Home झूठ का पर्दाफाश ‘सरकार’ के इस्तीफे से ममता की मुश्किलें और बढ़ीं, गवर्नर बोले-सरकार का शुतुरमुर्गी...

‘सरकार’ के इस्तीफे से ममता की मुश्किलें और बढ़ीं, गवर्नर बोले-सरकार का शुतुरमुर्गी रवैया बर्दाश्त नहीं, इमरजेंसी बैठक बुलाएं और पुलिस कमिश्नर को बर्खास्त करें 

SHARE

कोलकाता के आरजी कर रेप-मर्डर मामले को लेकर ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। रेप मामले में सरकार के साथ ही कोलकाता पुलिस, आरजीकर प्रशासन और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर सवाल उठ रहे हैं। इसके चलते पश्चिम बंगाल की ममता की सरकार बैकफुट पर है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। अब इस मसले पर तृणमूल कांग्रेस का आपसी विरोध भी खुलकर सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने कोलकाता रेप केस मामले पर इस्तीफा दे दिया है। सरकार ने कहा है कि रेप मामले में ममता सरकार ने खानापूर्ति की, इससे वे बेहद दुखी हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने साफ कहा है कि इस गंभीर मामले में सरकार का शुतुरमुर्गी रवैया ना-काबिले बर्दाश्त है। ममता सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती। सरकार को तत्काल कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलानी चाहिए और कोलकाता पुलिस कमिश्नर बर्खास्त करना चाहिए।

संदेशखाली से लेकर आरजी कर रेप मामले तक ममता सरकार की किरकिरी
संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न से लेकर आरजी कर रेप-मर्डर मामले तक ममता सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। संदेशखाली केस में भी ममता सरकार पर यौन उत्पीड़न के दोषी टीएमसी नेता को बचाने का आरोप लगे थे। यहां तक कि इस मामले में कोर्ट तक ने सरकार को फटकार लगाई थी। वैसा ही लापरवाही भरा रवैया ममता सरकार एक बार फिर अपना रही है। शुरुआत में ममता बनर्जी ने दावा किया था कि यह आंदोलन लेफ्ट-बीजेपी का आंदोलन है। इसके पीछे ममता बनर्जी ने राज्य में अशांति फैलाने का आरोप लगाया था। लेकिन अब तो हकीकत सामने आ गई है। अब ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेता ही सरकार के खिलाफ और आंदोनल के पक्ष में बयान दे रहे हैं। राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कहा कि मेरा मानना है कि जो लोग इस आंदोलन में उतरे हैं, वे गैर-राजनीतिक और स्वतःस्फूर्त तरीके से विरोध कर रहे हैं उनका विरोध सही है।

पुलिस का एक हिस्सा भ्रष्ट और दूसरे का हुआ अपराधीकरण – गवर्नर
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर और भ्रष्टाचार मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार को कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं। बोस ने कहा है कि सरकार को इस गंभीर मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को बर्खास्त करना चाहिए। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है। शुतुरमुर्ग जैसा रवैया नहीं चलेगा। राज्य को संविधान और कानून के शासन के तहत काम करना चाहिए। बोस ने 5 सितंबर को को रेप- मर्डर केस को लेकर कहा- पुलिस का एक हिस्सा भ्रष्ट है, जबकि एक हिस्से का अपराधीकरण हो चुका है और एक हिस्से का राजनीतिकरण हो चुका है। पीड़ित के माता-पिता ने मुझे कुछ ऐसी बातें बताईं हैं, जो दिल दहलाने वाली हैं। वो इस मामले में न्याय चाहते हैं। पूरा बंगाली समाज न्याय चाहता है। न्याय होना चाहिए। बंगाल सरकार का रुख बद से बदतर होते जा रहा है। लोगों की आवाज भगवान की आवाज है। लोग कार्रवाई चाहते हैं, कार्रवाई के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए। दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त एक ट्रेनी-डॉक्टर का रेप किया गया। उसके बाद उनकी अर्धनग्न बॉडी मिली थी। मामले में कोलकाता पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे।कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस को CBI को सौंप दिया गया।

कोलकाता पुलिस की तानाशाही पर प्रदर्शनकारियों के 4 आरोप
1.प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया है कि ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई है।
2.केस के सामने आने के बाद क्राइम सीन के पास पुलिस की मौजूदगी में रेनोवेशन का काम हुआ। कमिश्नर ने यह कैसे होने दिया।
3.गिरफ्तार किया गया आरोपी संजय रॉय सिर्फ एक मोहरा है। बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है। पुलिस को इसकी जानकारी है।
4.14 अगस्त की रात को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा और तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने कॉलेज की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं किया।

पिता ने कहा- बेटी का शव के साथ पुलिस ने की हमें पैसे देने की पेशकश  
1. पुलिस शुरुआत से ही इस केस को दबाने की कोशिश कर रही है। डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने तक हमें पुलिस स्टेशन में इंतजार करना पड़ा। बाद में, जब बेटी का शव हमें सौंपा गया तो एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की।
2. जब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ, 300-400 पुलिस वालों ने हमें घेर रखा था, लेकिन अंतिम संस्कार हो जाने के बाद वहां एक भी पुलिस वाला नहीं दिखा। परिवार क्या करेगा, कैसे घर जाएगा, पुलिस ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली।
3. जब घर में बेटी का शव माता-पिता के सामने पड़ा था और हम आंसू बहा रहे थे, तब पुलिस पैसे दे रही थी, क्या यही पुलिस की मानवता है? पुलिस कह रही थी कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियाँ पूरी कर दी हैं, क्या इसे ही जिम्मेदारी निभाना कहते हैं?

सरकार की दंडात्मक कार्रवाई कम और बहुत देरी से उठाए गए कदम हैं
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में सरकार की कार्यशैली को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि पिछले एक महीने से हमने आरजी कर अस्पताल में हुई घृणित घटना के खिलाफ हर किसी की प्रतिक्रिया को धैर्यपूर्वक देखा है। लेकिन सरकार की लगातार लापरवाह कार्यशैली अब बर्दाश्त नहीं हो रही है। पता नहीं अब तक सीधे जूनियर डॉक्टर से बात क्यों नहीं की गई। सरकार अब जो दंडात्मक कदम उठा रही है वह बहुत कम और बहुत देर से उठाए गए कदम हैं। कुछ साल पहले जब राज्य में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस पर विभिन्न मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे उस समय भी जवाहर सरकार ने इनके खिलाफ अपना मुंह खोला था। इस बार भी उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है।

सरकार के प्रति इतना गुस्सा और पूर्ण अविश्वास कभी नहीं देखा
तृणमूल सासंद ने कहा कि राज्य की आम जनता का जो स्वतःस्फूर्त आंदोलन और गुस्से की अभिव्यक्ति इस समय हम सब देख रहे हैं, वह कुछ पसंदीदा नौकरशाहों और भ्रष्ट लोगों के बाहुबल के कारण है। मैंने अपने लंबे जीवन में सरकार के प्रति इतना गुस्सा और पूर्ण अविश्वास कभी नहीं देखा। गौरतलब है कि इसके पहले राज्यसभा के अन्य सांसद सुखेंदु शेखर रॉय भी कोलकाता रेप केस मामले में आवाज उठा चुके हैं। अब जवाहर सरकार के इस्तीफे को लेकर सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ”मुझे लगता है कि जवाहर सरकार ने एक जागरूक व्यक्ति के तौर पर यह कदम उठाया है। हममें से कोई भी समाज से बाहर नहीं है। हम कार्रवाई कर रहे हैं या मुद्दे उठा रहे हैं क्योंकि हम समाज में हैं।सुखेंदु शेखर रॉय ने भी कोलकाता रेप केस मामले की आलोचना की
राज्यसभा सांसद ने कहा, ”जवाहर सरकार एक पूर्व नौकरशाह हैं। उन्होंने यह फैसला क्यों लिया, यह बताते हुए उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, “मैं अपने लक्ष्य पर कायम हूं। एक जागरूक नागरिक के रूप में मेरा अस्तित्व डेढ़ अरब लोगों के बीच एक बिंदु की तरह है। मेरा नागरिक स्व कहता है कि आप नागरिक समाज के साथ रहें। मैं अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दे रहा हूं।” बता दें कि सुखेंदु शेखर रॉय ने कोलकाता रेप केस मामले की आलोचना की थी। उन्होंने रिक्लेम द नाइट प्रोटेस्ट का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि वह बेटी के पिता हैं, पोती के दादा हैं। वह जोधपुर पार्क में नेताजी की प्रतिमा के सामने धरने पर भी बैठे। फिर 1 सितंबर को सुखेंदु ने बैस्टिल के पतन की याद दिलाने के लिए एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी
दूसरी ओर टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कहा कि राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार एक सम्मानित व्यक्ति हैं। वह देश के सर्वश्रेष्ठ नौकरशाहों में से एक रहे हैं। उन्हें राष्ट्रहित को देखते हुए अपने बारे में कोई भी निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि हम भी उनके पत्र की भावना से सहमत हैं। सवाल यह है कि यह उनका निजी निर्णय है। हम भी सरकार की तरह न्याय की मांग करते हैं। हम समाज के साथ खड़े हैं, हम भी न्याय की मांग करते हैं। गौरतलब है कि इस रेप-मर्डर केस पर 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान CBI ने कोर्ट में कहा- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।

 

 

Leave a Reply