कोरोना वायरस के खिलाफ मोदी सरकार की सार्थक कोशिशों की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है। देश के साथ विदेशों में फंसे नागरिकों को वापस लाने तक के लिए मोदी सरकार ने स्थिति को बहुत अच्छे से संभाला है।
हाल ही में ठाणे के रहने वाले सुजय कदम की बेटी इटली के मिलान शहर में फंस गई थीं, लेकिन मोदी सरकार के सहयोग से वह वापस आ चुकी हैं और फिलहाल वह दिल्ली में आईटीबीपी के क्वॉरन्टीन सेंटर में हैं। सुजय कदम की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
भारत ने मेरी बेटी के लिए पिता के रूप में काम किया
रोहन दुआ ने सुजय की कहानी सोशल मीडिया पर डाली तो ये तेजी से पॉपुलर हो गई। सुजय की बेटी अपनी पढ़ाई करने 4 फरवरी को इटली के मिलान के विश्वविध्यालय गई थी, 20 फरवरी को उसकी क्लास शुरू होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते कॉलेज बंद हो गया।
A father whose daughter managed to board Mar 13 flight from Coronavirus-ravaged Italy shares an emotional post on how @IndiainItaly helped evacuate his 20 yr old kid
“My daughter was studying graphic designing course at Naba in Milan.I am proud of Indian govt/embassy officials” pic.twitter.com/mOSB7zETzD
— Rohan Dua (@rohanduaTOI) March 17, 2020
सुजय कदम ने बताया कि मैं लगातार कई वर्षों से मोदी सरकार को दोषी ठहराता था अब पता चला कि भारत ने मेरी बेटी के लिए एक पिता के रूप में काम किया। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी तक सब कुछ ठीकठाक था इसलिए, बेटी का रेंट एग्रीमेंट अगले 4 महीने के लिए बनवाया लेकिन, 10 मार्च को सब कुछ बंद हो गया, सुपर मार्केट्स को भी बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बेटी ने मुझे बताया कि उसके पास खाने के लिए सिर्फ अगले 15 दिन का ही राशन था। हमने उसे जल्द वापस लौटने को कहा, लेकिन इटली सरकार ने भारत वापस जाने के लिए उससे सार्टिफिकेशन की मांग की। इटली सरकार केवल उन्हीं लोगों को जाने दे रही थी जिनके बाद इंडियन अथॉरिटीज से सार्टिफिकेशन मिला हुआ था। ऐसे में 12 मार्च की सुबह साढ़े आठ बजे सुजय खुद इंडियन दूतावास की वेबसाइट को खंगाला तो पता चला कि मिलान के भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है।
मोदी सरकार की एक्टिवनेस से सुजय हुए प्रभावित
सुजय ने बताया कि वे भारतीय दूतावास के आठ लोगों के ई-मेल एड्रेस ढूंढने में कामयाब रहे। उन्होंने उन मेल आईडी पर एसओएस मेल करते हुए लिखा कि उनकी बेटी मिलान में फंस गई है। कैसे उन्हें 13 मार्च तक सार्टिफिकेशन मिल पाएगा? उसके बाद भारतीय समय के मुताबिक रात करीब साढ़े दस बजे बेटी का फोन आया कि उसके पास भारतीय दूतावास से फोन किया गया है और वे अगले दिन फ्लाइट से वापस भारत लौट रही है।
दुख की घड़ी में मोदी सरकार की तरफ से दिखाई गई एक्टिवनेस से सुजय काफी प्रभावित दिखे। उनकी बेटी 14 मार्च को वापस मिलान से भारत के लिए चल पड़ी। उसने 15 मार्च को भारत में कदम रखा और दिल्ली के आईटीबीपी अस्पताल में रखा गया, जहां पर उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।
कोरोना वायरस के कहर ने दिखाया कि किस प्रकार मोदी का भारत आज पूरी दुनिया को राह दिखा रहा है-
बड़ी बीमारियों के दौरान भारत और विश्व
2009- H1N1
फरवरी-मार्च 2009 में H1N1 यानि स्वाइन फ्लू मेक्सिको से पूरे विश्व में फैल गया और अप्रैल में WHO ने कोरोना की तरह ही स्वाइन फ्लू को Pandemic घोषित कर किया। इस फ्लू से विश्व के तमाम देशों में 1200 लोग की मौतें हुई थी। भारत में 450 लोगों की मौत हुई थी, सबसे अधिक महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में लोग इसकी चपेट में आये थे, कुल 13,000 लोग इससे पीड़ित हुए थे।
स्वाइन फ्लू के टीके से 2009 में भारत को छोड़कर अन्य देशों में नियंत्रित कर लिया गया लेकिन भारत में यह 2013 तक होता रहा है। भारत को मदद केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिली जबकि अमेरिका या अन्य विकसित देश ने मदद के लिए कोई हाथ नहीं बढ़ाया।
2020- CoviD19
जनवरी माह से CoviD19 पूरी दुनिया में फैल गया। पहले यह दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान से शुरु हुआ। WHO ने इसे फरवरी माह में Pandemic घोषित कर दिया। भारत ने जनवरी से ही CoviD19 के लिए Graded Response Mechnanism अपना लिया। भारत ने पांच हफ्तों के दौरान मरीजों की संख्या को सीमित कर रखा है।
आज भारत विश्व के तमाम देशों से CoviD19 से पीड़त भारतीयों को वापस ला कर इलाज कर रहा है। सार्क देशों की मदद के लिए 10 मिलीयन डालर का कोष बना दिया है। चीन, अफगानिस्तान, ईरान, मालदीव्स की सीधे तौर पर मदद कर रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री ने विश्व में सबसे पहले इस मुद्दे पर सार्क के नेताओं से मंत्रणा की, इससे सीखते हुए G-7 के नेताओं ने भी बैठक की। इसके बाद विश्व के नेताओं के बीच इस पर मंत्रणा होनी शुरु हो गई है। भारत के साथ अमेरिका सीधे इस मुद्दे सहयोग लेने के लिए बातचीत कर रहा है। ब्रिटेन में बसे भारतीय, स्वदेश आना चाहते हैं क्योंकि उन्हें भारत की व्यवस्था ब्रिटेन से ज्यादा अच्छी लग रही है।
कोरोना को लेकर तुलना
विकसित देश में महामारी – भारत अभी भी बचाव में आगे
इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी,चीन इत्यादि विकसित देशों में करीब दो लाख लोग पीडित हैं और 7 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में CoViD 19 पांचवें हफ्ते में है और भारत ने Graded Response Mechnanism के जरिए लोगों को बचा रहा है। अभी तक भारत में 117 लोग पीडित है और इनमें से कुछ लोग स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट गए हैं।
विकसित देशों में ठीक से रोकथाम नहीं – भारत में शानदार व्यवस्था
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश CoVID 19 से निपटने में परेशान हैं जबकि भारत न सिर्फ अपनों को बचा रहा है बल्कि दूसरे देशों में बसे भारतीयों के साथ अन्य नागरिकों को भी बचा रहा है। ब्रिटेन में बसे भारतीय वापस भारत आना चाहते हैं क्योंकि भारत की व्यवस्था ब्रिटेन से ज्यादा बेहतर है।
विकसित देश में मारामारी – भारत कर रहा है दवाइयों में मदद
अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडेन आदि विकसित देशों में लोगों टॉयलट पेपर जैसी वस्तुओं के लिए दुकानों पर हाथापाई कर रहे हैं तो भारत दुनिया के देशों की दवाइयों और अन्य सामानों से मदद कर रहा है। भारत ने चीन, अफगानिस्तान, ईरान, मालदीव्स, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों की सीधे दवाओं और सामानों से मदद कर रहा है। यहां तक की अमेरिका सीधे भारत के साथ इस पर सहयोग चाहता है।
विकसित देश खुद को नहीं संभाल पा रहे – भारत अपने नागरिकों को ला रहा, दूसरे देशों के नागरिकों को ला रहा
अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडेन, फ्रांस, इटली आदि विकसित देश अपने नागरिकों को ही संभालने में हलकान है उन्हें दूसरे देशों में बसे अपने नागरिकों के बारे में सोचने का वक्त ही नही है जबकि भारत विशेष विमानों के जरिए, चीन, जापान, इटली, इरान, कोरिया इत्यादि देशों में बसे भारतीयों को वापस लाकर इलाज कर रहा है।
मोदी जी ने राह दिखाई – सार्क समिट – इसके बाद जी 7
CoviD 19 के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री मोदी विश्व के एकमात्र ऐसे पहले नेता है जिन्होंने देशों को एक साथ जोड़ने का काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क देशों के शासनाध्यक्षों के साथ इस मुद्दे पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और साझा रणनीति बनायी।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से प्रभावित होकर विश्व के अन्य नेता भी ऐसा कर रहे हैं। G-7 के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर बैठक की और अपने लोगों की समस्याओं को खत्म करने की रणनीति बनायी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रधानमंत्री मोदी के इस पहल की भूरि भूरि प्रशंसा की है।
अभी तक दुनिया एकमत नहीं – भारत से सार्क फंड की स्थापना की – मोदी जी ने दिए 70 करोड़
अभी विश्व CoviD-19 के खिलाफ जंग एक साथ मिलकर लड़ने की रणनीति को समझ ही रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरु कर दिया है। उन्होंने इसके लिए 10 मीलीयन डॉलर का कोष बनाया है जिसके जरिए सार्क देशों की मदद की जा सके। अभी विश्व बैंक और G-7 इस बारे में सोच रहे हैं।