कांग्रेस के करीबी सीनियर पक्षकार ओम थानवी ने पत्रकारिता को सत्ता के खेल का हथियार बना लिया है। लेकिन ओम थानवी की कांग्रेसी चमचई को युवा पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर बेपर्दा कर दिया। असल में टीवी9 भारतवर्ष के प्रबंध संपादक संत प्रसाद राय ने पत्रकारिता पर एक बहस के बारे में ट्वीट किया। इस पर जनसत्ता के पू्र्व संपादक ओम थानवी ज्ञान देने लगे। फिर क्या था उनकी चारण पत्रकारिता पर युवा पत्रकारों ने क्लास लगा दी।
जफ़ाएँ कर के अपनी याद शरमा जाए है मुझ से https://t.co/cMuZ92P8z8
— Om Thanvi (@omthanvi) November 30, 2020
बुझ चुकी आग मगर अब भी जलन बाक़ी है
मेरी आँखों में शब-ए-ग़म की चुभन बाक़ी है .. https://t.co/hbAcxftO1J— Nishant Chaturvedi (@nishantchat) November 30, 2020
वाह निशांत भाई @nishantchat क्या शायराना अंदाज़ में ठोंका है आपने, अशोक गहलोत की कृपा से राजस्थान हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति बनकर ‘भक्तिकालीन’ पत्रकारिता का Provident Fund खा रहे थानवी जी @omthanvi को पहले ये केजरीवाल सरकार की ‘विज्ञापन’ कमेटी के चेयरमैन थे ☺️ pic.twitter.com/dksfzE1Gnu
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) November 30, 2020
Hahahaha ? बीजेपी सरकार में ये सब नहीं मिलता होगा इन लोगो को
— . (@yubv123) November 30, 2020
@omthanvi जी को उम्मीद नही थी कि अदब की भाषा मे इतना करारा जवाब मिल जाएगा। ये बहुत ज़रूरी है और समय की मांग भी है कि नकाब उतारे जायें और आइना तैयार रखा जाए ? https://t.co/zoaPX0TelU
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) November 30, 2020
सर, लग तो ऐसा रहा है जैसे पूरी टीम ने आज का ट्विटर एजंडा चुन लिया है, अब तो @omthanvi जी के धागे उधेड़कर ही मानोगे आप सब! ????
— Atul Tiwari (@AtulTiwari90) November 30, 2020
ऐसे पत्रकार , बुद्धिजीवियों की ही शामत आयी है , जो देश क़ो समस्याओं से मुक्त नहीं होना देना चाहते । क्योंकि इन्हें बौद्धिक कौन मानेगा , दुकान कैसे चलेगी।
— Kuldeep Singh Bhadauriya (@DrKdsinghyogi) November 30, 2020
ये लोग अब irrelevant ho चूके है।कोई नी पूछता इनको ।
इस luteyns’ गैंग को। ट्विटर पर टाइम पास करते बस।— . (@yubv123) November 30, 2020
@omthanvi महोदय अगर बुराई हमारे अंदर है तो साफ़ भी (दूर) हमें ही करना होगा:उसके लिए #इटली या #अमेरिका से किसी को आयात करने की जरूरत नहीं:
“निंदक नियरे राखिए,आँगन कुटी छबाय।”
जरा इन दोहा पर भी आत्ममंथन की जरूरत है’ https://t.co/C030AdSBxs— Kumar Prakash (@Kumarprakash81) November 30, 2020