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प्रधानमंत्री मोदी को ‘गाली’ देने वाले वाले इन तथाकथित बुद्धिजीवियों से बचकर रहिए

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08 अगस्त, 2018 को राहुल गांधी ने महिला कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित किया। वक्त यह बताने का था कि वह आने वाले समय में महिलाओं को लेकर क्या विजन रखते हैं, लेकिन उन्होंने इसका उपयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अयोग्य, तानाशाह और अहंकारी बताने के लिए किया। इससे पहले भी राहुल गांधी कई बार प्रधानमंत्री मोदी पर निजी हमले कर चुके हैं। 16 फरवरी, 2018 का उनका यह ट्वीट देखिये। 

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘घोटालेबाजों के भागने का फार्मूला: ल (मो) + नी (मो) — न(मो) (के साथ) —-> भा (गो)’’ इस ट्वीट के साथ उन्होंने #मोदीरॉब्सइंडिया (मोदी ने भारत को लूटा) भी लिखा।

जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी को राहुल गांधी ने ‘लुटेरा’ कहा। दरअसल राहुल गांधी ही नहीं कांग्रेस के अधिकतर नेता भी गाली गलौच की परम्परा में ही यकीन करते हैं।  विडम्बना यह है कि अब तो देश में बुद्धिजीवी वर्ग का एक विशेष तबका भी इसी ‘कांग्रेसी परम्परा’ का अनुसरण कर रहा है। खुद को निष्पक्ष बताते का ढोंग रचते हुए न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, बल्कि वह कांग्रेस एजेंट के तौर पर सक्रिय रूप से काम भी कर रहा है।

आइये हम कुछ ऐसे ही उदाहरणों पर नजर डालते हैं –

शेहला रशीद

9 जून 2018 को किया गया शेहला रशीद का यह ट्वीट देखिये। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को Mass murderer कहा है। 

जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद वही हैं जो हाल में ही में 04 अगस्त को जंतर-मंतर पर एक प्रोटेस्ट के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के साथ मंच शेयर कर रही थीं। 

इफरा मुफ्ती

हिंदुस्तान टाइम्स की पत्रकार इफरा मुफ्ती ने 08 फरवरी, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी के लिए ‘जाहिल’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया। आप इनकी भाषा के स्तर से अंदाजा लगा सकते हैं कि ये किसी भी तरह से पत्रकार कहलाने के लायक नहीं है। आप देख सकते हैं कि किस तरह से इफरा मुफ्ती के इस ट्वीट को दिल्ली कांग्रेस ने रीट्वीट भी किया है

प्रेरणा बख्शी

खुद को लेखक, कवयित्री और कॉलमिस्ट बताने वाली प्रेरणा बख्सी ने पीएम मोदी के लिए अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया है। 09 जुलाई, 2014 को और दूसरा 21 जनवरी 2017 को ट्वीट कर उन्होंने पीएम मोदी के बारे में जो कहा आप खुद ही देखिए।

मृणाल पांडे

पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर मृणाल पांडे ने कांग्रेस की चमचागीरी की हद कर दी। आप उनके Tweet से देख सकते हैं कि वह कांग्रेस को खुश करने के लिए वह कितना नीचे गिर सकती हैं-

मृणाल पांडे कांग्रेस शासन काल में 21 बार भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संग विदेश घूम आई हैं। प्रसार भारती के अध्यक्ष, पद्म श्री के बाद अब कांग्रेस पोषित  ‘द एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ समूह का वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार बन गई हैं। हाल में ही वह कांग्रेस द्वारा आयोजित महिला कॉन्फ्रेंस में भी राहुल गांधी के साथ मौजूद थीं। जाहिर है मृणाल पांडे का एकमात्र मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाना है।

अभिषेक मिश्रा

06 सितंबर, 2017 को अभिषेक मिश्रा नाम के इस शख्स ने प्रधानमंत्री मोदी को Fraud तक कह दिया… और कुछ लोग अब भी ये आरोप लगा रहे हैं इस देश में बोलने की आजादी नहीं है।

ये वही अभिषेक मिश्रा हैं जिनका दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे नेताओं के साथ बेहद करीबी का नाता है। 

सुप्रतीक चटर्जी

पिछले साल 17 सितंबर, 2017 को पत्रकार सुप्रतीक चटर्जी ने अपने ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री मोदी की मौत की कामना की। यह खुद को बौद्धिक कहने वाले पत्रकार की सोच का दिवालियापन नहीं तो क्या है? आप भी देखिये ये ट्वीट-

प्रशांत भूषण

मोदी सरकार के आने के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट के ऐसे वकीलों की दुकान बंद हो गई है जो सत्ता के साथ मिलकर मलाई खाते थे। इन्हीं में से एक हैं प्रशांत भूषण। इसी सख्ती से बौखलाए हुए प्रशांत भूषण प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध एजेंडा चलाते रहते हैं। उनके कई ट्वीट्स ये साबित करते हैं कि वे कांग्रेस की भाषा बोलते हैं। 03 अगस्त के इस ट्वीट में वे राहुल गांधी के बयान को दोहरा रहे हैं। 

विशाल डडलानी

म्यूजिक कंपोजर और गायक विशाल डडलानी ऐसे तो फिल्मी दुनिया में एक फ्लॉप आर्टिस्ट माने जाते हैं, लेकिन अपनी गिरी हुई हरकत बार-बार दोहराते रहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने एक ट्वीट में ‘हत्यारा” कहा। विशाल डडलानी ने इस ट्वीट में लिखा, “एक मूर्ख और एक हत्यारे के बीच फंस गए हैं… भारत, अब क्या…?” 

दरअसल विशाल डडलानी आम आदमी पार्टी से झुकाव रखते हैं। यह इस बात से भी जाहिर होता है कि उनकी इस तरह की गिरी हुई हरकत को अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट किया था।

ओम थानवी

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने 15 जून को ट्वीट किया,  ”46 इंच का सीना अब 56 का हो चुका…” जरा सोचिए ये भाषा किसी संपादक का हो सकता है क्या?

राजस्थान पत्रिका अखबार के कंसल्टिंग एडिटर ओम थानवी का नाता कांग्रेस से पहले ही जगजाहिर होता रहा है और वे अब और अधिक खुलकर कांग्रेस का एजेंडा चला रहे हैं। 

रूपा सुब्रमण्या

लेखिका रूपा सुब्रमण्या को बुद्धिजीवी होने का गुमान है, लेकिन समय-समय पर अपनी बौद्धिक दरिद्रता से रूबरू करवाती रहती हैं। यकीन न हो तो 01 जुलाई, 2018 को किए गए उनके इस ट्वीट को देखिये…

मोदी विरोध के नाम पर अपना नाम चमकाने के चक्कर में ओछी हरकत पर भी उतर आई हैं। क्या उन्हें नहीं पता है कि देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी का चयन किया है और देश पर पांच वर्षों के लिए शासन का अधिकार दिया है। आखिर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल कर अपनी बौद्धिक दिवालियेपन का ही तो सबूत दे रही हैं। 

रामचंद्र गुहा

26 जून 2018 को लेखक, पत्रकार, स्तम्भकार और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना माओत्से तुंग से की और उन्हें तानाशाह कहा। लेकिन व्यक्ति विरोध के ‘अंधेपन’ में गुहा ये भूल गए हैं कि पीएम मोदी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का  नेतृत्व करते हैं और उन्हें भारत की आम जनता ने प्रधानमंत्री पद के लिए चुना है। 

कुणाल कामरा

कुणाल कामरा एक कॉमेडियन हैं, लेकिन वे अपने प्रोफेशन में राजनीति का चस्का लगा रहे हैं। कहा जाता है कि कांग्रेस उसे फंडिंग करती है और प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ाने के लिए कहती है। 15 अक्टूबर और 14 नवंबर, 2017 के ये दो ट्वीट देख कर आप खुद सोच सकते हैं कि किस तरह से अभिव्यक्ति की आजादी का मजाक उड़ाया जा रहा है। 

स्वाति चतुर्वेदी

कांग्रेस के लिए काम करने वाले पत्रकारों में एक स्वाति चतुर्वेदी भी हैं। स्वाति चतुर्वेदी कई समाचार पत्रों और वेबसाइट पर कांग्रेस की सोच को परोसने का काम करती हैं। स्वाति को सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप और तर्कहीन बातें लिखना काफी भाता है। 16 जून, 2017 के इस ट्वीट से साफ जाहिर होता है कि वह दुष्प्रचार में भी शामिल हैं। 

सबा नकवी

कई टेलीविजन चैनलों पर अक्सर दिखने वाली पत्रकार सबा नकवी का एजेंडा भी सेट है और वह किसी भी सूरत में पीएम मोदी को नहीं देखना चाहती हैं। 19 जून, 2018 का यह यह ट्वीट उनके इसी नफरत को जाहिर करता है। 

सागरिका घोष

सागरिका घोष एक नामी-गिरामी पत्रकार हैं, लेकिन मोदी विरोध में वह देश की विरासत का भी विरोध करने से नहीं चूकती हैं। 20 जून को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले ट्वीट किया। इसमें उन्होंने योग के माध्यम से देश में भारत की बढ़ी धाक का जिक्र न कर इसे कम दिखाने की कोशिश की। 

प्रधानमंत्री मोदी की किसी भी नीति पर विरोधी एजेंडे को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इसका सबसे अच्छा नमूना, सागरिका ने अपने 3 जनवरी के Tweet में दिखाया। तीन तलाक को कानूनी रुप से अपराध घोषित करके मुस्लिम महिलाओं को अधिकार देने वाला विधेयक जब लोकसभा से पारित हुआ तो सागरिका ने लिखा –

दरअसल सागरिका घोष कांग्रेस को खुश करने के लिए ऐसे ट्वीट करती रहती हैं। उनके कई कांग्रेसी नेताओं से बेहद करीबी ताल्लुक रहे हैं। आप इस तस्वीर को देखेंगे तो खुद समझ जाएंगे कि सागरिका क्यों मोदी सरकार से चिढ़ती हैं। 

विनोद कापरी

16 जून, 2018 को विनोद कापरी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी को अहंकारी कहा। उन्होंने ट्वीट किया,  आपने लोकतंत्र की धज्जियाँ …।

अशोक स्वाइन

16 जून, 2018 को अशोक स्वाइन ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए कहा कि उन्होंने लोकतंत्र को एक भयानक मजाक में तब्दील कर दिया है।

दरअसल सच्चाई यह है कि ऐसे कांंग्रेस परस्त बुद्धिजीवियों को एक सामान्य परिवार के व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना रास नहीं आ रहा है। इसलिए ऐसे भद्दे कमेंट से अपनी बौद्धिक दिवालिएपन का सबूत बार-बार दे रहे हैं।  

बहरहाल लेखक, पत्रकार, समाजिक क्षेत्र से जुड़े ‘सभ्य’ लोगों की ‘असभ्य’ भाषा से तो आप रूबरू हो गए। अब आइए एक नजर डालते हैं कांग्रेस से जुड़े लोगों की ओछी मानसिकता पर, जो गाहे-बगाहे प्रधानमंत्री मोदी के लिए घृणा की अपनी भावना ट्वीट्स के जरिये जाहिर करते रहते हैं।  

दिव्या स्पंदना

कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना ने पीएम मोदी पर गांजे के नशे में होने का आरोप लगाया। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के चुनावी सभा में कहा था, ”किसान मेरी TOP प्रॉयरटी पर हैं। TOP का मतलब बताते हुए मोदी ने कहा कि T से टोमैटो यानि टमाटर, O से ओनियन मतलब प्याज और P से पोटैटो यानी आलू बताया।”  लेकिन पीएम के भाषण के बाद दिव्य स्पंदना ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘ऐसा तब होता है जब आप ‘POT’ पर होते हैं।’

गौरतलब है कि POT शब्द आमतौर पर नशे की दुनिया में खूब इस्तेमाल किया जाता है। और POT का इस्तेमाल गांजा फूंकने वालों के लिए किया जाता है। 

सलमान निजामी

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्विटर पर गाली देते हुए पूछा कि मोदी के पिता और दादा कौन हैं। निजामी ने लिखा कि “राहुल गांधी राजीव गांधी का बेटा है, जिसने देश के लिए बलिदान दिया। राहुल गांधी इंदिरा गांधी का पोता है, जिसने देश के लिए बलिदान दिया। राहुल गांधी जवाहर लाल नेहरू का प्रपौत्र है, जिसने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। Narendra Modi Son of …..? Narendra Modi Grand Son of ……?” 

सलमान निजामी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कितने करीबी हैं आप इन तस्वीरों से समझ सकते हैं। 

मनीष तिवारी

कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर ही उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। मनीष तिवारी ने  ट्वीट किया, ‘इसे कहते हैं चू*** को भक्त बनाना और भक्तों को पर्मानेंट चू*** बनाना- जय हो। यहां तक कि महात्मा भी मोदी को देशभक्ति नहीं सिखा सकते”

दिग्विजय सिंह

8 सितंबर, 2017 को दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से एक मीम शेयर कर प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। दिग्विजय ने पीएम मोदी के बारे में लिखा कि 1. भक्तों को चू*** बनाया और 2. चू*** को भक्त बनाया। 

अल्पेश ठाकोर

राहुल गांधी के करीबी नेता अल्पेश ठाकोर ने फरवरी, 2018 में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। अल्पेश के ट्वीट किया कि, ‘पुरानी कहावत है….।’

संजय झा

21 जून 2018 को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन कांग्रेस के असभ्य नेताओं ने इसमें भी अपनी राजनीति तलाश ली। 25 जून को संजय झा ने जो ट्वीट किया वह आप खुद देख सकते हैं। 

यूथ कांग्रेस

21 नवंबर, 2017 को यूथ कांग्रेस की ऑन लाइन मैग्जीन ने विवादित ट्वीट किया और विवाद बढ़ने पर डिलीट कर दिया। इस ट्वीट में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर चाय बेचने को लेकर तंज कसा।

 

 

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