प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत लगातार बढ़ रही है। रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के कारण जहां भारत निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है, वहीं ‘मेक इन इंडिया’ परवान चढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही असर है कि अब तक हथियारों का आयात करने वाला भारत अब हथियारों का निर्यातक बन गया है। भारत स्पेस टेक्नोलॉजी और रक्षा के क्षेत्र में लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है।
स्पेस टेक्नोलॉजी
- भारत ने अंतरिक्ष में तीन सौ किलोमीटर दूर लो अर्थ ऑरबिट में लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की तकनीकी क्षमता हासिल की।
- इसरो ने 5 दिसंबर, 2018 को देश के सबसे वजनी उपग्रह जीसैट-11 को कक्षा में स्थापित किया।
- 23 जून, 2017 को 30 नैनो सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित किया गया।
- इसरो ने 28 अप्रैल, 2016 को सातवां नेविगेशन उपग्रह इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लॉन्च किया।
- भारत को अमेरिका के जीपीएस सिस्टम के समान अपना खुद का नेविगेशन सिस्टम मिला।
- अंतरग्रहीय मिशन मंगलयान ने 24 सितंबर, 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंच कर इतिहास रचा।
- भारत अपने पहले ही प्रयास में ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
मेक इन इंडिया की उड़ान
- एचएएल ने भारतीय सेना के लिए अपाचे जैसा युद्धक हेलिकॉप्टर बनाने के मेगा प्रॉजेक्ट पर काम शुरू किया।
- जनवरी 2020 में पीएम मोदी ने Advanced Technologies के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए 5 लैब्स का उद्घाटन किया।
- पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर, 2019 को गुजरात के केवड़िया में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन स्थल का उद्घाटन किया।
- भारत में ही करीब 45 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह पी-75 (आई) पनडुब्बियां बनाई जा रही है।
- सेना के जवानों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट बनाया गया हैं।
- अब दुनिया के सबसे घातक हथियारों में से एक क्लाश्निकोव राइफल एके 103 भारत में ही बनाया जा रहा है।
- एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो (TAL) शायना भारत की पहली घरेलू रूप से निर्मित लाइटवेट एंटी-सबमरीन टॉरपीडो है।
- मेक इन इंडिया के तहत निर्मित डॉर्नियर -228 स्क्वाड्रन INAS 313 को नौसेना में शामिल किया गया।
- 31 जनवरी, 2018 को भारत में निर्मित पनडुब्बी आईएनएस ‘करंज’ नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया।
- पीएम मोदी ने स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस ‘कलवरी’ को 14 दिसंबर, 2017 को लांच किया।
- पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘धनुष’ तोप को भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया गया है।
- पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया के तहत निर्मित युद्धक टैंक ‘के9 वज्र-टी’ सेना को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री मोदी टेक्नोलॉजी को ‘ईज ऑफ लिविंग’ का एक महत्वपूर्ण माध्यम मानते हैं। इसलिए उन्होंने टेक्नोलॉजी को सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, जल व पर्यावरण संरक्षण, सक्षम सरकारी तंत्र और पारदर्शिता का माध्यम बनाया है। विशेषतौर पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का एक व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है, ताकि सामान्य जन को और आसानी से सुविधाओं का लाभ मिल सके।
डिजिटल टेक्नोलॉजी
- मोदी सरकार ने MyGov पोर्टल और नरेंद्र मोदी मोबाइल एप लॉन्च किया।
- सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ‘उमंग’ और डिजिटल और कैशलेस लेनदेन के लिए ‘भीम’ एप लॉन्च किया।
- ग्राम पंचायतों के विकास के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप लॉन्च किया गया।
- मोदी सरकार ने JAM ट्रिनिटी का उपयोग करके लगभग 450 योजनाओं को डीबीटी से जोड़ा।
- डीबीटी के माध्यम से योजना की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है।
- मोदी सरकार ने एक 1.7 लाख करोड़ से अधिक रुपये गलत हाथों में जाने से बचाया।
- टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने के लिए अनेक बड़े कदम उठाए गए।
- 3.65 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से गांव-गांव में ऑनलाइन सेवाएं दी जा रही हैं।
- मोदी सरकार ने पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की शुरुआत की।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए मोदी सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टास्क फोर्स का गठन किया।
- मोदी सरकार ने टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों का ग्लोबल हब बनाने पर जोर दिया है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कृषि, परिवहन, हेल्थकेयर से लेकर मौसम विज्ञान में किया जा सकता है।
- सीमा सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मुवमेंट डिटेक्शन सिस्टम तैयार किया गया।
किसान और प्रौद्योगिकी
- किसान रथ एप किसान और व्यापारी के बीच एक चेन बनाएगी जिससे फसल की खरीद और बिक्री दोनों में आसानी होगी।
- किसानों को आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से जोड़ने के लिए सीएसआईआर ने किसान सभा एप शुरू किया।
- कृषि क्षेत्र में उपग्रह डेटा, जीआईएस और मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जैविक खेती को विकसित करने के लिए 45 प्रकार के जैविक खेती प्रणालियां तैयार की गई हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से फसल की लागत कम करने और किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिश हो रही है।
- देश के 1.65 करोड़ किसान एवं करीब 1.25 लाख व्यापारी e-NAM से जुड़ चुके हैं।
- सॉइल हेल्थ कार्ड से फसल के लिए जरूरी पोषक तत्त्वों और उर्वरको के बारे में जानकारी मिलती है।
- CSIR ने किसानों को जड़ी-बूटियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जेके अरोमा आरोग्य ग्राम परियोजना शुरू की।
एनर्जी टेक्नोलॉजी
- मोदी सरकार ने सोलर चरखा मिशन और नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया।
- 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा से 175 GW बिजली उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है।
- हरियाणा के गुरुग्राम में अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन सचिवालय की नींव रखी गई।
- राष्ट्रपति ने स्वदेशी उच्च तापमान ईंधन सेल प्रणाली का उद्घाटन किया।
- किफायती सोलर रिसीवर ट्यूब प्रौद्योगिकी और स्व-निगरानी वाला स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर विकसित किया गया।
- 24 करोड़ LED बल्ब का वितरण किया गया है। LED Affordable Sustainable Technology का उदाहरण बनी है।
- आपदा प्रबंधन के लिए पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल का विकास किया गया है।
साइबर टेक्नोलॉजी
- मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 में इंटरडिसिप्लनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स पर राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत को मंजूरी दी।
- इससे रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल डिजिटल, क्वांटम कॉम्यूनिकेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
- 2017 में आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा के लिए इंटरडिस्पिलनरी सेंटर की स्थापना की गई।
- यह भारत का पहला अपने तरह का शोध केंद्र है जिसे ऊर्जावान प्रोफेसर की निगरानी में तैयार किया गया है।
पर्यावरण प्रौद्योगिकी
- पीएम मोदी ने मथुरा में प्लास्टिक और कचरा अलग करने वाली मशीन का इस्तेमाल कर ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ का संदेश दिया।
- रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक बोतलों के निस्तारण के लिए मशीनें लगाई जा रही हैं।
- प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद ने वेस्ट टू वेल्थ मिशन को मंजूरी दी।
- चमड़े के निर्माण की प्रक्रिया प्रदूषण रहित बनाने के लिए इलेक्ट्रो-ऑक्सीकरण पर आधारित प्रौद्योगिकी विकसित की गई।
- कूड़ा प्रबंधन के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई।
- एआरएसआई के वैज्ञानिकों ने इकोफ्रेंडली हाई-टेम्परेचर सैनिटरी नैपकिन इंसीनरेटर ‘ग्रीन डिस्पो’ विकसित किया।
‘मोदी का टेक्नोलॉजी विजन’
- 03 जनवरी, 2016 को पीएम मोदी ने देश के सामने ‘टेक्नोलॉजी विजन 2035’ पेश किया।
- इस विजन में 2035 तक देश को जिस तरह की तकनीक और वैज्ञानिक दक्षता की आवश्यकता होगी, उसे प्राप्त करने की एक विस्तृत रूपरेखा है।
- इस विजन में 12 क्षेत्रों पर विशेष रूप से काम किए जाने पर जोर दिया गया है।
- इनमें शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, खाद्य और कृषि, जल, ऊर्जा, पर्यावरण और यातायात प्रमुख हैं।
- इसी विजन को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार कई सारी योजनाओं और नीतियों को लागू कर रही है।