भारत-चीन सीमा पर जारी टकराव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को करारा जवाब देने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (15 फरवरी, 2023) को हुई कैबिनेट बैठक में तीन ऐतिहासिक फैसले किए गए, जिसमें आईटीबीपी की बटालियन में वृद्धि करना, नई सीमा चौकियां बनाना और 4.1 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही सीमावर्ती गांवों का एकीकृत और हाईटेक विकास करने का फैसला लिया गया है। इससे जहां सीमा पर सेना की ताकत बढ़ेगी, वहीं सीमा तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। वहीं ग्रामीणों की मदद से चीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
आईटीबीपी की 7 नई बटालियन के गठन की मजूरी
मोदी सरकार ने चीन सीमा पर चप्पे-चप्पे पर सैनिकों की तैनाती के लिए भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 7 नई बटालियन के गठन की मजूरी दी है, जिसमें 9,400 नए पदों पर जवानों की भर्तियां की जाएंगी। इससे जवानों की संख्या 10% बढ़ जाएगी। मौजूदा वक्त में आईटीबीपी की 45 पलटनें और 4 विशेष पलटनें हैं। अब 7 नई बटालियान का गठन होने से एलएसी के हर एक प्वाइंट पर सैनिकों की तैनाती हो सकेगी। इससे अतिसंवेदनशील इलाकों में सेना की गश्त बढ़ जाएगी। साथ ही चीन पर 24 घंटे बारीकी से नजर रखना और गुस्ताखी करने पर उन्हें तत्काल मुंहतोड़ जवाब देना काफी आसान हो जाएगा। देश में पहली बार 24 अक्टूबर 1962 को आइटीबीपी का गठन किया गया था। आरंभ में इसकी सिर्फ 4 बटालियन थी।
एक दर्जन ऑपरेशनल बेस और 47 नई सीमा चौकियों का निर्माण
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS)ने आईटीबीपी के लिए एक दर्जन ‘स्टेजिंग कैंप’ या नए ऑपरेशनल बेस के साथ ही 47 नई सीमा चौकियों के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर कैंप अरुणाचल प्रदेश में सीमा के पास बनाए जाएंगे। नए पोस्ट बनने के बाद कुल पोस्ट में 26 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा। अभी एलएसी पर 176 बॉर्डर पोस्ट हैं। बताया जा रहा है कि आईटीबीपी की नई बटालियन और सेक्टर हेडक्वार्टर 2025-26 में बनकर तैयार हो जाएगा। आईटीबीपी लद्दाख में काराकोरम से अरुणाचल में जचेप ला तक 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रखवाली करती है।
ऑल वेदर सिंकुला टनल के निर्माण से होगी आसान पहुंच
एलएसी तक सेना की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए “ऑल वेदर टनल (सिंकुला टनल)” के निर्माण किया जाएगा। यह टनल नीमू पदम दर्चा रोड लिंक पर बनेगी। इस सुरंग के बनने से हर मौसम में 24 घंटे सेना के जवान एलएसी तक मूवमेंट कर सकेंगे। इससे आपातकालीन स्थिति में दुश्मन को जवाब देने के लिए सेना के बख्तर बंद वाहनों से लेकर पैदल सेना और युद्धक वाहनों को सीमा तक पहुंचाने में किसी भी मौसम में आसानी होगी। अभी तक भीषण सर्दियों में सियाचिन और ग्लेशियर तक जाने वाले रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में सेना की कनेक्टिविटी कमजोर हो जाती है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 2025 तक ये टनल बन जाएगी। इसकी लागत 1,681 करोड़ रुपए आएगी।
सीमा पर गांव बनेंगे हाईटेक, नजर रखने और घुसैपठ रोकने में मिलेगी मदद
मोदी सरकार ने सीमावर्ती इलाकों के विकास पर जोर दिया है। कैबिनेट ने वाइब्रेंट विलेज को लेकर के एक महत्वपूर्ण फैसला किया। इसके लिए चीन सीमा पर स्थित गांवोंं को हाईटेक बनाने के साथ ही आधारभूत ढांचा का विकास किया जाएगा। गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा से लेकर, पक्की सड़कें, 24 घंटे पानी, बिजली और हाईपर मार्केट की सुविधाएं भी मिलेंगी। मोदी सरकार की शुरू की गई योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसरों की तलाश की जाएगी, ताकि सीमावर्ती गांवों से ग्रामीणों के पलायन को रोका जा सके। इससे दुश्मन चीन पर भारतीय सेना को नजर रखने और घुसैपठ रोकने में ग्रामीणों की मदद मिलेगी।