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मोदी राज में सशक्त हुईं ग्राम पंचायतें, मजबूत हुई भारत की लोकतांत्रिक बुनियाद

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मजबूत नींव पर ही ऊंची और हर मौसम में अडिग रहने वाली इमारत बनायी जा सकती है। इससे प्रेरित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली तो उन्होंने देश की नींव यानि ग्राम पंचायतों को मजबूत करने का फैसला किया। उन्होंने ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले किए, जिनके बारे में पिछले सत्तर सालों में किसी सरकार ने सोचा तक नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का साहसिक फैसला लेकर जहां जम्मू-कश्मीर में 73वें संविधान संशोधन को लागू करने का मार्ग प्रशस्त किया, वहीं पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी अनुदान राशि में तीन गुनी बढ़ोतरी कर उसे सीधे पंचायतों के बैंक खातों में भेजने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम पंचायत विकास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राष्ट्रोदय से भारत उदय अभियन के जरिए पंचायतों को सक्षम बनाया है। मोदी सरकार ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को व्यापक प्रशिक्षण देकर उन्हें स्थानीय विकास से संबंधित योजनाएं बनाने और लागू करने में सक्षम बना रही है। आज पंचायत-स्तर पर ही ई-गवर्नेंस की सुविधाएं मिल रही हैं। इससे पंचायतों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार-मुक्त पंचायत को बढ़ावा मिला है।

आइए एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी ने किस तरह अपनी दूरदर्शिता और पहल के माध्यम से लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत कर समृद्ध भारत बनाने का प्रयास किया है…

मोदी सरकार में पहली बार

  • जम्मू-कश्मीर में पंचायत से संबंधित संविधान के 73वें संशोधन के प्रावधानों को लागू किया गया।
  • आजादी के बाद पहली बार जम्मू, कश्मीर, लेह और लद्दाख में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव हुए।
  • जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों के लिए पंचायतों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजने की शुरुआत हुई।
  • 24 अप्रैल, 2020 को पीएम मोदी ने ग्राम पंचायतों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया।
  • 24 अप्रैल, 2020 को पीएम मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप लॉन्च किया।
  • मार्च 2020 में महिला दिवस पर सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभाओं का आयोजन किया गया।
  • 2018 में जीपीडीपी में संशोधन कर सामान्‍य ग्राम सभा से पहले महिला सभाओं के आयोजन का प्रावधान किया गया।
  • 2 अक्टूबर, 2018 को ‘सबकी योजना, सबका विकास’ अभियान की शुरुआत की गई।
  • पीएम मोदी ने 2018 में ‘राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान’ नाम से एक नई योजना शुरू की।
  • 2018 में देश के 2.5 लाख गांवों में ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ अभियान चलाया गया।
  • 2016 में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस को देश की सभी ग्राम पंचायतों में मनाया गया।
  • पीएम मोदी ने 24 अप्रैल, 2016 को जमशेदपुर से देश की सभी ग्राम पंचायतों को सीधे संबोधित किया।
  • ग्राम पंचायतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए अक्टूबर 2014 में सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई।
  • मोदी सरकार ने स्थानीय योजना एप्लिकेशन ‘ग्राम मानचित्र’ का शुभारंभ किया।

जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज सुदृढ़

  • अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर की पंचायतों को लोगों की प्रगति की दिशा में काम करने के लिए शक्तियां मिलीं।
  • मोदी सरकार ने सरपंचों को सशक्त बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर पंचायती राज एक्ट 1989 में संशोधन किया।
  • सरपंचों का मासिक मानदेय बढ़ाकर तीन हजार रुपये और बीडीसी अध्यक्षों का मानदेय बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया।
  • जम्मू-कश्मीर की 4,500 पंचायतों में आयोजित ‘बैक टू विलेज’ कार्यक्रम के जरिए सरकारी मशीनरी लोगों तक पहुंची।
  • सितंबर 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पंचायत के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए।
  • जम्मू-कश्मीर के लोगों को ग्राम पंचायतों के माध्यम से केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलने लगा है।
  • 15 अगस्त, 2019 को हर ग्राम पंचायत में तिरंगा झंडा फहराने का निर्देश सभी ग्राम प्रधानों को दिया गया।
  • जम्मू-कश्मीर के 48 निर्वाचित सरपंचों ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
  • नवंबर-दिसंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करने के लिए पंचायत चुनाव करवाए गए थे।

पंचायतों में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी 

  • 8 मार्च, 2020 को महिला दिवस पर सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभाओं का आयोजन किया गया।
  • पोषण पंचायत के जरिए शिशुओं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को उचित मात्रा में पोषण सुनिश्चित करना है।
  • ग्रामीण महिलाओं में संवैधानिक प्रावधानों, सरकारी नीतियों और अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
  • महिलाएं राजनीतिक सत्ता और निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी कर रही हैं।
  • 41 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 13.74 लाख (45.2 प्रतिशत) निर्वाचित महिलाएं हैं।
  • ग्राम पंचायत विकास योजना के जरिए स्व-सहायता समूह की 2.5 करोड़ महिलाओं को मजबूत बनाने का प्रयास किया गया है।
  • 19 अप्रैल, 2016 को विजयवाड़ा में अनुसूची-5 में शामिल राज्यों की महिला पंचायत अध्यक्षों की राष्ट्रीय बैठक आयोजित हुई।

बाल हितैषी पंचायत

  • बाल संरक्षण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और बाल मैत्री वातावरण को लेकर हर ग्राम पंचायत में बाल संरक्षण समीति का गठन
  • समिति का उद्देश्य : बच्चों के मुद्दों की पहचान कर उन्हें ग्राम पंचायत विकास योजना की कार्य योजना में शामिल करना
  • पंचायतों को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल शोषण, अशिक्षा, कुपोषण आदि से मुक्त करने में सहयोग करना
  • बच्चों से जुड़े कानून, नीति, योजनाएं और सेवाओं की जानकारी एकत्र कर प्रचार-प्रसार करना, कार्यान्वयन व मूल्यांकन करना
  • विद्यालयों में नामांकन, लिंग अनुपात, विद्यालय की पहुंच और ड्रॉपआउट की वस्तुस्थिति पर चर्चा और निर्णय करना

 पंचायत प्रतिनिधियों का कौशल विकास

  • पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों की कुशलता के लिए पूरे देश में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
  • श्रव्य, दृश्य और एनिमेशन फिल्में के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • दिल्ली में पंचायती राज मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत विकास पर कार्यशाला का आय़ोजन किया गया।
  • गांव के सरपंचों को बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव दिए गए।
  • 28-29 जनवरी, 2019 को बेंगलुरु में एक राष्ट्रीय स्तर की परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया।

ग्राम स्वराज

  • 24 अप्रैल, 2020 को आठ राज्यों में स्वामित्व योजना की शुरुआत, पंचायतों का राजस्व विभाग और सर्वे आफ इंडिया द्वारा ड्रोन से सर्वे।
  • 16 दिसंबर, 2019 तक सांसदों ने पूरे देश में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 1733 ग्राम पंचायतों का चयन किया।
  • ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के माध्यम से पंचायतों का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास करना है।
  • जीपीडीपी के संशोधित दिशा निर्देशों में पंचायती संस्थानों और स्वयं सहायता समूहों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया है।
  • नए दिशा-निर्देशों में जल प्रबंधन, पर्यावरण, कमजोर वर्गों की जरूरतों, लिंग समानता, गरीबी कम करने पर विशेष बल है।
  • 117 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2018 में लागू किया गया
  • राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए 2018-19 से 2021-22 तक 7255.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
  • ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ के माध्यम से पंचायतों को मजबूत करने की कोशिश की गई।
  • अक्तूबर 2018 से जनवरी 2019 तक ‘सबकी योजना, सबका विकास’ अभियान चलाया गया।
  • पत्रिका “ग्रामोदय संकल्प” के माध्यम से ग्राम पंचायतों तक सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है।
  • 14-16 अप्रैल, 2016 तक सभी ग्राम पंचायतों में ‘सामाजिक सद्भाव कार्यक्रम’ आयोजित किया गया।
  • मोदी सरकार ने सभी बड़ी पंचायत में हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाने की मजूरी दी, जिसमें इलाज और जांच की सुविधा उपलब्ध

आत्मनिर्भर हुईं पंचायतें

  • मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग के माध्यम से ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया है।
  • मोदी सरकार अनुदान राशि अब सीधे ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में भेज रही है।
  • मोदी राज में पंचायतों को दिए जाने वाले अनुदान में तीन गुनी बढ़ोतरी की गई है।
  • पंचायतों को वर्ष 2010-15 के दौरान 65160.76 करोड़ रुपये का अनुदान मिला।
  • वर्ष 2015-20 के दौरान पंचायतों का अनुदान बढ़कर 2,00,292.20 करोड़ रुपये हो गया।

स्वच्छ पंचायत, स्वस्थ भारत

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में 10.28 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण किया गया है।
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ गांवों की संख्या बढ़कर 6.03 लाख हो गई है।
  • खुले में शौच मुक्त बनाने में पंचायती राज संस्थाओं और विशेष रूप से महिला सरपंचों की भूमिका अग्रणी रही है।
  • ओडीएफ गांव का हर परिवार इलाज पर 50 हजार रुपये की बचत के साथ ही आजीविका की भी बचत करता है।
  • पंचायतों में स्वच्छता के प्रति जगरूकता के लिए दीवारों पर स्वच्छता के संदेश लिखवाए गए।
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत में शौचालय संसद का आयोजन किया गया।
  • ग्राम पंचायतों में शौचालयों का सौंदर्यीकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
  • कूड़े और कचरों के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया गया।
  • ग्रामीण स्वच्छता में बढ़ोतरी से शिशु मृत्युदर में कमी आने के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है।

पंचायतों में जल संचय

  • जल संरक्षण के लिए जलशक्ति अभियान की शुरुआत
  • जल की कमी झेल रहे 1220 ब्लॉकों को लक्षित किया गया
  • पीएम मोदी ने सरपंचों और ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र
  • 22 जून, 2019 को देश भर में ग्राम सभाओं की हुईं बैठक
  • ग्राम सभाओं में पीएम मोदी का पत्र पढ़ा गया
  • पानी के संचयन में ग्रामीण जन भागीदारी को बढ़ावा दिया गया
  • गांव की जरूरतों के मुताबिक पानी से जुड़ी योजनाओं पर जोर
  • ग्राम पंचायतों में पानी समिति का गठन किया गया
  • स्वच्छ पेयजल और खेतों के लिये पानी का प्रबंधन
  • मनरेगा के माध्यम से पोखर, तालाब, कुओं का निर्माण

स्मार्ट पंचायत

  • ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप पंचायती राज मंत्रालय की अनोखी पहल है।
  • इससे ग्राम पंचायतों को विकास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिये एकल स्थान मिल जायेगा।
  • ई-पंचायत के माध्यम से पंचायत-स्तर पर ही ई-गवर्नेंस की सुविधाएं मिल रही है।
  • ई-पंचायत से भ्रष्टाचार-मुक्त समाज बनाने की दिशा में भी काफी सहयोग मिल रहा है।
  • ई-ग्राम एप ग्रामीणों और प्रशासन के बीच एक मात्र मंच है, जिससे ग्राम पंचायत की सभी जानकारियां मिलती है।
  • 7 नवंबर, 2019 तक कुल 1.3 लाख ग्राम पंचायतों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन की सुविधा उपलब्‍ध कराई जा चुकी है।
  • 45 हजार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित कर दिए गए हैं।
  • भारत नेट योजना के तहत 21 अप्रैल, 2020 तक38 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है।
  • मोदी सरकार ने 800 किलोमीटर प्रतिदिन ऑप्टिकल फाइबर बिछा कर रिकॉर्ड बनाया है।
  • जहां वर्ष 2011 – 2014 के दौरान 358 किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया, वहीं वर्ष 2014 –19  के दौरान 3,83,462 किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया।

डिजिटल निगरानी

  • जीपीडीपी के तहत जियो-टैगिंग के माध्यम से पंचायत की सभी संपत्तियों और निधियों का पोर्टल में ऑनलाइन डिस्प्ले
  • पंचायतों के व्यय और सभी लेनदेन के लिए पीएफएमएस का उपयोग 
  • पंचायतों के कार्यों/गतिविधियों में गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सामाजिक अंकेक्षण को मजबूत करना
  • राज्य, जिला, ब्लॉक और सामुदायिक स्तरों पर समीक्षा और निगरानी करना

ग्राम मानचित्र

  • ‘ग्राम मानचित्र’ एक स्थानिक योजना एप है।
  • यह पंचायतों के लिए एक भू स्थानिक निर्णय समर्थन प्रणाली है।
  • इसका विकास योजना बनाने और निगरानी में उपयोग होता है।

कॉमन सर्विस सेंटर

  • वर्ष 2014 में सिर्फ 84 हजार ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ थे
  • 21 अप्रैल, 2020 तक उनकी संख्या बढ़कर 3.65 लाख हो गई
  • पंचायतों में 2.15 लाख ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ स्थापित किए गए हैं
  • बैंकिंग, पेंशन, स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध
  • रोजगार और सरकारी योजनाओं तक लोगों की आसान पहुंच

पंचायतों को प्रोत्साहन

  • सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कार
  • 5 से 50 लाख तक वित्तीय प्रोत्साहन राशि
  • दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार
  • नानाजी देशमुख गौरव ग्राम सभा पुरस्कार
  • ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार
  • बाल अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार
  • ई-पंचायत पुरस्कार

कोरोना के खिलाफ जंग

  • पीएम मोदी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद
  • पंचायतों में सलाहकार समितियों का गठन
  • दीवारों पर चित्रकारी के माध्यम से जागरूकता
  • स्थानीय स्तर पर मास्क की सिलाई और वितरण
  • पंचायतों और नगरपालिकाओं में सामुदायिक रसोई
  • पके हुए भोजन और राशन का मुफ्त वितरण
  • सार्वजनिक स्थलों को संक्रमण मुक्त करना
  • सार्वजनिक स्थानों की दैनिक स्वच्छता
  • आश्रय और क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करना
  • मौद्रिक सहायता और आवश्यक वस्तुओं की घर-घर डिलिवरी
  • जरूरतमंदों को सुरक्षा गियर, वित्तीय सहायता प्रदान करना
  • सरकार के निर्देशों के बारे में लोगों को शिक्षित करने का प्रयास
  • नेबरहुड ग्रुप (एनएचजी) और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं
  • सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने के बारे में जागरूकता

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