खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को कड़ी फटकार लगाई है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी पर खादी के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तथ्यों के साथ सोनिया गांधी से साफ कहा है कि झूठी जानकारी देना और लोगो को गुमराह करना बंद करें।
खादी के खिलाफ पूरी तरह से गलत जानकारी फैलाई गई है। चलिए आपको हकीकत बताते हैं!
2013-14 में खादी की बिक्री 1,081 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2023-2024 में 6,496 करोड़ रुपये की शानदार वृद्धि दर्शाती है। जबकि, खादी ग्रामोद्योग ने वित्त वर्ष 2013-14 में 31,154 करोड़ रुपये से वित्त…
— Khadi India (@kvicindia) August 20, 2024
दरअसल में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने एक अखबार में प्रकाशित अपने एक लेख में लिखा है कि ‘मोदी सरकार खादी की अनदेखी कर रही है। आज देश में खादी कामगारों की आर्थिक स्थिति खराब है, इसके बावजूद पॉलिएस्टर और चीन से आयात किए गए कपड़े से तिरंगा बनाया जा रहा है।’ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की माता सोनिया गांधी ने ये भी लिखा कि ‘सरकार द्वारा खादी उद्योग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।’
खादी वह कपड़ा है, जिसे महात्मा गांधी जी ने राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व करते हुए स्वयं काता और बुना था।
खादी हमारे लिए आजादी के आंदोलन का लिबास है। हमारे संघर्ष और एकता की पहचान है। यह हमारी संस्कृति के साथ ही भारतीय आधुनिकता और आर्थिक शक्ति का प्रतीक है।
इन सबके बावजूद मोदी… pic.twitter.com/6AGUkSIG6X
— Congress (@INCIndia) August 20, 2024
भले ही कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने लेख में आरोप लगाया है कि मोदी राज में खादी उद्योग को नुकसान पहुंचा है। लेकिन उन्होंने अपने लेख में जो कुछ बताया है वो पूरी तरह से गलत है। खादी ग्रामोद्योग के आंकड़े कुछ और बता रहे हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है कि ‘2013-14 में खादी की बिक्री 1,081 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2023-2024 में 6,496 करोड़ रुपये की शानदार वृद्धि दर्शाती है। जबकि, खादी ग्रामोद्योग ने वित्त वर्ष 2013-14 में 31,154 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2023-24 में 1,55,673 करोड़ रुपये तक की बिक्री का आंकड़ा हासिल करने में बड़ी सफलता दिखाई है। वित्त वर्ष 2013-14 के लिए सरकारी आपूर्ति 42.25 करोड़ रुपये की थी, जिससे वित्त वर्ष 2023-24 में 111.86 करोड़ रुपये की सराहनीय वृद्धि हुई। क्या इस लेख में इस पर चर्चा की गई? साथ ही, हमारे खादी कारीगरों की मजदूरी वित्त वर्ष 2013-14 में 4 रुपये प्रति हैंक थी और वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10 रुपये प्रति हैंक हो गई। ये वो तथ्य हैं जिन्हें ज़ोर-शोर से नहीं दिखाया गया और इसलिए यह लेख वास्तविकता से कोसों दूर है।’
प्रधानमंत्री मोदी के प्रोत्साहन से केवीआईसी ने रचा इतिहास, 10 साल में खादी उत्पादों की बिक्री 400 प्रतिशत बढ़ी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खादी खरीदने की लगातार अपील के कारण खादी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। देश भर में बड़े पैमाने पर खादी की बिक्री हो रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाते हुए विश्व के सामने बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर पेश की है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
आजादी के बाद पहली बार केवीआईसी के उत्पादों का कारोबार 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। मोदी सरकार बनने के बाद पिछले 10 साल में ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 400 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 प्रतिशत, उत्पादन में 314.79 प्रतिशत और नए रोजगार सृजन में 80.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में बिक्री में 332.14 प्रतिशत, उत्पादन में 267.52 प्रतिशत और नए रोजगार सृजन में 69.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई। स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री जो वित्त वर्ष 2013-14 में 31154.20 करोड़ रुपये थी, वह वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 155673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रामीण क्षेत्रों में 10.17 लाख नए रोजगार सृजन कर केवीआईसी ने नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी और देश के सुदूर गांवों में काम करने वाले करोड़ों कारीगरों के अथक प्रयासों को दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खादी के समर्थन से लोगों का खादी उत्पादों पर विश्वास बढ़ा है। युवाओं के लिए खादी फैशन का ‘नया स्टेटस सिंबल’ बन गया है। बाजार में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में बड़े बदलाव और निर्णय लिए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि देश के लोगों का भरोसा ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर बढ़ा है।
मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 10 ऐसे कीर्तिमान स्थापित हुए हैं जिसने खादी को नई संजीवनी दी है।
1-खादी और ग्रामोद्योगी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि
खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 26,109.08 करोड़ रुपये था, वह वित्त वर्ष 2023-24 में 314.79 प्रतिशत की उछाल के साथ 108,297.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पादन 95956.67 करोड़ रुपये था। लगातार बढ़ता यह उत्पादन इस बात का पुख्ता सबूत है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऐतिहासिक कार्य किया है।
2-खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में बड़ा उछाल
पिछले 10 वित्त वर्षों में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों ने हर साल बिक्री के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां बिक्री 31,154.20 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 399.69 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ 1,55,673.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो अब तक की सर्वाधिक बिक्री है।
3-खादी कपड़ों के उत्पादन का नया कीर्तिमान
पिछले दस वर्षों में खादी वस्त्रों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी वस्त्रों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 295.28 प्रतिशत की उछाल के साथ 3,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वित्त वर्ष 2022-23 में खादी वस्त्रों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये रहा।
4-खादी कपड़ों की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास
पिछले दस वित्तीय वर्षों में खादी वस्त्रों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1,081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 500.90 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ यह 6,496 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2022-23 में 5,942.93 करोड़ रुपये के खादी वस्त्रों की बिक्री हुई।
5-रोजगार सृजन का नया कीर्तिमान
केवीआईसी ने पिछले दस वर्षों में रोजगार के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.30 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह 43.65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.87 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5.62 लाख नए रोजगार सृजित हुए, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 80.96 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.17 लाख तक पहुंच गया। खादी वस्त्रों के निर्माण में 4.98 लाख ग्रामीण खादी कारीगर और श्रमिक भी कार्यरत हैं।
6-खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में रिकॉर्ड वृद्धि
खादी कपड़ों के उत्पादन और बिक्री बढ़ने का लाभ खादी क्षेत्र से जुड़े खादी कामगारों को भी मिल रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 से अब तक इनके पारिश्रमिक में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। हाल ही में, 1 अप्रैल, 2023 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है।
7-आत्मनिर्भर भारत का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी अभियान से देश के युवाओं को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-PMEGP ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह योजना ‘नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने’ के पीएम मोदी के सपने को साकार करती है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बड़े मंचों से खादी के प्रचार-प्रसार का खादी वस्त्रों की बिक्री पर व्यापक असर पड़ा है। पिछले वर्ष देश में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने जिस तरह से खादी का प्रचार-प्रसार किया, उससे विश्व समुदाय खादी की ओर आकर्षित हुआ है। इसने लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है।
8-ग्रामोद्योग विकास योजना का नया रिकॉर्ड-
गरीब कल्याण और समाज के सबसे निम्न स्तर पर कार्य करने वाले कारीगरों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ‘ग्राम विकास योजना’ के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित कर रहा है। “हनी मिशन” कार्यक्रम के अंतर्गत 2017-18 से अब तक, 19118 लाभार्थियों को 1,89,989 लाख मधुमक्खी-बॉक्स और मधुमक्खी कालोनी का वितरण किया जा चुका है। ‘कुम्हार सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के माध्यम से, अभी तक 25 हजार से अधिक कुम्हारों को आधुनिक विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील) का वितरण किया जा चुका है।
9-खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भूतपूर्व वृद्धि
खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां यहां कारोबार 51.13 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 87.23 प्रतिशत बढ़कर 95.74 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में खादी ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली का कारोबार 83.13 करोड़ रुपये रहा।
10-नई दिल्ली के खादी भवन का नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित केवीआईसी के फ्लैगशिप ‘खादी भवन’ की बिक्री ने 2 अक्टूबर 2023 को पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर खादी प्रेमियों ने एक दिन में पहली बार 1.52 करोड़ रुपये की खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीद कर नया कीर्तिमान बना दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 25 सितंबर, 2022 को “मन की बात” में खादी खरीदने की अपील की थी, जिसने इस रिकॉर्ड बिक्री को प्राप्त करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री की अपील के चलते बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर युवाओं का रुझान खादी खरीदने की ओर हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की बात में अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार दो अक्टूबर, 2014 को मन की बात में देशवासियों से खादी खरीदने की अपील की थी। उसके बाद से अब तक खादी के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार, 25 जुलाई, 2021 को मन की बात में उन्होंने एक बार फिर खादी का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा, ‘साल 2014 के बाद से ही ‘मन की बात’ में हम अक्सर खादी की बात करते हैं। ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। क्या कोई सोच सकता था कि खादी के किसी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो सकती है! लेकिन आपने ये भी कर दिखाया है। आप जब भी कहीं पर खादी का कुछ खरीदते हैं, तो इसका लाभ, हमारे गरीब बुनकर भाइयो-बहनों को ही होता है। इसलिए खादी खरीदना एक तरह से जन-सेवा भी है, देश-सेवा भी है।’
आइए अब देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किस तरह से रोज बन रहे हैं नए रिकॉर्ड
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में खादी इंडिया पवेलियन ने की 12.06 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री
नई दिल्ली के भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में खादी इंडिया पवेलियन ने 12.06 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। इसके साथ ही उद्यमियों को उनके उत्पादों की आपूर्ति के लिए काफी सारे ऑर्डर प्राप्त हुए। खादी इंडिया पैवेलियन में प्रदर्शित प्रीमियम खादी वस्त्रों, पश्चिम बंगाल की मलमल खादी, जम्मू और कश्मीर की पश्मीना, गुजरात से पटोला रेशम, बनारसी रेशम, भागलपुरी रेशम, पंजाब की फुलकारी, आंध्र प्रदेश की कलमकारी और कई अन्य प्रकार के सूती, रेशम और ऊनी उत्पादों में लोगों ने रूचि दिखाई और खरीदारी की।
40 दिन में चार बार एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा के खादी उत्पादों की बिक्री
खादी उत्पादों ने कोरोना काल में भी बिक्री में रिकॉर्ड बनाया। नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया स्टोर पर खादी की एक दिन की बिक्री 30 अक्टूबर, 2021 को 1.29 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसके पहले साल 2020 में 2 अक्टूबर के बाद से सिर्फ 40 दिनों में कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया आउटलेट पर खादी की एक दिन की बिक्री चार बार 1 करोड़ रुपये को पार कर गया है। दिवाली से एक दिन पहले 13 नवंबर को इस आउटलेट की कुल बिक्री 1.11 करोड़ रुपए रही, जो इस साल किसी एक दिन में सबसे बड़ी बिक्री का आंकड़ा है। कोरोना काल में खादी की बिक्री का आंकड़ा गांधी जयंती (दो अक्टूबर) को 1.02 करोड़ रुपए और 24 अक्टूबर को 1.05 करोड़ रुपए और सात नवंबर को 1.06 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
इससे पहले 2018 में एक दिन की बिक्री ने चार मौकों पर एक करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया था। 13 अक्टूबर, 2018 को 1.25 करोड़ रुपए की बिक्री एक दिन की बिक्री का सबसे बड़ा आंकड़ा थी। खादी की एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी बिक्री 1.27 करोड़ रुपए दर्ज की गयी है जो 02 अक्टूबर, 2019 के दिन हासिल हुई थी। गौरतलब है कि 2016 से पहले खादी की एक दिन की बिक्री कभी भी एक करोड़ रुपए के पार नहीं गई थी। 22 अक्टूबर, 2016 को कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया के आउटलेट पर एक दिन की बिक्री का आंकड़ा पहली बार एक करोड़ रुपए के पार गया था, यह 116.13 लाख रुपए था।
खादी की एक दिन की बिक्री का आंकड़ा:
* 22 अक्टूबर, 2016 – 116.13 लाख रु.
* 17 अक्टूबर, 2017 – 117.08 लाख रु.
* 02 अक्टूबर, 2018 – 105.94 लाख रु.
* 13 अक्टूबर, 2018 – 125.25 लाख रु.
* 17 अक्टूबर, 2018 – 102.72 लाख रु.
* 20 अक्टूबर, 2018 – 102.14 लाख रु.
* 02 अक्टूबर, 2019 – 127.57 लाख रु.
* 02 अक्टूबर, 2020 – 102.24 लाख रु.
* 24 अक्टूबर, 2020 – 105.62 लाख रु.
* 07 नवंबर, 2020 – 106.18 लाख रु.
* 13 नवंबर, 2020 – 111.40 लाख रु.
* 02 अक्टूबर, 2021 – 101.66 लाख रु.
* 30 अक्टूबर, 2021- 129 लाख रुपये
* 02 अक्टूबर, 2022 – 133.97 लाख रुपये
* 02 अक्टूबर, 2023 – 152.45 लाख रुपये
मोदी राज में बिक्री में हुई जबरदस्त वृद्धि
मोदी सरकार द्वारा मिले बढ़ावे से देश भर में खादी वस्त्रों और कपड़े की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। खादी ई-पोर्टल, खादी मास्क, खादी फुटवियर, खादी प्राकृतिक पेंट और खादी हैंड सैनिटाइज़र आदि का शुभारंभ, नई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) इकाइयों की रिकॉर्ड संख्या की स्थापना, नए स्फूर्ति क्लस्टर, स्वदेशी’ के लिए सरकार की पहल और खादी आयोग का अर्धसैनिक बलों के सामाग्री की आपूर्ति करने के ऐतिहासिक समझौते से महामारी के इस दौर में केवीआईसी के कारोबार में वृद्धि हुई।
खादी उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला
खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और शैंपू, आयुर्वेदिक दवाएं, शहद, तेल, चाय, अचार, पापड़, हैंड सैनिटाइजर, मिष्ठान्न, खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है।
‘मोदी जैकेट और कुर्ता’ के दीवाने हुए युवा
प्रधानमंत्री मोदी का अंदाज हमेशा ही चर्चा का विषय बना रहा है, फिर चाहे उनका कुर्ता हो या फिर जैकेट। युवाओं में ‘मोदी जैकेट और कुर्ता’ को लेकर खासी दीवानगी देखी जा रही है। मोदी स्टाइल का खादी ‘कुर्ता-जैकेट’ युवाओं के फैशन का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा खादी से बने परिधानों के अधिक से अधिक इस्तेमाल के पक्षधर रहे हैं। सत्ता में आने के बाद से ही पीएम मोदी ने खादी के प्रति लोगों का लगाव बढ़ाने के लिए हर मंच से अपील की है। चाहे वो मन की बात हो या फिर लाल किले से भाषण, हर जगह से प्रधानमंत्री ने देशवासियों से खादी से बने वस्त्रों और दूसरे उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया है। इसी का असर है आज खादी जितनी अधिक लोकप्रिय है, उतनी पहले कभी नहीं रही।
मोदी जैकेट की भारी मांग
नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद मोदी जैकेट की मांग तेजी से बढ़ी है। खासकर युवाओं में मोदी जैकेट का क्रेज काफी देखा जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार देशभर के खादी बिक्री केन्द्रों पर मोदी जैकेट और मोदी कुर्ते की भारी मांग है। यहां सूती और रेशमी के बाद अब ऊनी कपड़े में भी मोदी जैकेट बेची जा रही है।
खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन
खादी एक ऐसा वस्त्र है, जो आज भी ग्रामीण भारत को चेहरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से खादी का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं से खादी के उपयोग की अपील की और फैशन के लिए खादी पर बल दिया। उन्होंने नारा दिया ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’। प्रधानमंत्री के इस नारे ने गजब का कमाल दिखाया। लोगों में खादी को लेकर जबरदस्त क्रेज सामने आया। परिणाम यह रहा कि देश में खादी की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।
खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन
प्रधानमंत्री मोदी ने खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन से इसे नया स्वरूप दे दिया है। मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही ग्रामीण इकाइयों के उत्थान की दिशा में प्रयास तेज कर दिए। इन लघु इकाइयों को अनेक योजनाओं की सहायता से हर जरूरी साधन-संसाधन उपलब्ध कराए, इकाई आरंभ करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया। उन्होंने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आवश्यकताओं और परेशानियों को समझा। उसे दूर करने के लिए आवश्यक प्रावधान किए। प्रधानमंत्री का यह सपना है कि जल्दी ही खादी इतनी ऊंचाइयों को छुए कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा भारतीय ब्रांड बन जाए।
विदेशी भी हुए मोदी जैकेट के दीवाने
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून इस ‘मोदी जैकेट’ से इस तरह प्रभावित हुए कि वह अपने दफ्तर भी मोदी जैकेट पहनकर जाने लगे । ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए मून ने बताया कि भारत दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जैकेट की तारीफ की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके लिए उसी तरह की जैकेट भेज दीं। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि, ‘मैंने अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि वे इस जैकेट में शानदार दिखते हैं। उन्होंने मुझे ये जैकेट भेजे हैं। सारे मेरी साइज के हिसाब से तैयार किये गये हैं। इस सद्भाव के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं।’ ब्रिक्स समिट 2016 में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील राष्ट्रपति माइकेल टेमर ने डिनर के दौरान मोदी जैकेट में नजर आए थे।