत पोर्टल होगा, जिसके माध्यम से संस्थान पत्रिकाओं तक पहुंच सकेंगे। एएनआरएफ समय-समय पर इस योजना के उपयोग और इन संस्थानों के भारतीय लेखकों के प्रकाशनों की समीक्षा करेगा।
देशभर में इस सुविधा का बेहतर उपयोग हो सके इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य मंत्रालय छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन की उपलब्धता और पहुंच के तरीके के बारे में अभियान चलाएंगे। राज्यों से इस बारे में अभियान चलाने के लिए कहा जाएगा जिससे सभी सरकारी संस्थानों के छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता ज्यादा से ज्यादा इस योजना का लाभ उठा सके।
#CabinetDecisions: The Union Cabinet has approved One Nation One Subscription (ONOS), a Central Sector Scheme aimed at providing nationwide access to high-impact scholarly research articles and journal publications. This initiative seeks to democratize access to academic and… pic.twitter.com/JrpAoTakjG
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) November 25, 2024