गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की आज 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई। नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और रक्षा सहयोग सहित कई करार किए गए।
राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मुझे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने अपने देश में कई भारतीय योजनाओं का अध्ययन किया है और उन्हें लागू कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी योजनाओं से प्रेरणा ली है।
दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल आर्थिक और चिकित्सा सहायता दी, बल्कि हमारे संघर्ष में नैतिक समर्थन भी दिया। इतना ही नहीं इंडोनेशिया के दूतावास की जमीन भारत सरकार द्वारा गिफ्ट में दी गई थी, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों में इंडोनेशिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही, उन्होंने नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 को भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। यह कदम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा था। और जब हम गणतंत्र के 75 वर्ष मना रहे हैं, इंडोनेशिया एक बार फिर, इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बना है।
राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक में साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और कट्टरपंथ से मुक्ति के लिए मिलकर काम करने पर भी बल दिया गया है। इसके साथ ही ऊर्जा, खनिज, विज्ञान और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। इसे और बढ़ाने के लिए हमने मार्केट एक्सेस और ट्रेड बास्केट को बढ़ाने पर बात की है। निजी क्षेत्र भी हमारे प्रयासों में बराबर का भागीदार है। दोनों देश फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हैं।