प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहु-प्रतीक्षित और युगांतरकारी फैसला लेकर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए को हमेशा के लिए समाप्त किया था। मोदी के राज में इसके खात्मे के बाद अब जम्मू-कश्मीर बदल चुका है। जम्मू से घाटी तक और कश्मीर की वादियों तक बदलाव की बयार बहुत तेजी से बह रही है। यह वही जम्मू-कश्मीर है जहां कभी पर्यटक जाने से डरने लगे थे, लेकिन अब यहां सैलानी नए रिकार्ड बना रहे हैं। जी-20 समिट के चलते एक-दो नहीं, बल्कि करीब 20 देशों के प्रतिनिधि यहां बैठक कर रहे हैं। भाजपा पहले ही धारा 370 को हटाकर कश्मीर के अवाम की चहेती बनी हुई थी। अब भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर राज्य की जनता के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी है। बीजेपी का मैनिफेस्टों दूसरे सभी दलों के लिए बड़ी लकीर बना है। इसमें युवाओं, किसानों, महिलाओं और कश्मीरत के लिए सब कुछ है। खासकर कश्मीर के युवा अब पीएम मोदी की नीतियों के चलते ‘आतंकी गुटों में भर्ती होने से किनारा कर रहे हैं। क्योंकि उनके लिए रोजगार के नित-नए अवसर बन रहे हैं। उन्हें यह अहसास हो गया है कि अपराध के दलदल में डरे-छिपे जीने के बजाए कश्मीर की वादियों में स्वरोजगार के नए अवसरों के साथ जुड़कर जिंदगी ज्यादा बेहतर और आसान हो सकती है।धारा-370 हटने के बाद धरती के स्वर्ग में फिर से उमड़ने लगे पर्यटक
पीएम मोदी की धारा 370 को हटाने की उपलब्धि अप्रत्याशित और अकल्पनीय थी। तब राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद उन्होंने साबित कर दिखाया कि जो वो ठान लेते हैं, पूरा करके ही दम लेते हैं। इस ऐतिहासिक फैसले का ही कमाल है कि ‘भारत का भाल’ जम्मू-कश्मीर अब सचमुच ही ‘स्वर्ग’ बनने के रास्ते पर चल पड़ा है। शांति-अमन के बीच भारत का स्वर्ग फिर से न सिर्फ दुनियाभर के पर्यटकों को आवाज दे रहा है, बल्कि पर्यटकों ने भी एक दशक से ज्यादा का रिकार्ड पार करते हुए कश्मीर के साथ कदम से कदम मिलाए हैं। पीएम मोदी के विजन के चलते कश्मीर के श्रीनगर में G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग हुई। इसमें 20 देशों के कई डेलीगेट्स शामिल हुए और कश्मीर में अमन की चर्चा दुनियाभर में हुई। एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद धरती के इस स्वर्ग की चर्चा हर कोई कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर भारत का है, था और रहेगा, 370 अब इतिहास – अमित शाह
जम्मू-कश्मीर में जिस अनुच्छेद 370 के खात्मे से यहां अमन की बहाली हुई है और राज्य देश की मुख्यधारा से जुड़ा है। उसे फिर से लागू करने का मुंगेरीलाल का सपना कुछ विपक्षी दल दिखाने में लगे हैं। लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा का घोषणा पत्र जारी करते हुए साफ-साफ कह दिया कि अब इस 370 की वापसी कभी नहीं होगी। शाह ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का है, था और रहेगा। 10 साल में राज्य का विकास हुआ है और अब भी तेजी से हो रहा है। आज धारा 370 और 35 (A) बीते दौरे की बात बन गई है। अब ये हमारे संविधान का हिस्सा नहीं है। ये सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और ताकतवर फैसले से हुआ है। धारा 370 इतिहास बन गई है। हम इसे कभी आने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल में राज्य में पांच लाख रोजगार दिए जाएंगे। अटल आवास योजना के जरिए भूमिहीन लोगों को 5 मरला (एक बीघा) जमीन मुफ्त दी जाएगी।राज्य में विधानसभा की 90 सीटें हैं। 47 घाटी और 43 जम्मू संभाग में हैं। यहां तीन चरणों में चुनाव होने हैं। नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। आइए, देखते हैं कि भाजपा यहां कैसे सर्वांगीण विकास करेगी…
बीजेपी के संकल्प पत्र की 10 बड़ी बातें
1. नारीशक्ति के लिए: मां सम्मान योजना के जरिए हर एक परिवार की सबसे सीनियर महिला को 18 हजार रुपए सालाना की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को हर साल 2 फ्री एलपीजी सिलेंडर मिलेंगे। महिला सेल्फ-हेल्प ग्रुप का लोन माफ की घोषणा की गई है।
2. युवाशक्ति के लिए : पंडित प्रेम नाथ डोगरा रोजगार योजना के जरिए 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना। प्रगति शिक्षा योजना के तहत कॉलेज स्टूडेंट्स को हर साल 3 हजार रुपए यातायात भत्ता। JKPSC और UPSC की तैयारी के लिए 2 साल तक 10 हजार रुपए कोचिंग फीस की आर्थिक सहायता। 10वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को टेबलेट और लैपटॉप मिलेगा।
3. जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए: श्रीनगर की डल झील को वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट बनाया जाएगा। श्रीनगर के टैटू ग्राउंड में एम्यूजमेंट पार्क बनाया जाएगा। डोडा, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी, पुंछ, उधमपुर और कठुआ के ऊपरी एरिया टूरिस्ट इंडस्ट्री के तौर पर अपडेट होंगे। कश्मीर घाटी में गुलमर्ग और पहलगाम को मॉडर्न टूरिस्ट सिटी बनाया जाएगा। श्रीनगर में तवी रिवरफ्रंट बनाया जाएगा। रणजीत सागर बांध बसोहली के लिए अलग झील विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। जम्मू में स्पेशल इकोनॉमिक जोन के तौर पर आईटी हब बनाया जाएगा।
4. पानी और सोलर के लिए: बिजली-पानी के बकाया बिलों की समस्या के लिए योजना लाई जाएगी। हर घर नल से जल (जल जीवन मिशन) के तहत जम्मू-कश्मीर के सभी घरों में पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के जरिए परिवारों को मुफ्त बिजली, सोलर उपकरण लगाने के लिए 10 हजार की सब्सिडी की घोषणा।
5. संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए: एडहॉक, संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नई नीति लाई जा सकती है। आंगनवाड़ी, आशा, एनएचएम, रहबर-ए-खेल कर्मचारियों (Rek), सामुदायिक सूचना केंद्र (CIC) संचालकों, होम गार्ड और राष्ट्रीय युवा कोर जैसे कम्युनिटी वर्करों को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
6. अन्नदाताओं के लिए: पीएम किसान सम्मान निधि में 10 हजार दिए जाएंगे, 6 हजार रुपए में अतिरिक्त 4 हजार शामिल होंगे। खेती के कामों के लिए बिजली दरों को 50 फीसदी कम किया जाएगा। अटल आवास योजना के जरिए भूमिहीन लोगों को 5 मरला (करीब एक बीघा) जमीन मुफ्त दी जाएगी।
7. डेवलपमेंट बोर्ड और IT हब के लिए: जम्मू-कश्मीर में सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए तीन क्षेत्रीय विकास बोर्ड (RDB) स्थापित किए जाएंगे। जम्मू में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) के तौर पर आईटी हब बनाया जाएगा। उधमपुर में फार्मास्युटिकल पार्क और किश्तवाड़ में आयुष हर्बल पार्क की स्थापना।
8. विस्थापित समाज पुनर्वास योजना के लिए: टीका लाल टपलू विस्थापित समाज पुनर्वास योजना शुरू होगी। कश्मीरी पंडितों, वाल्मीकि, गोरखाओं सहित अन्य विस्थापितों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास में तेजी लाई जाएगी।
9. 100 खंडहर मंदिरों के लिए: ऋषि कश्यप तीर्थ पुनरुद्धार अभियान के अंतर्गत हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। 100 खंडहर मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। धार्मिक और आध्यात्मिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से शंकराचार्य मंदिर (ज्येष्ठेश्वर मंदिर), रघुनाथ मंदिर व मार्तंड सूर्य मंदिर सहित अन्य मौजूदा मंदिरों का और अधिक विकास किया जाएगा।
10. राज्य में ऐतिहासिक जीत के लिए: भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लिए मोदी-शाह समेत 40 स्टार प्रचारक बनाए हैं। इनकी लोकप्रियता के चलते चुनावी सभाओं में उमड़ती भीड़ भाजपा की विजय का मार्ग प्रशस्त करेगी। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट में शिवराज चौहान, योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी का भी नाम है।
राज्य में एक दशक बाद हो रहे हैं विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।