वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों के संरक्षण की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने इस याचिका पर आगे भी सुनवाई करने का फैसला लिया है। जज का फैसला आते ही कोर्ट परिसर हर हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा। अदालत में टेनेबिलिटी यानी पोषणीयता पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद केस में आगे सुनवाई होगी। दरअसल कोर्ट को आज यही फैसला करना था कि हिन्दू पक्ष की याचिका सुनने योग्य है या फिर नहीं। वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
जिला जज ने मुस्लिम पक्ष के आवेदन रूल 7 नियम 11 के आवेदन खारिज किया। मुख्य रूप से उठाये गए तीन बिंदुओं प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड से इस वाद को बाधित नहीं माना और श्रृंगार गौरी वाद सुनवाई योग्य माना। याचिका खारिज होने पर मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि ये फैसला न्यायोचित नहीं है। हम फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। मुस्लिम पक्ष के वकील ने जज पर संसद के कानून को दरकिनार कर फैसला देने और बिकने का आरोप लगाया।
कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं का दौरा शुरू हो गया। फैसले के पक्ष और विपक्ष में दलीलें दी जाने लगीं। लेकिन द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने वारणसी कोर्ट के फैसले पर जो प्रतिक्रिया दी, वो कोर्ट और संविधान के प्रति नफरत को दर्शाता है। खुद को कथित सेकुलर-लिबरल बताने वाली आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट कर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट करके लिखा, “हर रोज एक नया जख्म !”
हर रोज़ एक नया ज़ख़्म !
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) September 12, 2022
आरफा खानम शेरवानी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही हैं। लोगों ने मुस्लिमों को भड़काने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि ये “पत्रकार” मुसलमानों को भड़काने के लिए इस तरह का ट्वीट कर रही हैं। और फिर यही लोग संविधान और अदालत की दुहाई देते फिरते हैं।
#ज्ञानव्यापी पर अदालत का फैसला आने के बाद अंजुमन कमेटी के वकील मेराजुद्दीन कह रहे हैं कि जज बिक गए और ये “पत्रकार” मुसलमानों को भड़काने के लिए इस तरह का ट्वीट कर रही हैं।
और फिर यही लोग संविधान और अदालत की दुहाई देते फिरते हैं। pic.twitter.com/PGK2rSTqW6— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) September 12, 2022
एक ट्विटर यूजर ने आरफा खानम शेरवानी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उसने लिखा, “मोहतरमा जबरन कब्जा क्यों,चोरी करों,और जब वादी संवैधानिक तरीके से अपने हक को मांगे,तब विक्टिम कार्ड खेलों गजब हैं।” आइए देखते हैं, किस तरह लोगों ने आरफा खानम शेरवानी के भड़काने वाले ट्वीट के बाद अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं…
मोहतरमा जबरन कब्जा क्यों,चोरी करों,और जब वादी संवैधानिक तरीके से अपने हक को मांगे,तब विक्टिम कार्ड खेलों गजब हैं।
— राजीव पटेल (@RajivPa64534116) September 12, 2022
पहले हमारे मंदिर तोड़े फिर हमारे महादेव के उपर थूकेते हो, पैर हाथ धोते हो, और उपर से इतना नाटक करते हो
शर्म नाम की चीज है की नही तुम लोगो के अन्दर ?— Rahul Kr. Sr. (@BiharKaLall) September 12, 2022
हमारे मंदिरों को तोड़ा वो जख्म नहीं था पर मंदिर वापस लेने का प्रयास जख्म हो गया।
गजबे है… बिलबिलाते रहो
— Mr Sinha (@MrSinha_) September 12, 2022
कोर्ट की एक सुनवाई में ही आपको ज़ख्म लग गया। जिनके हजारो मंदिरो को बलपूर्वक तोड़ा गया, जिनके सनातन प्रतिको को नष्ट किया गया,
जिन्हें सैकड़ों वर्षों तक अपने आराध्य प्रभु की पूजा से वंचित रखा गया
उन सनातनियों की आत्मा कितनी रोई होंगी अब महशूस करो
पाप किया है, भोगना तो पड़ेगा..— रविन्द्र यादव ‘रवि’ (@RavindraYadavIN) September 12, 2022