बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनके द्वारा देशहित में उठाये जा रहे कदमों की जमकर सराहना की है। हाल ही में बीजेपी के समर्थन से छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश के अनुसार देश में प्रधानमंत्री के पद के लिये इस समय पीएम मोदी का कोई विकल्प है ही नहीं। इसके साथ ही नीतीश ने धर्मनिरपेक्षता की आड़ में भ्रष्टाचार का समर्थन करने वाले नेताओं और पार्टियों की भी जमकर खिंचाई की है।
2019 में पीएम मोदी ही होंगे प्रधानमंत्री- नीतीश
छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी की बहुत प्रशंसा की है। एक सवाल के जवाब में नीतीश ने खुलकर कहा कि 2019 में भी पीएम मोदी ही प्रधानमंत्री होंगे, उनकी जगह कोई और उस कुर्सी पर काबिज नहीं होगा। नीतीश के अनुसार पीएम मोदी के व्यक्तित्व का कोई मुकाबला करे ऐसी क्षमता आज किसी के पास नहीं है।
#WATCH: #Bihar CM and JD(U) president #NitishKumar says “No one is capable of challenging Modi ji in 2019 LS elections”. pic.twitter.com/iDn0LPkMUX
— ANI (@ANI_news) July 31, 2017
पीएम मोदी जैसा कोई नहीं- नीतीश
सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और बेनामी संपत्ति का मामले को लेकर नीतीश ने एकबार फिर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा उठाये गए कदमों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि, मेरे ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी का समर्थन करने के कारण भी कई हमले हुए, लेकिन मैं शुरू से इसके साथ था। उनके अनुसार, गरीबों को अच्छा लगा कि बड़े लोगों पर कार्रवाई हो रही है। नीतीश के अनुसार 80 प्रतिशत लोगों के पास तो 1000-500 के नोट थे ही नहीं। उन्होंने ये बात फिर दोहराई कि वो शुरू से बेनामी संपत्ति पर कड़ाई के पक्ष में थे।
धर्मनरपेक्षता की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल
नीतीश कुमार ने लालू यादव पर सीधा हमला कर कहा कि, लोग धर्मनिरपेक्षता की आड़ में धन कमाने में लगे हुए, जिसे वो बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जब वो शुरू से बेनामी संपत्ति कानून के पक्ष में थे तो, उसके अनुसार होने वाली कार्रवाई का विरोध कैसे कर सकते थे? नीतीश ने साफ किया कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब ये नहीं कि इसके माध्यम से काली कमाई करने वालों को छोड़ दिया जाय। “मैंने तेजस्वी यादव से उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का तथ्यों के साथ जवाब देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इनकार कर दिया। इस बीच हमारे ऊपर कई आरोप लगाए गए। हम चुप रहे और गठबंधन धर्म को निभाने की कोशिश करते रहे। हालात ऐसे बने कि मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था।”