देश भर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता लोगों के सर चढ़कर बोलती है। चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय निकाय चुनाव। बीजेपी पर लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है। बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतती जा रही है। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए खत्म होने के बाद पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा 74 सीटें जीत चुकी है, जबकि स्थानीय पार्टियां अकेले इस आंकड़े के पास भी नहीं पहुंच पाई हैं। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) को 67, जबकि पीडीपी को सिर्फ 27 सीटें मिली हैं। कांग्रेस किसी तरह 26 सीटें जीत पाई है। यहां 49 निर्दलीय उम्मीदवारों को भी कामयाबी मिली है।
Jammu and Kashmir DDC elections tally at 9.30 am:
BJP- 74
National Conference – 67
Independent – 49
J&K PDP: 27
Congress: 26
Apni Party: 12(Data source: J&K State Election Authority) pic.twitter.com/z5KHPm3pAV
— ANI (@ANI) December 23, 2020
डीडीसी चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि भाजपा को नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर पाए गए वोट से ज्यादा वोट मिले हैं। यहां बीजेपी को 487364 वोट मिले हैं, जबकि एनसी को 282514, पीडीपी को सिर्फ 55789 और कांग्रेस को 139382 वोट मिले हैं। एनसी, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल वोट 477685 होते हैं, जो बीजेपी को मिले वोट से काफी कम है।
इस चुनाव की एक खास बात यह भी रही कि बीजेपी ने कश्मीर में पहली बार तीन सीटें जीती हैं। बांदीपोरा की तुलेल सीट से बीजेपी के एजाज अहमद खान ने निर्दलीय उम्मीदवार को 1330 वोटों से हराया। पुलवामा जिले की काकपोरा-दो सीट से मिन्हा लतीफ ने पीडीपी की रकैया बानो को 14 वोटों से हराया। जबकि श्रीनगर की खानमोह-दो से एजाज हुसैन राथर ने अपनी पार्टी के गुलाम हसन हज्जाम को 441 वोटों से मात दी।
जम्मू-कश्मीर में आठ चरणों में हुए डीडीसी चुनाव की शुरुआत 28 नवंबर को हुई थी। इस दौरान कुल 280 सीटों पर चुनाव हुआ। 280 सीटों में से 140 सीट जम्मू संभाग में है और 140 सीट कश्मीर संभाग में है। इस चुनाव में मतदाताओं ने काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।