पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस सीट से टीएमसी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने मुस्लिम तुष्टिकरण का खेल भी शुरू कर दिया है। टीएमसी प्रत्याशी ममता बनर्जी सोमवार (13 सितंबर, 2021) को अचानक क्षेत्र की सोला आना मस्जिद पहुंच गईं। उनके साथ उनके कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम भी थे। ममता के इस मस्जिद दौरे को लेकर सियासी विवाद भी शुरू हो चुका है।
#WATCH | West Bengal Chief Minister and TMC candidate from Bhabanipur (by-poll), Mamata Banerjee made a sudden visit to seek blessings at Sola Ana Masjid of the constituency pic.twitter.com/gEJ5E6aehk
— ANI (@ANI) September 13, 2021
ममता के मस्जिद दौरे पर निशाना साधते हुए बीजेपी के आईटी प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “अगर आपको लगता है कि भवानीपुर एक “कोई मुकाबला नहीं” था और ममता बनर्जी को जीत का भरोसा था, तो इसे भूल जाइए। उन्हें पसानी आ रहा है। सोला आना मस्जिद का यह दौरा “अचानक” नहीं है, बल्कि वार्ड 77 से वोट मांगने के लिए एक नियोजित यात्रा है। अगले कुछ दिनों में वह एक बूथ से दूसरे बूथ तक पहुंचेंगी।”
If you thought Bhabanipur was a “no contest” and Mamata Banerjee was confident of winning hands down, forget it. She is sweating. This visit to Sola Ana Masjid is not “sudden” but a planned visit to seek votes from ward 77.
In the next few days, she will hop from booth to booth. https://t.co/7oyWrMRdPS
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 13, 2021
मतदान से पहले मस्जिद का दौरा कर ममता बनर्जी ने जता दिया है कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता सिर्फ दिखावा है। दरअसल भवानीपुर सीट में मुस्लिमों की बड़ी आबादी है। ऐसे में ममता ने जीत के लिए मुस्लिमों का समर्थन हासिल करने के लिए कवायद शुरू कर दी है। 2011 के उपचुनाव में भवानीपुर से ही ममता पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं। इसके बाद 2016 में भी चुनाव जीती थीं, परंतु, 2021 में वह भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ी और हार गईं।
गौरतलब है कि भवानीपुर में 30 सितंबर को वोट डाले जाएंगे, काउंटिंग 3 अक्टूबर को होगी। यहां से ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल हैं। वहीं, दूसरी ओर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस सीट से वकील श्रीजीब विश्वास को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस उपचुनाव में हिस्सा नहीं ले रही है। इससे पहले बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं। हालांकि वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं लेकिन इस पद पर बने रहने के लिए कानूनन रूप से 6 महीने के भीतर ही उनका विधानसभा सीट से चुनाव जीतना अनिवार्य है। इस लिए टीएमसी विधायक शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।