पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू या तो कांग्रेस की स्वयंभू अध्यक्ष सोनिया गांधी को हाईकमान मानते नहीं है या फिर सिद्धू को सोनिया की कोई परवाह नहीं है। अपनी ही धारा में बह रहे सिद्धू ने सोनिया गांधी को एक बार फिर चुनौती दे डाली। पंजाब कांग्रेस का सीएम फेस कौन होगा ? इस सवाल पर पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सीएम के बारे में कांग्रेस हाईकमान नहीं पंजाब के लोग तय करेंगे। सिद्धू ने कांग्रेस के चुनाव मेनिफेस्टो से पहले अपना पंजाब मॉडल लॉन्च कर दिया। यही नहीं, सिद्धू ने कांग्रेस को यह चेतावनी भी दे डाली कि इसी पर उनका राजनीतिक फ्यूचर निर्भर है। वह कोई समझौता नहीं करेंगे। सिद्धू ने कहा कि वह ऐसी बातें करते रहेंगे, उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है।पंजाब मॉडल से चन्नी का फोटो गायब, सिद्धू ने निशाना भी साधा
खास बात यह भी है कि सिद्धू के पंजाब मॉडल वाले पोस्टर से सीएम चरणजीत चन्नी की फोटो गायब रही। सिर्फ सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी ही इसमें नजर आ रहे हैं। सिद्धू ने यह तक कह दिया कि पंजाब किसी एक का नहीं है। सिद्धू ने सीएम चरणजीत चन्नी पर भी निशाना साधा। सिद्धू ने कहा कि वे कह देते हैं कि केबल सस्ती कर देंगे, लेकिन किया कुछ नहीं। चन्नी ने 100 रुपए केबल देने का ऐलान किया था। सिद्धू यहीं नहीं रुके। सिद्धू ने कहा कि टीवी पर हर कोई लाइव होगा। ऐसा नहीं होगा कि विधानसभा में एक बोलता है तो उसे दिखाते हैं और जब दूसरा बोले तो बत्ती गुल कर देते हैं।
पानी सबसे बड़ा खजाना है, अगला वर्ल्ड वार इसी पर होगा
पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने स्पष्ट कहा कि हम पंजाब माडल लेकर आए हैं। इसी माडल के आधार पर लोग विधायकों को चुने जाएंगे। अगले पांच वर्ष पंजाब माडल पर सरकार चलेगी। मेरा भविष्य भी पंजाब माडल पर टिका है। यह पूछे जाने पर कि पंजाब माडल में भूजल, पानी व पर्यावरण को बचाने के लिए क्या माडल है। इस पर सिद्धू ने कहा कि पानी सबसे बड़ा खजाना है। अगला वर्ल्ड वार इसी पर होगा। इन मुद्दों पर उनके पंजाब माडल में पूरी चर्चा होगी। इस पर हम बाबा नानक के फलसफे पर चलेंगे।
पंजाब मॉडल में मुफ्त के लालीपाप सिर्फ जरूरतमंदों को ही मिलेंगे
पंजाब की जनता के लिए मुफ्त के लालीपाप क्या पंजाब माडल में बंद होंगे। इस पर सिद्धू ने कहा कि सब्सिडी जरूरी हैं, लेकिन जरूरतमंदों के लिए। पंजाब में हम इंडस्ट्री को सस्ती बिजली दे रहे हैं। किसानों को मुफ्त बिजली दिल्ली की तुलना में किसानों को मुफ्त बिजली मिल रही है। पंजाब माडल पर चर्चा करते हुए सिद्धू ने कहा कि इसे पार्टी के घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाएगा। सिद्धू के पंजाब माडल में लीकर कार्पोरेशन बनाना, माइनिंग कारपोरेशन, केबल रेगुलेटर कमीशन, ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बनाना शामिल होगा।
सोनिया की नसीहतों की पहले भी सिद्धू उड़ा चुके हैं धज्जियां
नवजोत सिंह सिद्धू इससे पहले भी पार्टी की पूर्णकालिक ‘स्वयंभू’ अध्यक्ष बनीं सोनिया गांधी की नसीहतों की धज्जियां उड़ा चुके हैं। सिद्धू ने मीडिया के जरिए संवाद न करने की सख्त चेतावनी को खुलेआम चैलेंज कर दिया। नवजोत ने सोनिया की सीख को दरकिनार करते हुए न सिर्फ पार्टी अध्यक्ष को चिठ्ठी भेजी, बल्कि इसे ट्वीटर पर साझा भी कर दिया। उन्होंने लगभग चेतावनी भरे लहजे में लिखा है कि पंजाब में कांग्रेस के पुनरुद्धार का यह आखिरी मौका है।
सोनिया का आंतरिक अनुशासन बनाने पर जोर, सिद्धू ट्वीटर पर सक्रिय
काफी लम्बे समय के बाद हाल ही में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी में आंतरिक अनुशासन बनाने पर जोर दिया और पार्टी में मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संवाद न करने की सख्त नसीहत दी। सिद्धू ने एक सप्ताह के अंदर ही इस नसीहत की धज्जियां उड़ा डालीं। सिद्धू ने सोनिया गांधी को भेजी चिठ्ठी जस की तस सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर साझा कर दी।
पहले भी बोला था चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर हमला
इससे पहले सिद्धू ने अपने 13 सूत्री एजेंडे में फिर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर हमला बोला था। सिद्धू ने आरोप लगाया कि चन्नी सरकार ने मंत्रिमंडल में पिछड़ी जातियों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ अनुसूचित जाति का सीएम बनाने से कुछ नहीं होगा, अनुसूचित जाति को सरकार में बराबर का प्रतिनिधित्व भी मिलना चाहिए।
कैप्टन ने कहा था-सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं है
सिद्धू को जानने वाले यह जानते हैं कि वह बड़बोले और विवादित व्यक्तित्व के है. विवादों से उनका गहरा नाता है. अपने बयानों, चुटकुलों और अजब-गजब कारनामों से सिद्धू हमेशा चर्चा के केंद्र में रहे हैं. या यह कहा जा सकता है कि सिद्धू चर्चा में रहने का गुर जानते हैं. सिद्धू के इस्तीफा देने पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनपर हमला बोला था। कैप्टन ने ट्वीट कर कहा कि मैंने तुमसे कहा था…वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब के सीमावर्ती राज्य के लिए उपयुक्त नहीं है.
- बयानवीर सिद्धू की फितरत है विवादों में रहना
नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में अमृतसर से लोकसभा पहुंचे थे. उन पर उस वक्त एक पुराना मुक़दमा चल रहा था। - उन्होंने कथित तौर पर पाटियाला गुरनाम सिंह को पार्किंग को लेकर हुए विवाद के दौरान पीटा। सिंह की अस्पताल में मौत हो गई।
- इस मामले में 2006 में सिद्धू को हाईकोर्ट ने तीन साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी। सिद्धू को तब अमृतसर के सांसद पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा।
- सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे अरुण जेटली ने सिद्धू की ओर से पैरवी की थी और सिद्धू को जमानत मिली थी।
- 2016 में सिद्धू राज्य सभा के सांसद बनाए गए, लेकिन उन्होंने तीन महीने बाद इस्तीफ़ा दे दिया।
- सिद्धू आम आदमी पार्टी का दामन थामने वाले थे, इस बीच 2017 के विधानसभा चुनावों से कुछ सप्ताह पूर्व कांग्रेस का दामन थाम लिया।
- 2017 में कांग्रेस पंजाब में सत्ता में आयी और सिद्धू कैबिनेट मंत्री बने। कुछ महीनों के बाद उन्होंने अमृतसर के मेयर चुनाव पर नाराज़गी जाहिर कर दी।
- 2018 में इमरान ख़ान पाक के प्रधानमंत्री बने। कैप्टन अमरिंदर ने सिद्धू से पाकिस्तान नहीं जाने की अपील की। लेकिन सिद्धू पाकिस्तान गए। यही नहीं पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले भी मिले।
- 2019 में कैप्टन सिंह ने कैबिनेट में बदलाव करते हुए सिद्धू का मंत्रिमंडल बदल दिया। इसके विरोध में सिद्धू ने पदभार ग्रहण किए बिना इस्तीफ़ा दे दिया।
- सिद्धू ने कई मुद्दों पर सरकार की आलोचना की। इन मामलों को देखने के लिए आलाकमान ने एक समिति बनायी।
- सिद्धू के कहने पर कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा ले लिया।