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एयर इंडिया डील से भारत में लाखों रोजगार पैदा होंगे, कांग्रेस आदत के मुताबिक झूठ फैलाने में जुटी

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विश्व के तीन सबसे ताकतवर और विकसित देश यानी फ्रांस, अमेरिका और यूके ने इससे पहले कब अपने देश में हजारों रोजगार पैदा करने में मदद करने के लिए किसी दूसरे देश की सराहना की होगी। ऐसा शायद पहले कभी नहीं हुआ होगा। यह सबकुछ हुआ है एयर इंडिया की अब तक के इतिहास के सबसे बड़े विमान सौदे की बदौलत। यानी कि 470 जेट के इस सौदे की वजह से यह संभव हो पाया है कि भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था की धुरी बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहली बार हुआ है कि दुनिया के तीन ताकतवर देश भारत को सलामी ठोक रहे हैं। अब इससे देश पर 50 सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी को मिर्ची लग गई है। आजादी के बाद से देश को कमजोर करने, गरीब को गरीबी में रखने और और मुसलमानों का हित देखने वाली कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे देश में कोई रोजगार नहीं बनेगा।

कांग्रेस की सोच नकारात्मक, इसीलिए अच्छी चीजें दिखाई नहीं देती

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी जब यह सवाल उठाते हैं कि इससे देश में कोई रोजगार पैदा नहीं होगा तो उन्हें सोचना चाहिए कि जब देश में 470 से अधिक विमान आएंगे तो उसके लिए पायलट, पायलट सपोर्ट स्टाफ, एयर होस्टेस, विमान क्रू मेंबर और मेंटेनेंस जॉब जैसे कि विमान के रखरखाव के लिए भारी संख्या में इंजीनियर और कर्मचारियों की जरूरत होगी। क्या इससे रोजगार पैदा नहीं होगा। यह निहायत मूर्खता की बात है कि 470 विमान आ जाएंगे और देश में कोई रोजगार पैदा नहीं होगा।

देश में 5 लाख जॉब पैदा होगी, कांग्रेस की सत्ता में वापसी का मौका जीरो

एयर इंडिया डील से पायलट, पायलट सपोर्ट स्टाफ, एयर होस्टेस, विमान क्रू मेंबर, और मेंटेनेंस जॉब, इंजीनियर, ईंधन भरने वाले, एमआरओ, एयरपोर्ट स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से अन्य कई नौकरियां सृजित होंगी। इसके साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में कई नौकरियां बनेंगी जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद होंगी। दरअसल, कांग्रेस इस बात को जानती तो है और यह भी जानती है कि इस तरह के डील की वजह से कांग्रेस की सत्ता में वापसी मुश्किल है। इसी वजह से उसकी यह बौखलाहट सामने आ रही है।

बोइंग और एयरबस रखरखाव और विनिर्माण इकाइयां भारत में, लाखों रोजगार पैदा होंगे

बोइंग और एयरबस एशिया की सबसे बड़ी रखरखाव और विनिर्माण इकाइयां भारत में बनाने जा रही है, जिसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। ये सभी योजनाएं पिछले साल अक्टूबर से पाइपलाइन में थीं और अब इस डील के बाद निश्चित रूप से इसमें तेजी आएगी। इससे बहुत सारी नौकरियां पैदा होंगी। एयरलाइंस उद्योग के मामले में कहा जाता है कि 10 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होते हैं तो 48 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होते हैं। अब इस लिहाज से समझ सकते हैं कि अगले दो-तीन साल में भारत के विमानन उद्योग में कितनी नौकरियां पैदा होंगी। लेकिन पीएम मोदी से नफरत की आंधी में कांग्रेस को ये सब दिखाई नहीं देता है। उसे हर बात का विरोध ही करना है।

बोइंग पहले से ही भारत में मौजूद, टाटा के साथ है ज्वाइंट वेंचर

बोइंग पहले से ही भारत में मौजूद है। बेंगलुरु में जो विनिर्माण संयंत्र है वो सालाना 8000 करोड़ रुपये के विमान घटकों और सॉफ्टवेयर सेवाओं का निर्यात करता है। टाटा का बोइंग के साथ हैदराबाद में विनिर्माण संयंत्र के साथ ज्वाइंट वेंचर भी है। यह पूरी दुनिया में बोइंग एयरक्राफ्ट के लिए विभिन्न घटकों और एवियोनिक्स का उत्पादन करता है। यह विश्व के सर्वश्रेष्ठ अटैक “अपाचे” हेलीकॉप्टरों का फ्यूजलेज भी बनाता है और 21 जुलाई तक 100 से ज्यादा अपाचे फ्यूजलेज पहले ही डिलीवर कर चुका है।

एयरबस गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रहा, रूस भी भारत की शर्तें मानने को तैयार

एयरबस गुजरात के वड़ोदरा में टाटा के साथ J/V में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रहा है, जो मिलिटरी एयरक्राफ्ट का उत्पादन शुरू करेगा। पिछले कुछ महीनों से “आत्मनिर्भर भारत” के तहत सुखोई सुपरजेट के उत्पादन को लेकर भारत-रूस की बातचीत अधर में थी। अब इस डील के बाद रूस का यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन भी भारत की शर्तों को मानने को तैयार है।

लॉकहीड मार्टिन भारत में हैवी मेंटेनेंस सेंटर खोलेगी

सी-क्लास ट्रांसपोर्टर और एफ-क्लास फाइटर्स बनाने वाली लॉकहीड मार्टिन ने भारत में हैवी मेंटेनेंस सेंटर खोलने की घोषणा की। अमेरिका और कनाडा के बाद एशिया में अपनी तरह का पहला और दुनिया में तीसरा होगा। दुनिया भर के सभी C-130J विमानों की यहां सर्विस, रखरखाव और मरम्मत की जाएगी।

भारत बनेगा वैश्विक विमान निर्माण उद्योग की धुरी

जब इतने सारे विमान भारत के आसमान पर राज करेंगे, स्वाभाविक रूप से देश में और अधिक हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। सरकार के पास पहले से ही 109 परिचालन हवाई अड्डे हैं और 23 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इस सौदे ने भारत को वैश्विक विमान निर्माण उद्योग की धुरी के रूप में स्थापित किया। यह देश और विदेश दोनों जगहों पर रोजगार सृजित करने में मदद करेगा और भारतीय विमानन के विकास में कई गुना अधिक योगदान देगा।

सिर्फ अमेरिका ही नहीं भारत में भी क्रिएट होंगी 3.60 लाख नौकरी

एयर इंडिया ने एयरक्राफ्ट खरीद पर भारत की सबसे बड़ी डील की है। इस डील से अमेरिका को काफी फायदा हो रहा है। इस पर यूएस प्रेसीडेंट खुद कह चुके हैं कि भारत के साथ हुई ऐतिहासित एविएशन डील से अमेरिका के 44 राज्यों में 10 लाख जॉब पैदा होंगी। इस डील से जॉब क्रिएशन के मामले में सिर्फ अमेरिका को ही फायदा नहीं होने वाला है, बल्कि भारत को भी काफी फायदा होगा। कुछ विशेषज्ञों ने इस डील से भारत में 3.60 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना जताई है। जानकारों का कहना है कि इसमें 60 हजार नौकरी डायरेक्ट और 3 लाख नौकरी इनडायरेक्ट हो सकती है।

डील से भारत एविएशन सेक्टर में काफी उछाल आएगा

टीवी9 की रिपोर्ट के अनुसार, एविएशन इंडस्ट्री के एक्सपर्ट हर्षवर्धन का मानना है कि इस डील से सिर्फ अमेरिका को ही नहीं बल्कि भारत को भी फायदा होगा। देश में 470 विमान भारत में आने वाले सालों में आएंगे। जिससे देश में 60 हजार डायरेक्ट नौकरी क्रिएट होने की संभावना है। वहीं 3 लाख नौकरी ऐसी क्रिएट होंगी जो इनडायरेक्ट क्राइटेरिया के कैटेगिरी में आती हैं। उन्होंने कहा कि इस डील से भारत एविएशन सेक्टर में काफी उछाल देखने को मिलेगा और भारत ग्लोबल एविएशन सेक्टर में काफी उपर देखने को मिलेगा। जिसका लोहा अभी से ही दुनिया के विकसित देश मानने लगे हैं।

मौजूदा समय में एयर इंडिया में 12 हजार कर्मचारी 

मौजूदा समय में एयर ​इंडिया के पास जून 2022 के हिसाब से 12 हजार से ज्यादा इंप्लाई की स्ट्रेंथ है। जिसमें से 8 हजार से ज्यादा स्ट्रेंथ परमानेंट है और 4 हजार स्ट्रेंथ कांट्रैक्चुअल बेसिस पर है। जानकारों की मानें तो आने वाले सालों में कई इंप्लॉयज रिटायर भी होने वाले हैं और कई इप्लॉयज का कांट्रैक्ट भी खत्म होने वाला है। जिसकी वजह से एयर इंडिया में हायरिंग प्रोसेस काफी तेजी के साथ होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी एयरलाइंस भी अपने आपको आगे बढ़ा रही हैं। जेट एयरवेज, अकासा भी अपने आपको अपग्रेड करने में जुटी हुई हैं।

एयर इंडिया के पास 8 साल में आएंगे 470 नए विमान

टाटा ग्रुप ने अमेरिका की बोइंग के साथ 220 एयरक्राफ्ट की डील की है। यह डील करीब 34 बिलियन डॉलर की है। इस डील में एयर इंडिया के पास 70 और एयरक्राफ्ट खरीदने का मौका ​होगा, जिसके बाद यह डील 45 अरब डॉलर से ज्यादा की हो जाएगी। इसी कारण अमेरिकी प्रेसीडेंट ने कहा था कि इस डील से अमेरिका में 10 लाख जॉब क्रिएट होंगी। वहीं दूसरी फ्रेंच कंपनी एयरबस के साथ एयर इंडिया ने 250 एसरक्राफ्ट की डील की है, जिसमें 100 अरब डॉलर का ट्रासंजेक्शन होगा। इसके लिए एयर इंडिया ने पिछले महीने कहा था कि वह अपने वाइड बॉडी प्लेन की मतम्मत में 40 हजार करोड़ डॉलर खर्च करेगा। इन सभी एयरक्राफ्ट की डिलिवरी 8 सालों में की जानी है।

एयर इंडिया डील से बढ़ेगा दुनिया में भारत का दमखम

इस डील से विश्व मानचित्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को देखा जा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने के साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि वह भारत के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हम पर आत्मविश्वास जाहिर किया है। इसी तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि इस करार की बदौलत देश भर में रोज़गार उत्पन्न होने में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि होगी। यूके सरकार ने एक बयान में कहा कि एयरइंडिया और रॉल्स रॉयस के बीच घोषित अरबों पाउंड के इस सौदे से वेल्स और डर्बीशायर में नई नौकरियों को पैदा होने में मदद मिलेगी, जो यूके के आर्थिक सुधार में अहम भूमिका निभाएगा।

फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी SAFRAN भारत में विशाल MRO सुविधा स्थापित करेगी

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि, यह करार दर्शाता है कि एयरबस और इसके सभी फ्रासींसी साझेदार भारत के साथ नए क्षेत्रों के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। यही नहीं फ्रेंच एयरोस्पेस इंजिन निर्माता SAFRAN भी जेट इंजनो की सेवा के लिए भारत में विशाल MRO सुविधा भी स्थापित करेगी।

भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाः ब्रिटेन

ब्रिटेन के व्यापार और ट्रेड सचिव केमी बडेनोच एमपी ने कहा कि, भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था है जो 2050 तक एक अरब मध्यम वर्ग उपभोक्ताओं के एक चौथाई के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। ऐसे में दुनिया के बड़े एयरोस्पेस क्षेत्र में यह करार यूके के लिए एक अहम उपलब्धि है और इससे कुशलता के क्षेत्र में हज़ारो रोज़गार उत्पन्न होंगे जो देश की अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी में उल्लेखनीय योगदान प्रदान करेंगे।

2023 की दूसरी छमाही में 25 बोईंग और 6 एयरबस भारत पहुंचेगा

एयर इंडिया ने अमेरिका के बोइंग और फ्रांस के एयरबस के साथ 470 जेट खरीदना का सौदा तय किया है, जिसमें 250 एयरबस और 220 बोईंग के आर्डर दिए गए हैं। 2023 की दूसरी छमाही में 25 एकदम नए बोईंग B737-800 और 6 एयरबस A350-900s का बेड़ा भारत में पहुंचेगा। 2025 तक विमानों की डिलीवरी बढ़ जाएगी। अमेरिकी के राष्ट्रपति ने एयर इंडिया-बोईंग के सौदे को एतिहासिक करार दिया है।

देश के सुदूर हिस्से भी एयर कनेक्टिविटी से जुड़ रहे हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के माध्यम से देश के सुदूर हिस्से भी एयर कनेक्टिविटी से जुड़ रहे हैं, जिससे लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। भारत की मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड विजन के तहत एयरोस्पेस मैन्यूफैक्चरिंग में अनेक नए अवसर खुल रहे हैं।रखरखाव और मरम्मत का हब बनेगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र को अगले 15 साल में 2000 से अधिक विमानों की जरूरत होगी। भारत इस क्षेत्र में विमानन क्षेत्र के लिए रखरखाव और मरम्मत का केंद्र भी बन सकता है।

डील की वजह? भारतीय एयरपोर्ट पर टूट रहा पैसेंजर का रिकार्ड

भारत का डेली पैसेंजर ट्रैफिक कोरोना से पहले 4.07 लाख पैसेंजर्स के रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। फरवरी में इंडियन एयरपोर्ट्स पर 4.37 लाख पैसेंजर का मूवमेंट देखा गया। इससे जाहिर है कि किराया बढ़ने के बावजूद भारत में एयर ट्रैवल की डिमांड बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए एयर इंडिया ने इतनी बड़ी डील की है।

टाटा ग्रुप की 4 एयरलाइन्स के पास 220 विमान

टाटा ग्रुप ने 2022 में एयर इंडिया को खरीद लिया था। इसके बाद से यह उसकी पहली एयरक्रॉफ्ट डील है। टाटा ग्रुप के पास एअर इंडिया के अलावा एयर एशिया इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस कंपनियां भी हैं। इन सबको मिलाकर कंपनी के पास 220 एयरक्राफ्ट हैं।

टाटा ने 18 हजार करोड़ में एयर इंडिया को खरीदा

एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने 18 हजार करोड़ रुपए में खरीदा था। यह डील 27 जनवरी, 2022 को हुई थी। करीब 69 साल पहले टाटा से एयर इंडिया कंपनी को लेने के बाद एयर इंडिया उसे दोबारा मिल गई। इस मौके पर एयरलाइंस से जुड़े अफसरों का कहना था कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप में वापस पाकर हम पूरी तरह से खुश हैं। हम विश्व स्तरीय एयरलाइन के रूप में सभी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

एयर इंडिया डील की रकम 140 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा

एयर इंडिया डील की जो रकम है वह 140 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है। CPEC में चीन ने जितना निवेश किया है उससे दोगुना है! इससे इस डील के भूराजनीतिक महत्व को समझा जा सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि इससे अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और साथ ही भारत में किस तरह और कितना रोजगार सृजित होने वाला है। भारत को छोड़कर, ये सभी राष्ट्र वैश्विक मंदी की जद में आ रहे हैं और आर्थिक हालत खराब है।

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक, यह डील एक तीर से कई निशाने

इस डील से भारत कई देशों को प्रभावित करने में सफल हुआ है जो आगे भविष्य में भारत के पक्ष में समर्थन हासिल करने में मदद करेगा। अब नजर डालिए कि पीएम मोदी ने आर्थिक लक्ष्यों के अलावा क्या हासिल किया है? इस डील से आने वाले दिनों में पाकिस्तान आर्थिक तौर पर और खस्ताहाल हो सकता है। रूस के साथ भारत की सौदेबाजी की अधिक सशक्त होगी। भारत का मध्य-पूर्व में अधिक प्रभाव बढ़ेगा। चीन और अलग-थलग होता जाएगा। भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील में शर्तों पर भारत अब यूके को अपने टेबल पर ला सकता है।

IMF ने की थी भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ

आईएमएफ ने पिछले महीने भारत की अर्थव्यवस्था को 6.1 फीसद की दर से आर्थिक वृद्धि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था का इस वित्तीय वर्ष में 7 फीसदी तक जाने का अनुमान है।कोविड के बाद भारत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी उम्मीद बन कर उभरा है।

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