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कोरोना-युद्ध में भारत की बड़ी कामयाबी, विकसित की गई पहली स्वदेशी जांच किट ‘कोविड कवच’

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कोरोना महामारी की शुरुआत से ही भारत अपने संपूर्ण संसाधन के साथ इसका मुकाबला कर रहा है। पीपीई के निर्माण में आगे बढ़ने के साथ ही अब देश ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान- एनवीआरआई ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पहली स्वदेशी ‘एंटीबॉडी डिटेक्शन किट’ बना लिया है। मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी किट संक्रमण के प्रसार पर नजर रखने और उसे रोकने में बहुत मददगार साबित होगी। एक महीने में तैयार यह किट ढाई घंटे में 90 लोगों के खून के नमूनों की जांच करने में सक्षम है। ‘कोविड कवच’ के निर्माण को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अहम हथियार के तौर पर देखा जा रहा है। इस ‘कोविड कवच’ किट से न केवल एक दिन में कई जांच हो सकेंगी, बल्कि इससे अधिक से अधिक कोरोना पॉजिटिव का पता लगाने में जांच दल और स्वास्थ्यकर्मियों को मदद मिलेगी।

‘मेक इन इंडिया’ की नई कामयाबी

पहली स्वदेशी जांच किट बनकर तैयार
एक महीने से कम समय में विकसित की गई किट
ढाई घंटे की एक पाली में 90 नमूनों की जांच होगी
किफायती और त्वरित नतीजे देने वाली है ‘कोविड कवच’
जाइडस कैडिला कंपनी करेगी किट का निर्माण

अवसर में बदलतीं चुनौतियां

पीपीई के निर्माण में चीन के बाद दूसरे नंबर पर पहुंचा भारत
IIT कानपुर ने ‘कोरोना किलर बॉक्स’ तैयार किया
रोजमर्रा के सामानों को पराबैंगनी किरणों से साफ किया जाएगा
IIT मद्रास ने ‘स्मार्ट बिन सिस्टम’ विकसित किया
अस्पतालों के कचरे से कोविड के प्रसार को रोकने में कारगर

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